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आज से सर्वे:11 मानदंड पर 80 लोकेशन देखेगी टीम तभी मिलेंगे वाटर प्लस के

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इंदौर

वाटर प्लस की टीम कभी भी शहर में सर्वे शुरू कर सकती है। वाटर प्लस का खिताब अब तक किसी भी शहर को नहीं मिला है। 11 पैरामीटर्स पर 80 लोकेशन देखने के बाद तय होगा कि शहर को वाटर प्लस सर्टिफिकेशन मिलेगा या नहीं। पिछली बार इंदौर के 200 नंबर कट गए थे, जिसके कारण वाटर प्लस सर्टिफिकेट नहीं मिला था। टीम तीन से चार दिन सर्वे करेगी। सेंट्रल मिनिस्ट्री ने वाटर प्लस सर्वे के लिए 11 पैरामीटर्स तय किए हैं। 20 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में इंदौर के लिए टीम को 80 पाइ्ंट्स चेक करने हैं। सर्टिफिकेशन में कुल 1800 नंबर हैं। इनमें वाटर प्लस के 700 नंबर हैं। पिछली बार इंदौर को 500 नंबर मिले थे।

7 बिंदुओं की सख्त गाइडलाइन का पालन जरूरी

1. सभी घर ड्रेनेज लाइन या सेप्टिक टैंक से कनेक्टेड होने चाहिए। किसी भी घर का सीवरेज खुले में नहीं आना चाहिए। 2. नालों और नदी में किसी प्रकार का सूखा कचरा तैरता नजर नहीं आना चाहिए। 3. सीवरेज वाटर का ट्रीटमेंट कर कम से कम 25 प्रतिशत पानी सड़क धुलाई, गार्डन, खेती सहित अन्य में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। 4. सभी ड्रेनेज के ढक्कन बंद होने चाहिए और उनसे गंदा पानी बहकर सड़क पर नहीं आना चाहिए। 5. चैंबर और मेन होल साल में कम से कम एक बार साफ होने चाहिए। 6. ड्रेनेज की लाइनें चोक नहीं होनी चाहिए। 7. एप पर आने वाली ड्रेनेज संबंधी शिकायतों का त्वरित समाधान होना चाहिए।

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