प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर असम के दौरे पर रहेंगे। वो यहां 18 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने फ्री बिजली योजना 2025 तक के लिए बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के 39 उम्मीदवारों की लिस्ट देख तस्वीर हो गई साफ, लोकसभा चुनाव में किस राह पर आगे बढ़ रही पार्टी। राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने का लगभग तय माना जा रहा है। आज पीएम मोदी पहले नेशनल क्रिएटर अवॉर्ड का ऐलान करेंगे।
नई दिल्ली : लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली झलक सामने आई, जिसमें पार्टी ने अपने 39 उम्मीदवारों को लेकर तस्वीर साफ की। जिस तरह से पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी की ओर से जातिगत जनगणना की बात की जा रही हो या फिर राहुल गांधी द्वारा ‘जिसकी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी’ का नारा बुलंद किया जा रहा हो, पहली लिस्ट में कांग्रेस कुछ हद तक उसे दिशा में बढ़ती दिखाई दी। इतना ही नहीं, कांग्रेस की पहली लिस्ट में कहीं ना कहीं 2022 में पार्टी के उदयपुर चिंतन शिविर के प्रस्तावों का असर भी दिखाई दिया। पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में 60 फीसदी से ज्यादा (24 चेहरे एससी एसटी ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग) उम्मीदवार आरक्षित वर्ग से उतार कर कहीं ना कहीं उस दिशा में आगे बढ़ाने की कोशिश की है।
उदयपुर चिंतन शिविर के प्रस्तावों की झलक
उदयपुर के चिंतन शिविर में इस बात की मांग भी जोर शोर से उठी थी कि पार्टी में 50 फीसदी पद या टिकट 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए जाएं। हालांकि कांग्रेस 50 फीसदी का लक्ष्य भले ही हासिल न कर पाई हो, लेकिन लगभग एक तिहाई सीटों पर उसने युवा चेहरों को मौका दिया है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निकाली गई अपनी पहली सूची में कांग्रेस महिलाओं के लिए बड़ा दिल नहीं दिखा पाई। पहली सूची में आधी आबादी को 10 फीसदी से भी कम की हिस्सेदारी मिली।
वायनाड से नाम लेकिन क्या अमेठी से भी लडे़ंगे राहुल
राहुल गांधी का वायनाड से उतरना दिखाता है कि पार्टी दक्षिण के किले में गांधी परिवार का प्रतिनिधित्व रखने के साथ-साथ राहुल गांधी को एक सुरक्षित सीट देना चाहती है। दरअसल, जिस तरह से बीजेपी दक्षिण के राज्यों खासकर केरल और तमिलनाडु में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है, उसके मद्देनजर राहुल गांधी का दक्षिणी राज्य से उम्मीदवारी कहीं ना कहीं साउथ इंडिया के लोगों के लिए एक भरोसे का संकेत है। हालांकि अभी तक पार्टी की ओर से यह साफ नहीं किया गया है कि राहुल गांधी वायनाड के अलावा अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या नहीं। दरअसल, यूपी खासकर अमेठी के लोगों की ओर से बार-बार मांग आ रही है कि राहुल गांधी अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से चुनाव लड़ें। हालांकि अभी तक उत्तर प्रदेश की सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर मंथन नहीं हुआ है।
पार्टी के बड़े नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी
वहीं पार्टी ने भूपेश बघेल, के सी वेणुगोपाल जैसे अपने कद्दावर नेताओं को लोकसभा चुनावी मैदान में उतार कर कहीं ना कहीं यह संकेत देने की कोशिश की है कि पार्टी अपने सीनियर और अनुभवी नेताओं पर दम लगाने से पीछे नहीं हटेगी। ऐसे तमाम वरिष्ठ नेता, जो राज्यसभा का सहारा लेकर संसद पहुंचते रहे हैं या फिर राज्यों में क्षत्रपों की भूमिका निभाते रहे हैं, उन्हें भी मुश्किल वक्त में पार्टी लोकसभा के रण में भेजने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं और उनका दो साल का कार्यकाल बाकी है, लेकिन पार्टी ने उन्हें केरल में अलपुझा से चुनावी मैदान में उतार कर अपने तमाम सीनियर नेताओं को साफ संकेत देने की कोशिश की है कि वह पार्टी के लिए चुनावी रणक्षेत्र में उतरने के लिए तैयार रहें।
दिल्ली की सीटों को लेकर पार्टी के भीतर घमासान
