मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले की वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में तीन दोषियों को न्यायाधीश ने आज सात-सात साल के सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।जुर्माना नहीं देने पर तीन-तीन महीने की अतिरिक्त सजा भी सुनाई गई है। इस मामले में सात अन्य आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है।
व्यापमं घोटाले में वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में एसटीएफ और सीबीआई ने जांच की थी जिसमें देवेंद्र कुमार जाटव, पद्म सिंह खेर और आनंद सागर सहित दस आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने आज इसकी अंतिम सुनवाई के बाद सुबह फैसला सुनाते हुए देवेंद्र कुमार, पद्म सिंह और आनंद सागर को दोषी पाया था। शाम को इन दोषियों को सजा सुनाई जिसमें उन्हें भारतीय दंड विधान की धारा 419, 420, 467, 468, 471 सहित मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम की धारा 3 घ (1) (2) सहपठित धारा 4 में अलग-अलग सजा सुनाई है जिन्हें दोषियों को एकसाथ सश्रम कारावास भुगतने के आदेश जारी किए हैं। तीनों दोषियों को सात-सात साल की की सजा के साथ 10-10 हजार रुपए का जुर्माना किया गया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषियों को तीन-तीन महीने की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।
गौरतलब है कि आज सुबह कोर्ट ने वनरक्षक देवेंद्र कुमार रावत, पद्म सिंह खरे और पद्म सिंह के एवज में भर्ती परीक्षा देने वाले आनंद सागर को दोषी माना था। मामले में सात अन्य आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया था।