डिजिटल इंडिया के माध्यम से भारत ने दाहरण पेश किया है कि प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के लिए कितना क्रांतिकारी हाेसकता है। सात वर्ष पहले शुरू हुआ यह अभियान, बदलते हुए समय के साथ खुद को विस्तार देता रहाहै। यही कारण है कि आज दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन हमारे भारत में होता है। डिजिटलइंडिया से जो पादर्शिता आई है, उसने गरीब और मध्यम वर्ग को अनेक स्तरों पर होने वाले भ्रष्टाचार से
मुक्ति दी है। अब भारत सेमी कंडक्टर चिप निर्माण हब बनने की दिशा में कदम आगे बढ़ा रहा है, इसी
कड़ी में एक बड़ी शुरुआत हुई है गुजरात में। यहां 4 जुलाई को गांधीनगर में डिजिटल इंडिया सप्ताह के
उद्घाटन के साथ डिजिटल इंडिया से जुड़ी कई पहल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की शुरुआत …
डिजिटल लेनदेन में तेजी से हो रही वृद्धि से आज भारतीय अर्थव्यवस्था नए आयाम स्थापित कर रही
है। मोबाइल फोन द्वारा एक क्लिक के माध्यम से आसान हुए लेनदेन से आज समाज का हर वर्ग
लाभान्वित हो रहा है। गुरुचरण सिंह एक व्यापारी हैं। वह बताते हैं, “आज बटन का जमाना है। आज हर
ग्राहक पूछता है- QR कोड कहां है?” वहीं, डिजिटल इंडिया अभियान के तहत कॉमन सर्विस सेंटर(सीएससी)
की सुविधा ने आम लोगों के जीवन को काफी आसान बना दिया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले
लोगों को स्थानीय स्तर पर आजीविका का एक बेहतर साधन भी मिला है। बिहार में मुजफ्फरपुर के
सीएससी संचालक ऋ षि राज बताते हैं, “इसके कारण हमें रोजगार मिला है और ग्रामीण क्षेत्र को सुविधा
मिली है। हमारे ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपना काम कराने के लिए बाहर जाते थे। अब उनका काम यहीं हो
जाता है। इससे लोग बहुत खुश हैं।” दरअसल, डिजिटल इंडिया लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव
लेकर आई है। 8-10 साल पहले की ही बात है जब जन्म प्रमाणपत्र, बिल जमा करने, राशन, प्रवेश, रिजल्ट
और बैंकों के लिए भी लाइन लगती थी, अब इतनी सारी लाइनों का समाधान भारत के डिजिटल इंडिया के
ऑनलाइन ने कर दिया है। आज वरिष्ठ नागरिकों के जीवन प्रमाण पत्र, आरक्षण, बैंकिंग आदि सेवाएं
डिजिटल होने से वे सुलभ, तेज और सस्ती हो गई हैं।
गांधीनगर में डिजिटल इंडिया सप्ताह 2022 का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल
इंडिया की महत्ता बताते हुए कहा कि समय के साथ जो देश आधुनिक तकनीक को नहीं अपनाता, समय
उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है। तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा
है। लेकिन आज हम गर्व से कह सकते हैं कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति, इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को
दिशा दे रहा है। प्रधानंमत्री ने कहा, “मुझे खुशी है कि आठ वर्ष पहले शुरू हुआ यह अभियान, बदलते हुए
समय के साथ खुद को विस्तार देता रहा है।” डिजिटल इंडिया के माध्यम से देश भविष्य का भारत,
आधुनिक भारत, समृद्ध और सशक्त भारत, उस दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी की तरफ तेज गति से
बढ़ रहा है। इतना ही नहीं भारत अगले तीन-चार साल में इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग को 300 बिलियन
डॉलर से भी ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। भारत अब चिप टेकर से चिप मेकर बनना
चाहता है। सेमीकंडक्टर्स का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में तेजी से निवेश बढ़ रहा है। n
गांधीनगर में कई नई पहल’
चिप्स टू स्टार्टअप (सी2एस)कार्यक्रम
30 संस्थानों के पहले समूह की घोषणा की गई। इस कार्यक्रम के तहत इस समूह को सेमी कंडक्टर चिप
निर्माण के क्षेत्र में मदद की जाएगी।
‘डिजिटल इंडिया जेनेसिस’
प्रधानमंत्री ने ‘डिजिटल इंडिया
जेनेसिस’ (नवोन्मेषी स्टार्टअप के लिए अगली पीढ़ी का समर्थन) – एक राष्ट्रीय गहन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप
प्लेटफॉर्म, लॉन्च किया।
‘डिजिटल इंडिया भाषिनी’ का आयोजन
भारतीय भाषाओं को समृद्ध बनाने की पहल। ‘डिजिटल इंडिया भाषिनी’ लॉन्च किया गया, जो भारतीय
भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच को सक्षम करेगी।
‘इंडियास्टैक डाॅट ग्लोबल’
‘इंडियास्टैक डॉट ग्लोबल’ का शुभारंभ, इस पर आधार, यूपीआई, डिजिलॉकर, कोविन वैक्सीन प्लेटफॉर्म,
गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), दीक्षा प्लेटफॉर्म और आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की
सुविधाएं एक साथ
उपलब्ध होंगी।
‘माईस्कीम’ का लोकार्पण
प्रधानमंत्री ने ‘माईस्कीम’ का लोकार्पण किया। यह सेवा खोज का एक मंच है, जो सरकारी योजनाओं तक
पहुंच की सुविधा प्रदान करता है।
‘मेरी पहचान’ का लोकार्पण
प्रधानमंत्री ने ‘मेरी पहचान’- एक व्यक्ति के लॉगिन के लिए राष्ट्रीय एकल साइन ऑन सुविधा का भी
लोकार्पण किया। नेशनल सिंगल साइन-ऑन (एन एस एस ओ) एक उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण सेवा है।