क्यों हॉट सीट है नई दिल्ली
नई दिल्ली विधानसभा सीट, बिल्कुल सेंटर में स्थित है।यहां कई बीआईपी इलाके आते हैं, जिनमें कर्नाट प्लेस, लुटियन्स दिल्ली और सरकारी कार्यालयों वाले क्षेत्र आते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर मतदाता शिक्षित और आर्थिक रूप से संपन्न हैं। इनमें सरकारी अधिकारी, कारोबारी, वरिष्ठ अधिकारी भी पोटर्स हैं क्या है इस सीट पर जातीय समीकरण इस सीट पर जातीय समीकरण देखें तो यहां ब्राह्मण बोटर्स बेहद प्रभावशाली हैं। ये वर्ग बीजेपी और कांग्रेस का परंपरागत सपोर्टर माना जाता रहा है। हालांकि, आम आदमी पार्टी की एंट्री के बाद हालात बिल्कुल बदल गए। यही वजह है कि केजरीवाल यहां से जीत दर्ज करने में सफल रहे।
पंजाची और खत्री समुदाय के वोटर्स भी इस सीट पर हैं। दलित मतदाताओं की भी यहां अच्छी संख्या है। नई दिल्ली सीट पर अब तक हुए 7 विधानसभा चुनावों में से 3 बार कांग्रेस और 3 चार आम आदमी पार्टी को जीत मिली है। एक बार बीजेपी ने बाजी मारी थी। 7 में से 6 चुनावों में जीतने वाले उम्मीदवार दिली के सीएम भी बने हैं। 1993 में यहां हुए पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कुंवर सेन चुनाव जीतने में सफल रहे थे। फिर 1998, 2003 और 2008 के चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार शीला दीक्षित चुनाव जीतने में सफल रही और सीएम बनी। 2013 में आस आंदोलन के बाद हुए चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को हराकर नई दिल्ली सीट पर कब्जा जमाया। उसके बाद से लगातार तीन चुनाव में उन्हें यहां से जीत मिली है। अब देखना होगा कि 2025 के दिल्ली चुनाव में क्या केजरीवाल अपनी जीत का रिकॉर्ड बरकरार रखने में सफल रहेंगे।
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी ने कालकाजी विधानसभा सीट से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा है। इसी के साथ कालकाजी सीट का टेम्प्रेचर और ज्यादा बढ़ गया है। दरअसल एक दिन पहले कांग्रेस ने अपनी तेज तरीर नेता अलका लांबा को कालकाजी सीट से उतारकर दिल्ली की सीएम और कालकाजी सीट से आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी आतिशी के सामने चुनौती पेश कर दी है। इस सीट पर दिलचस्प और कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। तीनों ही नेता ताकतवर हैं और जनता के बीच सीधी पकड़ रखते हैं।
राजनीतिक गलियारों में चचर्चा है कि आतिशी के लिए जीत यह काफी मुश्किल हो गई है। बीजेपी ने मुख्यमंत्री आतिशी के सामने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को चुनावी मैदान में उतारा है। अब इस पर सीएम आतिशी की प्रतिक्रिया सामने आई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, ’10 साल रमेश विधूड़ी सांसद थे उनकी पार्टी ने उन्हें सांसद के लायक नहीं समझा उनकी पार्टी के लोग जब उनपर भरोसा नहीं कर पाए तो कालकाजी की जनता कैसे करेगी। दिल्ली की कालका जी विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है। अअद की आतिशी, इखद के रमेश बिधूड़ी
और कांग्रेस की अलका लांबा मैदान में हैं। तीनी ही अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। अलका लांबा का कहना है कि अअब और इखद की लड़ाई कांग्रेस के लिए फायदेमंद होगी। कालका जी विधानसभा चुनाव में इस चार मुकाबला काफी दिलचस्म होने वाला है। अअद ने मुख्यमंत्री आतिशी पर भरोसा जताया है, जबकि इखद ने रमेश बिधूड़ी को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने अनुभवी नेता अलका लांबा को चुनाबी मैदान में उतारा है। तीनों ही उम्मीदवारों ने जीत का दावा किया है। अलका लांबा का मानना है कि आप और बीजेपी में टक्कर से कांग्रेस को फायदा होगा। उनका कहना है, ‘आप-बीजेपी की लड़ाई में कांग्रेस के लिए अवसर है। पिछली बार कालका जी से आतिशी ने 55897 वोट हासिल करके जीत हासिल की थी। दूसरे नंबर पर बीजेपी के धरमबीर सिंह थे जिन्हें 44504 बोट मिले थे। कांग्रेस की शिवानी चोपड़ा महज 4965 वोट हासिल कर पाई थी और वह तीसरे नंबर पर रही थीं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कालकाजी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है। मुख्यमंत्री आतिशी AAP की तरफ से मैदान में हैं। कांग्रेस ने अलका लांबा को टिकट दिया है। इस सीट पर अअद का पिछले दो बार से कब्जा है। लेकिन कांग्रेस का भी यहां अच्छा इतिहास रहा है। उन्होंने लगातार तीन बार जीत हासिल की थी। इस सीट पर अअद का पिछले दो चुनावों से कब्जा है। कालकाजी सीट पर दलित और पंजाबी वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। पिछले दो चुनावों में आप का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इससे पहले तीन चुनावों तक कांग्रेस का यहां दबदबा था। 2013 में इसाढ ने जीत हासिल की थी। अब देखना होगा कि 2025 में अअह, कांग्रेस और इखद में से कौन बाजी मारता है।
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