बिलासपुर। कोरबा जिले के अंतर्गत एसईसीएल के कुसमुंडा, गेवरा, दीपका क्षेत्र के भूमि अधिग्रहण से प्रभावित गांवों के सैकड़ों भू-विस्थापितों ने कल कोरबा से बिलासपुर पहुंचकर छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में एसईसीएल के मुख्यालय का घेराव किया। प्रदर्शनकारी लंबित प्रकरणों का निराकरण कर सभी छोटे-बड़े खातेदारों को रोजगार देने की मांग कर रहे थे। घेराव को रोकने के लिए दो स्तरों पर बैरिकेडिंग की गई थी, लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर मुख्य द्वार तक पहुंचने में सफल रहे। इस बीच वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों के साथ प्रदर्शनकारियों की काफी धक्का-मुक्की और नोकझोंक भी हुई। यह घेराव 5 घंटे तक चला, जिसके बाद एसईसीएल के अधिकारी प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने को मजबूर हो गए।
उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले के कुसमुंडा मुख्यालय के सामने 840 दिनों से भू-विस्थापित किसान रोजगार एकता संघ के बेनर तले छत्तीसगढ़ किसान सभा के सहयोग से जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच कई बार अधिकारियों का घेराव और खदान बंद किया गया है, कुसमुंडा मुख्यालय की तालाबंदी की गई है, आंदोलनकारी नेताओं को कई बार जेल भेजा गया है। इसके बावजूद एसईसीएल प्रबंधन इस समस्या को हल करने में नाकाम रहा है।
बैठक में एसईसीएल महाप्रबंधक ने बताया कि प्रत्येक खातेदार को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के लिए 23 फरवरी को एक उच्च स्तरीय बैठक सीएमडी के उपस्थिति में की जाएगी, जिस पर किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के दामोदर श्याम ने लंबित रोजगार प्रकरणों में वन टाईम सेटलमेंट के आधार पर रोजगार देने की मांग की। प्रबंधक ने इसे सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। दोनों संगठनों ने प्रबंधन को चेतावनी दी है कि रोजगार की मांग का सकारात्मक हल नहीं निकलने पर 29 फरवरी को कुसमुंडा, गेवरा, दीपका के खदान को बंद किया जाएगा।
बिलासपुर मुख्यालय के सामने हुये प्रदर्शन का नेतृत्व किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, जय कौशिक, अनिल बिंझवार, रघुनंदन, नरेश, गोरेलाल, कृष्ण कुमार, नारायण, नरेंद्र, होरीलाल, सुमेंद्र सिंह, अनिरुद्ध, हरिशरण, डूमन, उमेश, विजय, बजरंग सोनी और रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव, रघु यादव, बृजमोहन, सरिता, अमृत बाई, दीपका से पवन यादव, लम्बोदर, उत्तम, जितेंद्र, गणेश, देव कुंवर, राजकुमारी, सुक्रिता, नरेश दास, मानिक दास आदि ने किया।