चर्चा है कि अशोक गहलोत, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा जैसे नेताओं को पार्टी फिर से मौका दे सकती है। पहली लिस्ट में कांग्रेस ने उन सीटों पर उम्मीदवारी की तस्वीर साफ की है, जहां चीजें पूरी तरह से साफ थीं। इसीलिए केरल में सबसे ज्यादा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया गया, इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट की भी ज्यादातर सीटों पर टिकटों का ऐलान कर दिया गया। कुछ ऐसे राज्य जहां या तो सीटों के तालमेल का काम होना बाकी है या जहां उम्मीदवारों को लेकर बहुत ज्यादा पेच फंसा है उन सीटों का ऐलान नहीं हो पाया। दिल्ली की तीनों सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान न होने के पीछे भी यही वजह मानी जा रही है।
काशी विश्वनाथ की शयन आरती कर चुनाव में जीत का आशीर्वाद मांगेंगे पीएम मोदी, काशी दौरा आज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी के 44वें दौरे पर शनिवार को बाबा विश्वनाथ की शयन आरती कर लोकसभा चुनाव में जीत का आशीर्वाद मांगेंगे। शयन आरती के दौरान पीएम मोदी के लिए मंदिर में विशेष पूजा भी कराई जाएगी। वह फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के सिद्ध योग में देवाधिदेव महादेव का अभिषेक करेंगे। इससे पहले बाबतपुर एयरपोर्ट से काशी विश्वनाथ मंदिर तक पीएम रोड शो करते हुए पहुंचेंगे।शयन आरती के दौरान पीएम मोदी के लिए मंदिर में विशेष पूजा भी कराई जाएगी। वह फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के सिद्ध योग में देवाधिदेव महादेव का अभिषेक करेंगे। इससे पहले बाबतपुर एयरपोर्ट से काशी विश्वनाथ मंदिर तक पीएम रोड शो करते हुए पहुंचेंगे।
वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से तीसरी बार प्रत्याशी बनाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार काशी आ रहे हैं। पीएम शनिवार की शाम छह बजे के बाद बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आएंगे। एयरपोर्ट से ही सड़क मार्ग से काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे। भाजपा की क्षेत्रीय, जिला और महानगर इकाई ने प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए 38 प्वाइंट बना दिए हैं। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही तीन स्थानों पर ढोल, नगाड़े बजेंगे। साथ ही गुलाब की पंखुड़ियां बरसाकर स्वागत किया जाएगा।
रविवार की सुबह दस बजे जाएंगे आजमगढ़
काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत दर्शन पूजन करने के बाद पीएम मोदी बीएलडब्ल्यू गेस्ट हाउस के लिए प्रस्थान करेंगे। इस बीच लहरतारा स्थित कैंसर हाॅस्पिटल, बनारस रेलवे स्टेशन के सामने और बीएलडब्ल्यू प्रवेश द्वार पर भव्य स्वागत किया जाएगा। दूसरे दिन यानी रविवार को प्रधानमंत्री सुबह 10 बजे बरेका हेलिपैड से आजमगढ़ के लिए प्रस्थान करेंगे। दोपहर 2 बजे आजमगढ़ से वापस लालबहादुर शास्त्री हवाई अड्डे आएंगे और वहां से वह दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
अब सीधे नामांकन में आएंगे पीएम मोदी
एक पखवारे में दूसरी बार काशी दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूसरे कार्यकाल का यह अंतिम दौरा है। भाजपा नेताओं का कहना है कि अगले सप्ताह तक लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी। अब पीएम मोदी नामांकन में ही काशी आएंगे। इस दौरान पीएम मोदी के साथ एनडीए के सहयोगी दलों के शीर्ष नेता और अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री भी आ सकते हैं।
फीडबैक भी लेंगे पीएम
पीएम मोदी बरेका गेस्ट हाउस में पार्टी पदाधिकारियों के साथ भी बैठक कर उन्हें पूर्वांचल फतह का मंत्र देंगे। इसमें प्रदेश के साथ ही क्षेत्रीय, जिला, महानगर और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है। वह कार्यकर्ताओं से चुनाव की तैयारियों का फीडबैक भी लेंगे।
सरकार की योजना से देश में 18 स्टार्टअप बन गए यूनिकॉर्न, 75,000 करोड़ से अधिक पूंजी जुटाने में मिली मदद
देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस) योजना के अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं। इस योजना की मदद से 18 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन गए हैं। देश में अभी 105 यूनिकॉर्न हैं। एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है।टियर-1 शहरों से अलग अब तक 129 स्टार्टअप को 1,590 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। इन शहरों में वित्त वर्ष 2017 में इन शहरों में 38 सौदे हुए थे, जिनकी संख्या 2022-23 में बढ़कर 97 पहुंच गई।
