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सरकार से आर-पार के मूड में जूनियर डॉक्टर्स

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ग्वालियर में कोरोना वाॅरियर्स ने सर्टिफिकेट लौटाए, भोपाल में भी यही ऐलान; रीवा में मांगी भीख; जबलपुर में IMA का समर्थन

प्रदेश के कोरोना काल के बीच जूडा और सरकार के बीच विवाद गहराता जा रहा है। दोनों इस बार आरपार की लड़ाई के मूड में हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार और मेडिकल यूनिवर्सिटी की सख्त कार्रवाई की, फिर भी जूडा मांगों पर अड़ गया है। सरकार का कहना है कि वह बात करने को तैयार है, बशर्ते पहले हड़ताल खत्म हो, लेकिन जूडा लिखित आश्वासन मांग रहे हैं, जिसके लिए सरकार तैयार नहीं है। प्रदेश के 5 मेडिकल कॉलेज में जूडा की हड़ताल का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। जानते हैं कि इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल और रीवा के मेडिकल कॉलेज में क्या हालात हैं

कोरोना वॉरियर्स के सर्टिफिकेट लौटाएंगे

भोपाल- शुक्रवार को सरकार के निर्देश पर GMC के डीन ने इस्तीफा देने वाले 28 जूनियर डॉक्टरों को बांड भरने और हॉस्टल खाली करने के नोटिस जारी किए। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरविंद मीणा ने कहा कि हम हक की बात कर रहे हैं, तो सरकार उलटा हमसे पैसे मांग रही है। सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। हमने बातचीत के पक्ष में रहे, लेकिन अपनी ही बात से सरकार मुकर गई। हम सरकार की तरफ से डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर्स के दिए सर्टिफिकेट लौटाएंगे। सरकार हमें काेरोना महामारी में मरीजों की सेवा करने का इनाम दे रही है।

इंदौर में गाया थ्री इडियट्स का गाना

इंदौर– फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ का गाना ‘सारी उम्र हम मर-मर कर जी लिए’ फिल्म में यह गाना एक पात्र जॉय लोबो पर फिल्माया गया था। इसमें वह अपने प्रिंसिपल से परेशान होकर यह गाना गाता है, लेकिन इस बार मामला प्रिंसिपल का नहीं, बल्कि सरकार से जुड़ा है। गाने वाले हैं इंदौर के जूनियर डॉक्टर्स। जूनियर डॉक्टर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। शुक्रवार देर रात एमवाय अस्पताल के सामने जूनियर डॉक्टरों ने फिल्मी अंदाज में सरकार को जगाने की कोशिश की।

उधर, एमवायएच में छह दिनों से जारी हड़ताल की वजह से ओपीडी, इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित हुईं। शनिवार को भी ओपीडी में कुछ ही सीनियर डॉक्टर पहुंचे। उन्होंने मरीजों को देखा। दिन-रात वार्डों में मरीजों की देखभाल करने वाले जूडा नहीं होने से सीनियर डॉक्टर वार्डों मेंं पहुंचे जरूर, लेकिन वे ज्यादा वक्त वहां नहीं रहे। औपचारिकता कर रवाना हो गए। व्यवस्था संभालने के लिए आसपास के जिलों से जिन डॉक्टरों को बुलाया गया, लेकिन उनकी संख्या जूडा की अपेक्षा कम है।

ग्वालियर में लगाए पोस्टर- ‘मूंगफली में दाना नहीं, तुम हमारे मामा नहीं’

ग्वालियर में जूडा ने मेडिकल कॉलेज परिसर में इस तरह के पोस्टर लगाए हैं।

ग्वालियर में जूडा ने मेडिकल कॉलेज परिसर में इस तरह के पोस्टर लगाए हैं।

शनिवार को ग्वालियर में जूडा की हड़ताल का पांचवा दिन है। जूडा के समर्थन में SR (सीनियर रेजीडेंट) भी उतर आए हैं। जिस कारण JAH में मरीज बेहाल हो रहे हैं। जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद लगातार शासन व जिला प्रशासन जूडा पर वापस लौटने का दबाव बना रही है। यहां डीन ने 46 जूनियर डॉक्टरों के इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं।

