एस पी मित्तल, अजमेर
15 फरवरी को भी जयपुर में राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाहर आरएएस मेन परीक्षा के अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन जारी रखा। आरएएस प्री परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी अब मैन एग्जाम की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों खास कर महिला अभ्यर्थियों का कहना है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग में कुछ दिन पहले ही मैन परीक्षा का सिलेबस जारी किया है। जबकि आयोग को प्री परीक्षा के बाद ही सिलेबस जारी कर देना चाहिए था। आयोग ने जो नया सिलेबस जारी किया है वह पुराने वाले सिलेबस से 80 प्रतिशत तक बदला हुआ है। नए सिलेबस के अनुरूप अभ्यर्थियों को पढ़ाई के लिए दो तीन माह का तो समय चाहिए ही। आयोग ने 25 व 26 फरवरी की जो तिथि घोषित की है, उसे देखते हुए नए सिलेबस के अनुरूप पढ़ाई करना मुश्किल है। अभ्यर्थियों ने कहा कि यह समझ में नहीं आता कि आखिर आयोग इतनी जल्दबाजी में आरएएस मैन जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा क्यों लेना चाहता है? जिन अभ्यर्थियों ने कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की है उन्हें मुख्य परीक्षा के लिए कम से कम दो माह का तो समय चाहिए ही। देरी से सिलेबस जारी करने के लिए आयोग जिम्मेदार है। आयोग की गलती की सजा अभ्यर्थी क्यों भुगते? यहां यह उल्लेखनीय है कि आरएएस की पिछले परीक्षा को लेकर अनेक गड़बडिय़ां उजागर हुई थी। अभ्यर्थियों को आशंका है, पहले जैसी गड़बडियां हुई तो योग्य अभ्यर्थी आरएएस बनने से वंचित हो जाएंगे और प्रभावशाली व्यक्तियों के रिश्तेदार अच्छे अंकों से परीक्षा उत्तीर्ण कर लेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं कि आरएएस मैन के अभ्यर्थियों की मांग जायज है। जिस तरह रीट परीक्षा घोटाला हुआ, उस से आरएएस मैन के अभ्यर्थी भी आशंकित है।
क्या परीक्षा तिथियों में बदलाव हो पाएगा:
आयोग ने पिछले ढाई माह से कामचलाऊ अध्यक्ष ही काम कर रहे हैं। 2 दिसंबर 2021 को भूपेंद्र यादव का अध्यक्ष पद से कार्यकाल पूरा होने के बाद राज्य सरकार ने वरिष्ठ सदस्य शिव सिंह राठौड़ को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया। सदस्य के तौर पर राठौड़ का कार्यकाल भी 29 जनवरी 2022 को पूरा हो गया। इसके बाद सरकार ने 1 फरवरी को जूनियर सदस्य जसवंत राठी को आयोग का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया। राठी ने 10 दिन भी काम नहीं किया, इससे पहले ही सरकार ने 14 फरवरी को जयपुर रेंज के आईजी संजय कुमार श्रोत्रिय को आयोग का स्थाई अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। श्रोत्रिय की आईपीएस के तौर पर अगस्त 2022 में सेवानिवृत्ति है। लेकिन सरकार ने श्रोत्रिय को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है, इसलिए श्रोत्रिय 62 वर्ष की उम्र तक आयोग में अध्यक्ष के तौर पर काम करेंगे। एक तरह से यह श्रोत्रिय का दो वर्ष का सेवा अवधि विस्तार है। राज्य सरकार इसी तरह आईएएस, आईपीएस अफसरों को ओब्लाइज करती है। सवाल उठता है जिन संजय श्रोत्रिय का दो वर्ष के लिए सेवा विस्तार हुआ है। क्या वे आरएएस मेन परीक्षा के अभ्यर्थियों की मांग पर परीक्षा की तिथियों में बदलाव कर पाएंगे। हालांकि अभी श्रोत्रिय ने आयोग के अध्यक्ष का पद नहीं संभाला है। इधर आयोग में आरएएस मेन परीक्षा की तैयारियां युद्ध स्तर पर जारी है।
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