बालाघाट(ईएमएस)। लांजी क्षेत्र के पूर्व विधायक किशोर समरीते को उच्च न्यायालय द्वारा दी गई सजा के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने 28 मई 2024 को अपील खारिज करते हुए 4 सप्ताह के अंदर न्यायालय में आत्म सर्मपण करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के परिपालन में पूर्व विधायक किशोर समरीते ने २४ जून को विशेष न्यायालय एस्ट्रोसिटी एक्ट माननीय के.एल बारिया न्यायाधीश की अदालत में आत्म सर्मपण कर दिया। इसके बाद ही न्यायालय से समरीते को बालाघाट जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि वर्ष 2004 में पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा अपने 15 से 20 साथियों के साथ मिलकर एसडीएम कार्यालय लांजी में पहुंच वहां पर मौजूद अधिकारियों से मारपीट कर, सरकारी सामान को तोड़-फोड़ की गई थी। इसी दौरान शासकीय वाहन को भी तोड़-फोड़ कर क्षति पहुंचाई गई थी। इस मामले में लांजी पुलिस द्वारा किशोर समरीते सहित अन्य पर मामला कायम कर चालान डायरी न्यायालय में पेश की गई थी। इस पर विशेष न्यायालय एस्ट्रोसिटी एक्ट के द्वारा 22 दिस बर 2009 को आरोपी किशोर समरीत व अन्य 6 को विभिन्न धाराओं का दोषी पाते हुए दंडित किया गया था। इस सजा के विरूद्ध पूर्व विधायक समरीते द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में अपील की गई थी, जिससे उच्च न्यायालय द्वारा एससी/एसटी की धारा को हटाकर शेष अन्य धाराओं में सजा यथावत रखा गया। इस फैसले के विरूद्ध पूर्व विधायक समरीते द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किशोर समरीते की अपील 28 मई 2024 को खारिज करते हुये 4 सप्ताह के भीतर न्यायालय में सरेण्डर होने का आदेश जारी किया गया था। इस आदेश के पालन में 24 जून को समरीते ने न्यायालय के समक्ष अपने आप को सरेण्डर कर दिया। न्यायालय द्वारा उसे जेल भेज दिया गया है।