आज मुकेश अंबानी का नाम देश का बच्चा-बच्चा जानता है। उन्हें भारत के सबसे अमीर शख्स और सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मालिक के रूप में जाना जाता है। यदि मुकेश अंबानी के सिर्फ लॉकडाउन में हासिल करें अचीवमेंट की बात करें तो, उनकी कंपनी ने मात्र 2-3 महीनों के दौरान लगभग 14-15 कंपनियों के साथ डील फाइनल की है। उस पिछले साल का ही असर है कि, कि, आज उनकी कंपनी आसमान की बुलंदियों को छू रही है। वहीं, अब मुकेश अंबानी एक घरेलू रोबोटिक्स कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने की जानकारी दी है।
रिलायंस की रोबोटिक्स कंपनी से हुई डील :
दरअसल, देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने भारत में इतनी उपलब्धियां हासिल करने के बाद अब अपनी रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) के माध्यम से घरेलू रोबोटिक्स कंपनी एडवर्ब (Adverb Technologies) में 54% हिस्सेदारी खरीद ली है। दोनों कंपनियों की यह डील 13.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर और भारतीय करेंसी में लगभग 983 करोड़ रुपये में फ़ाइनल हुई है। इस डील को लेकर एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक और सीईओ संगीत कुमार का कहना है कि, ‘कंपनी स्वतंत्र रूप से काम करना जारी रखेगी। रिलायंस से मिली धनराशि का इस्तेमाल विदेश में कारोबार के विस्तार और नोएडा में एक बड़े रोबोट विनिर्माण संयंत्र की स्थापना के लिए किया जाएगा।’
एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के CEO ने बताया :
सह-संस्थापक और सीईओ संगीत कुमार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के पास पहले ही वर्तमान समय में नोएडा में एक विनिर्माण संयंत्र है, जहां हर साल लगभग 10,000 रोबोट बनाए जाते हैं। वहीं, अब ऐसा माना जा रहा है कि, मुकेश अंबानी भी रोबोट निर्माण का मन बना रहे है। उधर, संगीत कुमार ने बताया है कि, ‘‘इस निवेश के साथ रिलायंस के पास एडवर्ब में लगभग 54 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। वे कंपनी में सबसे बड़े शेयरधारक बन गए हैं। रिलायंस पहले ही हमारे सम्मानित ग्राहकों में से एक थी, जिसके साथ मिलकर हमने उनके किराना व्यवसाय जियो मार्ट के लिए उच्च क्षमता वाले स्वचालित गोदामों का निर्माण किया था। सहूलियत और भरोसा, जैसे कारक पहले से मौजूद थे, जिसके कारण यह जुड़ाव हुआ।’’
लाभ उठाने में मिलेगी मदद :
संगीत कुमार ने कहा कि, “रिलायंस रिटेल के साथ रणनीतिक साझेदारी से हमें नई ऊर्जा पहलों के जरिए 5जी, बैटरी प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। हम एक लाभदायक कंपनी हैं। हम इस धनराशि का इस्तेमाल विदेश में विस्तार करने और विनिर्माण संयंत्रों की स्थापना में करेंगे। इस समय हमारी आय का 80 प्रतिशत हिस्सा भारत से आता है, लेकिन अगले 4-5 वर्षों में भारत और विदेश व्यापार के बीच 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी होने की उम्मीद है। हमारी आय में सॉफ्टवेयर की कुल हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है, जिसमें उल्लेखनीय बढ़ोतरी का अनुमान है।’’ बता दें, एडवर्ब टेक्नोलॉजीज कंपनी की स्थापना 2016 में हुई थी।