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तुम्हारे हर तकलीफों का एक मुकम्मल जवाब हूं मैं, भारत का संविधान हूं मैं!
Share तुम्हारे हर तकलीफों का एक मुकम्मल जवाब हूं मैं, कभी वक्त मिले तो मुझे अवश्य पढ़ना , भारत का संविधान हूं मैं! मै ही तो हूं जो तुम्हे सही से जीने का हक दिया ,मै ही तो हूं जो तुम्हे लोकतान्त्रिक अधिकारों से...
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दुनिया में दो प्रकार के लोग होते है….आप कौन से वाले हैं
Share आर_पी_विशाल कोई मनुष्य नास्तिक है और वह किसी ईश्वर या धर्म के प्रति कतई आस्थावान नहीं है। इसका अर्थ यह लड़ाई उस व्यक्ति और ईश्वर के बीच की आपसी लड़ाई है यहां लोगों की भावनाएं क्यों आहत हो जाती है? यदि ईश्वर...
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बुद्ध ने धर्म का आधार श्रद्धा नहीं बल्कि तर्क रखा-….ओशो
Share गौतम बुद्ध ऐसे हैं जैसे हिमाच्छादित हिमालय। पर्वत तो और भी हैं, हिमाच्छादित पर्वत और भी हैं, पर हिमालय अतुलनीय है। उसकी कोई उपमा नहीं है। हिमालय बस हिमालय जैसा है। गौतम बुद्ध बस गौतम बुद्ध जैसे। पूरी मनुष्य-जाति...
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