स्टार्टअप के लिए सरकार ने फंड ऑफ फंड्स योजना के तहत दिसंबर, 2024 तक 129 वैकल्पिक निवेश फंडों (एआईएफ) को 10,229 करोड़ देने का वादा किया है। इसके परिणामस्वरूप देश में 18 यूनिकॉर्न को फंडिंग मिली है। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के मुताबिक, एफएफएस योजना ने 969 यूनिक स्टार्टअप में एआईएफ के जरिये 17,534 करोड़ का निवेश जुटाया है। कुल मिलाकर, इस योजना ने 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की घरेलू पूंजी जुटाने में मदद की है। सिडबी की फंड ऑफ फंड्स योजना की शुरुआत 2016 में हुई थी। इसके तहत घरेलू स्टार्टअप तंत्र को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
105 यूनिकॉर्न हैं भारत में अभी ये हैं 18 यूनिकॉर्न
शेयरचैट, लेंसकार्ट, डिजिट, अनअकैडमी, स्लाइस, डीलशेयर, क्योरफिट, स्पीनी, एको, ममाअर्थ, क्रेडएवेन्यू, माईग्लैम, पर्पल, जेटवेर्क, लीडस्क्वायर्ड, ड्रॉइनबॉक्स, फर्स्टक्राई और यूनिफोर।
हेल्थकेयर क्षेत्र को सर्वाधिक मदद
योजना के जरिये जिन स्टार्टअप को सर्वाधिक मदद मिली है, उनमें 11 फीसदी हेल्थकेयर/हेल्थ-टेक से जुड़े हैं। छह फीसदी स्टार्टअप कृषि और एग्रीटेक स्पेस क्षेत्र से संबंधित हैं।
छोटे शहरों में भी बढ़ा निवेश
टियर-1 शहरों से अलग अब तक 129 स्टार्टअप को 1,590 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। इन शहरों में वित्त वर्ष 2017 में इन शहरों में 38 सौदे हुए थे, जिनकी संख्या 2022-23 में बढ़कर 97 पहुंच गई।
9,500 करोड़ के फंड से नए उद्यमों को बढ़ावा
सिडबी के चेयरमैन एस रमन ने कहा, फंड ऑफ फंड्स योजना ने देश में नए उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए 9,500 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई है। इस रकम से 100 से अधिक अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स ने 56,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। रमन ने एक कार्यक्रम में कहा, एआईएफ क्षेत्र अधिक उत्साहित हो रहा है। फंड प्रबंधकों को अब भी बहुत पैसा लगाना बाकी है। अंतरिम बजट में स्टार्टअप, सॉवरेन व पेंशन फंड और गुजरात के गिफ्ट सिटी में स्थित कुछ निवेश संस्थानों के लिए कर लाभ को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2025 तक करने का प्रस्ताव किया गया है।
एसआईपी में बढ़ रहा भरोसा, निवेश पहली बार 19,000 करोड़ पार
म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेशकों का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। पहली बार इसमें निवेश 19,000 करोड़ के पार पहुंच गया है। फरवरी में एसआईपी में 19,187 करोड़ का निवेश आया। जनवरी में यह 18,838 करोड़ था। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने एसआईपी का कुल एयूएम यानी निवेशकों के निवेश का मूल्य 2.49 फीसदी बढ़कर 10.52 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। ब्यूरो फरवरी लगातार 36वां महीना है, जब इक्विटी फंड में निवेश आया है। इस दौरान इक्विटी फंड में निवेश बढ़कर 26,866 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले 23 महीनों का यह रिकॉर्ड है। जनवरी में इक्विटी फंड में 21,780 करोड़ रुपये का निवेश आया था।
स्मॉल-मिडकैप से हुई निकासी: आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में स्मॉल और मिडकैप फंडों से निवेशकों ने जमकर निकासी की है। स्मॉलकैप में निवेश 10 फीसदी और मिडकैप में 12 फीसदी घटा है। गोल्ड ईटीएफ में 997 करोड़ रुपये का निवेश आया है।
इक्विटी में लगातार 36वें माह निवेश: फरवरी लगातार 36वां महीना है, जब इक्विटी फंड में निवेश आया है। इस दौरान इक्विटी फंड में निवेश बढ़कर 26,866 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले 23 महीनों का यह रिकॉर्ड है। जनवरी में इक्विटी फंड में 21,780 करोड़ रुपये का निवेश आया था।
स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी 20 मई से मंगाए गए आवेदन
