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भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने खिलाड़ियों के लिए बनाए 10 सख्त नियम

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बीसीसीआई ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार के बाद टीम इंडिया के लिए नई नीति लागू की है। खिलाड़ी अब निश्चित समय के लिए ही परिवार को साथ ले जा सकेंगे और निजी स्टाफ पर भी पाबंदी होगी। साथ ही साथ सीरीज के दौरान फोटोशूट भी बैन कर दिया गया

ऑस्ट्रेलिया जाकर शर्मनाकर अंदाज में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हारने के बाद बीसीसीआई ने बड़ा एक्शन लिया है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने टीम में अनुशासन और एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए 10 सूत्रीय नई नीति लागू की है। नियमों का पालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।

फैमिली ट्रेवल पॉलिसी में भी पाबंदियां लगाई गई हैं। अब 45 दिन तक विदेशी दौरों पर रहने वाले क्रिकेटर्स अपने परिवार के साथ सिर्फ 15 दिन के लिए ही रह सकते हैं। कोच, कैप्टन द्वारा सहमत तारीखों के दौरान ही खिलाड़ियों का परिवार साथ में रह सकता है। साथ ही साथ निजी स्टाफ की उपस्थिति पर भी पाबंदी की घोषणा हो गई है। सभी खिलाड़ियों से दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। जिसमें केंद्रीय अनुबंधों से उनकी रिटेनर फीस में कटौती और लुभावनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भाग लेने पर रोक शामिल है।

बीसीसीआई ने मौजूदा सीरीज या दौरे के दौरान खिलाड़ियों को व्यक्तिगत फोटोशूट या विज्ञापन में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया है। खिलाड़ियों के लिए घरेलू मैच में भाग लेना अनिवार्य कर दिया गया है। सिर्फ खास परिस्थितियों में ही छूट मिल सकती है।

अब से खिलाड़ियों को दौरे के दौरान अलग से यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी तथा दौरे या मैच के जल्दी समाप्त होने की स्थिति में उन्हें जल्दी नहीं जाने दिया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के दौरे में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद इन निर्देशों की घोषणा की गई है जिसके पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में वाइटवाश का सामना करना पड़ा था।

बोर्ड ने विदेशी दौरों के दौरान खिलाड़ियों के साथ परिवारों के रहने के लिए केवल दो सप्ताह की अवधि को मंजूरी दी है, इसके अलावा निजी स्टाफ और व्यावसायिक फोटो शूट पर प्रतिबंध लगाए हैं।

बोर्ड की नीति में कहा गया है, ‘इसमें किसी भी अपवाद या विचलन को चयन समिति के अध्यक्ष और मुख्य कोच द्वारा पूर्व-अनुमोदित किया जाना चाहिए। इसका पालन नहीं करने पर बीसीसीआई द्वारा उचित समझी जाने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।’

नीति में चेताया गया, ‘इसके अलावा बीसीसीआई किसी खिलाड़ी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखता है जिसमें संबंधित खिलाड़ी को आईपीएल सहित बीसीसीआई द्वारा आयोजित सभी टूर्नामेंटों में भाग लेने से रोकना और बीसीसीआई के खिलाड़ी अनुबंध के अंतर्गत रिटेनर राशि या मैच फीस से कटौती करना शामिल हो सकता है।’

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