एस पी मित्तल, अजमेर
यूं तो अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला कलेक्टर अंशदीप और आयुक्त अक्षय गोदारा प्राधिकरण की भूमि को माफियाओं से बचाने के लिए जागरूक रहते हैं, लेकिन प्राधिकरण के नीचे के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण प्राधिकरण की बेशकीमती जमीनों पर कब्जे हो ही जाते हैं। ऐसा ही एक मामला एमडीएस चौराहे के निकट संस्कृति पब्लिक स्कूल के सामने प्राधिकरण की दो बीघा भूमि पर रातों रात कब्जा होने का है। यह भूमि मुख्य मार्ग पर है, इसलिए इसकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है, राजस्व रिकॉर्ड में यह भूमि प्राधिकरण की ही है, लेकिन विगत दिनों कुछ लोगों ने इस भूमि पर चारदीवारी बनाकर कब्जा कर लिया। स्थानीय नागरिकों के अनुसार 31 मार्च को प्राधिकरण की इस बेशकीमती भूमि पर श्मशान की भूमि होने का बोर्ड लगा दिया। बोर्ड पर इस भूमि को घूघरा ग्राम पंचायत की बताया गया, लेकिन जब घूघरा की सरपंच श्रीमती सुरज्ञान गुर्जर के पति देवकरण गुर्जर से जानकारी ली गई तो उन्होंने भूमि के ग्राम पंचायत की होने से इंकार किया। मालूम हो कि ग्राम पंचायत का काम सरपंच पति देवकरण गुर्जर ही देखते हैं। जब यह मामला सरपंच पति की जानकारी में लाया गया तो शाम को ही श्मशान वाले बोर्ड पर से घूघरा ग्राम पंचायत को मिटा दिया गया। अवैध कब्जे का मामला 31 मार्च को ही प्राधिकरण के तहसीलदार अरविंद कविया की जानकारी में भी लाया गया। पहले तो कविया ने मामले की जांच करवाने की बात कही, लेकिन बाद में चुप्पी साथ ली। प्राधिकरण की करोड़ों रुपए की भूमि पर कब्जे की प्रक्रिया से प्रतीत होता है कि भूमि पर भूमाफियाओं की नजर है। एक सुनियोजित षडय़ंत्र के तहत सरकारी भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह भूमि कभी भी श्मशान की नहीं रही। वैसे भी अब आसपास आबादी हो गई है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि प्राधिकरण और ग्राम पंचायत में मिली भगत रखने वाले माफिया इस भूमि को हड़प करना चाहते है। इस मामले में प्राधिकरण के तहसीलदार अरविंद कविया की चुप्पी चकित करने वाली है। अलबत्ता प्राधिकरण के सचिव किशोर कुमार का कहना है कि इस मामले को आयुक्त अक्षय गोदारा के समक्ष रखा कर सख्त कार्यवाही करवाई जाएगी। उन्होंने माना कि प्राधिकरण की भूमि पर चार दीवारी होना भी गैर कानूनी काम है। जिन लोगों ने चार दीवारी करवाई है उनकी पहचान कर कानूनी कार्यवाही करवाई जाएगी। जागरूक लोगों ने इस मामले की शिकायत सीएम पोर्टल पर भी दर्ज करवाई है। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्राधिकरण की बेशकीमती जमीन को बचाने के लिए अध्यक्ष अंश दीप, आयुक्त अक्षय गोदारा और सचिव किशोर कुमार इमानदार प्रयास करेंगे। उन तत्वों की पहचान होना भी जरूरी है जो सरकारी कार्मिकों के साथ मिलकर प्राधिकरण की भूमि हड़प रहे हैं।