दिग्गज फिल्म निर्देशक, कवि, लेखक और पत्रकार प्रीतीश नंदी का निधन बुधवार को हो गया। उन्होंने 73 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। प्रीतीश नंदी के निधन की जानकारी उनके बेटे कुशन नंदी ने दी है। जाने माने फिल्म मेकर प्रीतीश नंदी के निधन के बाद बॉलीवुड में शोक की लहर है। बता दें कि प्रीतीश नंदी का पत्रकारिता में भी बड़ा नाम रहा है।
अनुपम खेर ने शेयर की यादें
फिल्म निर्देशक प्रीतीश नंदी के निधन पर एक्टर अनुपम खेर ने एक भावुक पोस्ट साझा किया। उन्होंने नंदी की तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा, “मेरे सबसे प्रिय और करीबी दोस्तों में से एक प्रीतीश नंदी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुखी और स्तब्ध हूं। अद्भुत कवि, लेखक, फिल्म निर्माता और एक बहादुर और अद्वितीय संपादक और पत्रकार, मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में वह मेरी सहायता प्रणाली और शक्ति का एक बड़ा स्रोत थे। हमने बहुत सी बातें शेयर कीं”।
पत्रकारिता में रहा है बड़ा नाम
प्रीतीश नंदी का पत्रकारिता के क्षेत्र में भी एक बड़ा नाम रहा है। उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से समाज की सच्चाई को भी सामने लाने की कोशिश की थी। प्रीतीश नंदी ने ‘द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया’ के एडिटर के पद पर भी काम किया। वे अपने निर्भिक विचारों के लिए जाने जाते रहे। इसके अलावा 1990 के दशक के दौरान दूरदर्शन पर नंदी एक टॉक शो को भी होस्ट करते थे, जिसका नाम ‘द प्रीतीश नंदी शो’ था। इस शो में वे मशहूर हस्तियों के इंटरव्यू लिया करते थे।
आगे चलकर उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में किस्मत आजमाई। फिल्म के क्षेत्र में भी उन्होंने बड़ा नाम कमाया। करियर की शुरुआत उन्होंने 2000 के दशक से की थी। प्रीतीश नंदी कम्युनिकेशंस के तहत उन्होंने कांटे, सुर, झंकार बीट्स, चमेली जैसी कई फिल्मों का निर्माण किया।
प्रीतीश नंदी के बारे में जानिए
बता दें कि प्रीतीश नंदी का जन्म 15 जनवरी 1951 को हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में साहित्य, पत्रकारिता, फिल्म जगत में बड़ा नाम कमाया। मुंबई में 08 जनवरी 2025 को उनका निधन हो गया। बॉलीवुड के लिए प्रीतीश नंदी का जाना बड़ी क्षति है।
जमाना करेगा आपको याद!
कहते हैं कि जिनके सपनों में बड़े होते हैं, उनका कद एक न एक दिन जरुर बढ़ता है। यही कथन पूरी तरह से हिंदी सिनेमा के दिग्गज फिल्ममेकर रहे प्रीतिश नंदी पर लागू होता है। 8 जनवरी को 73 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। हृ्दयघात प्रीतिश के निधन का कारण बना है। सिनेमा के इस फनकार के यूं चले जाने से मनोरंजन जगत को बड़ा झटका लगा है। लेकिन बॉलीवुड का ये दिग्गज अपने पीछे कामयाबी की एक अनोखी विरासत छोड़ गया है।
आइए जानते हैं कि बतौर पत्रकार अपने करियर की शुरुआत करने वाले प्रीतिश नंदी हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय निर्माता बने। उन्होंने कौन-कौन सी फिल्मों में अपना योगदान दिया।
कैसे हुई करियर की शुरुआत के
प्रीतिश नंदी का जन्म बिहार के भागलपुर में हुआ था। तब शायद उनके परिवार को ये अंदाजा भी नहीं था कि एक दिन उनका बेटा पत्रकारिता, साहित्य, सिनेमा और राजनीति में नाम रोशन करेगा। एक पत्रकार के तौर पर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की और 90 के दशक में दूरदर्शन पर उनका द प्रीतिश नंदी शो काफी लोकप्रिय हुआ।
इसके अलावा उन्होंने बतौर कवि और लेखक किताब गॉड्स एंड ओलाइव्स से अपनी पहचान बनाई। इतना ही नहीं राजनीति में अपनी दावेदारी पेश करते हुए वह महाराष्ट्र से शिव सेना पार्टी की तरफ से राज्य सभा सदस्य भी रहे।
हालांकि, उनको असली पहचान बतौर फिल्म निर्माता के रूप में मिली। अपने प्रोडक्शन हाउस प्रीतिश नंदी कम्युनिकेशन के बैनर तले उन्होंने कई शानदार मूवीज का निर्माण किया, जिनके नाम इस प्रकार हैं-
- सुर
- कांटे
- झंकार बीट्स
- चमेली
- हजारों ख्वाहिश ऐसीं
- प्यार के साइड इफेक्ट्स
इनके अलावा 2000 के दशक में कई ऐसी मूवीज रहीं, जिनमें प्रीतिश ने अपना अहम योगदान दिया था। सिनेमा जगत में उनके सुनहरे योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। बता दें आखिरी बार बतौर निर्माता उन्होंने अमेजन प्राइम वीडियो की सीरीज फॉर मोर शॉट्स और एंथॉलॉजी सीरीज मॉर्डन लव मुंबई के प्रोड्यूसर किया।
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अनुपम खेर के थे अजीज दोस्त
प्रीतिश नंदी के निधन की जानकारी अभिनेता और उनके अजीज दोस्त अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर दी है। साथ ही अनुपम ने दोस्त के देहांत पर शोक भी जताया है। सिर्फ अनुपम ही नहीं बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में प्रीतिश के कई चाहने वाले थे, जिनका दिल आज उनकी मौत से यकीनन टूट गया है।
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