इससे जूनियर डॉक्टर नाराज हैं। शनिवार को जूनियर डॉक्टर ने सरकार को वह फूल वापस लौटाए हैं] जो कोरोना की पहली लहर में उन्हें कोरोना वॉरियर्स घोषित करते समय हेलीकॉप्टर से बरसाए गए थे। साथ ही कोरोना वॉरियर्स के सार्टिफिकेट भी लौटाए हैं। इसके साथ-साथ थालियां बजाकर सरकार को नींद से जगाने का प्रयास किया है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि सरकार उनको धोखा दे रही है। डॉक्टरों ने जगह-जगह पोस्टर भी चिपकाए हैं “मूंगफली में दाना नहीं, तुम हमारे मामा नहीं”।

जबलपुर में अब आईएमए भी हड़ताल में शामिल

जबलपुर- जूडा के समर्थन में एसआर और जेआर के बाद अब आईएमए भी आ गई है। आईएमए ने चेतावनी दी है कि जूनियर डॉक्टरों ने कोरेाना जैसे संकट में अपनी जान जोखिम में डाल कर मरीजों की सेवा की है। अब उनकी मांग पूरी करने की बजाय सरकार उत्पीड़न कर रही है। ऐसा ही रहा तो आईएमए से जुड़े सभी डॉक्टर भी इस हड़ताल में शामिल हो जाएंगे। उधर, आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने कहा है कि बांड की रकम 30 लाख रुपए के लिए लोगों के सामने भीख मांग कर पैसे भरेंगे।

जबलपुर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर पंकज सिंह ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मेडिकल कॉलेज परिसर में पौधरोपण किया।

रीवा में जूडा ने मांगी भीख

रीवा– जूडा हड़ताल के छठवें दिन रीवा श्याम शाह मेडिकल काॅलेज के जूनियर डॉक्टरों ने भीख मांगकर विरोध जताया। जूडा ने कहा है कि हम लोग गरीब घर के छात्र प्रतियोगिता क्वालीफाई करके सीट पाए थे, लेकिन अब सरकार बांड के 30 लाख रुपए प्रति छात्र मांग रही है। रीवा में फिलहाल होस्टल खाली कराने का आदेश नहीं आया है।

जूडा का कहना है कि अगर हमारे पास पैसे होते, तो कहीं से भी मेडिकल और पीजी की डिग्री ले सकते थे, लेकिन देश के सबसे बड़े टेस्ट को क्वालीफाई कर बड़े चिकित्सक बनने का ख्वाब पाल कर रखे थे, लेकिन राज्य सरकार से सेकंडों में चकनाचूर कर दिया। रीवा में जूडा के जिला अध्यक्ष डॉ. रजनीश मिश्रा ने बताया, सरकार सिर्फ डरा रही है।

मंत्री बोले- हम बातचीत के लिए तैयार

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग बोले कि जूडा की हड़ताल पर सरकार अपने स्टैंड पर कायम है। सरकार के द्वार अभी भी खुले हैं। हम बातचीत के लिए तैयार हैं।

बढ़ सकती हैं सरकार की मुश्किलें

प्रदेश सरकार के निर्देश पर हो रही कार्रवाई के विरोध में प्रदेश समेत देशभर के डॉक्टर एसोसिएशन आ गए हैं। जिनके द्वारा सरकार को जूडा की मांगों का हल बातचीत कर निकालने की अपील की जा रही है। साथ ही, चेतावनी जारी की जा रही है कि ऐसा न होने पर वह भी जूडा के सपोर्ट में हड़ताल पर चले जाएंगे।

कब क्या हुआ

  • गुरुवार को हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों की मांगों को अवैध करार देकर 24 घंटे में वापस लेने को कहा था। नहीं तो सरकार को कानून के अनुसार कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
  • इसके बाद सरकार के निर्देश पर जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने 5 मेडिकल कॉलेज के 468 पीजी फाइनल ईयर के छात्रों के नामांकन रद्द कर दिए। इसके बाद छात्र परीक्षा देने के लिए योग्य नहीं रहे।
  • नाराज प्रदेश भर के करीब 2500 जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देना शुरू कर दिया।
  • शुक्रवार को सरकार ने कोर्ट का 24 घंटे पूरे होने पर कोर्ट के निर्देशानुसार कार्रवाई करने को कहा।
  • देर शाम तक मेडिकल कॉलेज के डीन ने इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों को के नोटिस जारी किए। इसमें सीट छोड़ने के एवज में बांड भरने के साथ ही हॉस्टल खाली करने के नोटिस भेजे गए।
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