स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी 20 मई, 2024 से शुरू होगी। दूरसंचार विभाग ने आवेदन मंगाने के लिए शुक्रवार को जारी नोटिस में यह जानकारी दी। सरकार मोबाइल फोन सेवाओं के लिए 96,317.65 करोड़ रुपये के आधार मूल्य पर आठ स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी करेगी। ये बैंड 800, 900, 1,800, 2,100, 2,300, 2,500, 3,000 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज हैं। नोटिस से मिली जानकारी के मुताबिक, दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही कुछ कंपनियों के पास मौजूद स्पेक्ट्रम के साथ ही इस साल खत्म होने वाली फ्रीक्वेंसी को भी नीलामी में रखा जाएगा। 2022 की नीलामी में रिलायंस जियो ने 5जी स्पेक्ट्रम पर 88,078 करोड़ खर्च किए थे।अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें
भाजपा-एनसीपी के बीच सीट बंटवारे पर फंसा पेच, सीएम शिंदे और अजित पवार ने गृहमंत्री से की मुलाकात
लोकसभा चुनाव के लिए गृह मंत्री शाह से सीट बंटवारे पर बातचीत के पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शीर्ष नेता शुक्रवार शाम पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल के आवास पर एकत्र हुए। राकांपा के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख सुनील तटकरे सीट बंटवारे पर बातचीत के लिए राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के भी शाह के साथ बैठक में मौजूद रहने की संभावना है।महाराष्ट्र सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भाजपा, शिवसेना और राकांपा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों की साझेदारी पर बातचीत कर रही है। शाह ने मंगलवार को अपने मुंबई दौरे पर पवार, फडणवीस और शिंदे के साथ बैठक की थी। महाराष्ट्र से लोकसभा के 48 सांसद आते हैं।
महाराष्ट्र सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भाजपा, शिवसेना और राकांपा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों की साझेदारी पर बातचीत कर रही है। शाह ने मंगलवार को अपने मुंबई दौरे पर पवार, फडणवीस और शिंदे के साथ बैठक की थी। महाराष्ट्र से लोकसभा के 48 सांसद आते हैं।
गृहमंत्री शाह से मुलाकात
सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार ने सीट शेयरिंग को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की। गृहमंत्री के साथ शाम सात बजे बैठक शुरू हुई। बैठक में शाह, शिंदे और पवार के साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे। बैठक में दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर विचार-विमर्श किया गया।
बिग बॉस ओटीटी सीजन 2 के विनर एल्विश यादव के खिलाफ दर्ज हुई FIR
बिग बॉस ओटीटी सीजन 2 के विनर एल्विश यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब सागर ठाकुर नाम के यूट्यूबर को मारने के आरोप पर एल्विश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। बता दें कि ये FIR गुरुग्राम के सेक्टर 53 थाने में दर्ज की गई है।
क्षेत्रीय दलों के बदलते समीकरणों के कारण बदल रही है जमीनी हकीकत
कर्नाटक और तेलंगाना के चुनावों के बाद भाजपा के खराब प्रदर्शन और कांग्रेस की बड़ी सफलता के लिए उत्तर और दक्षिण भारत की राजनीतिक संस्कृति के अंतर को जिम्मेदार माना गया था। तब से यह तर्क दिया जाने लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के मुद्दे और भाजपा की हिंदुत्व की राजनीति दक्षिण में नहीं चल सकती। इस आख्यान का इस्तेमाल लोगों को यह समझाने के लिए किया गया कि दक्षिण की 130 लोकसभा सीटों पर भाजपा आसानी से कब्जा नहीं कर सकती, चाहे प्रधानमंत्री मोदी कितना भी जोर लगा लें।
इतिहास बताता है कि दक्षिण भारत ने हमेशा से गांधी परिवार को समर्थन दिया है। लेकिन अब क्षेत्रीय दलों के बदलते समीकरणों के साथ जमीनी वास्तविकता बदल रही है। ऐसे में, कथित उत्तर बनाम दक्षिण का मुद्दा भाजपा को रोक सकेगा, इसमें संदेह है।
यह ऐतिहासिक रूप से सच है कि आपातकाल के बाद 1977 में जब इंदिरा गांधी का पतन हुआ था, तब कांग्रेस को दक्षिण भारत में ही शरण मिली थी। यहां तक कि 2014 और 2019 में जब कांग्रेस सबसे खराब स्थिति में पहुंच गई, तब भी दक्षिण भारत ने गांधी परिवार को मजबूत शरण दी थी। इससे भी पहले, जब 2004 और 2009 में कांग्रेस ने केंद्र में वापसी की कोशिश की, तो दक्षिण के मतदाताओं ने भरपूर समर्थन दिया था। लेकिन आज इस बात में संदेह है कि दक्षिण में वैसी ही स्थिति बनी हुई है, क्योंकि जमीनी वास्तविकता बदल रही है। दक्षिण में क्षेत्रीय दलों की भूमिका प्रमुख होती है।
निस्संदेह कर्नाटक एवं तेलंगाना की जीत ने कांग्रेस को बेहद जरूरी गतिशीलता प्रदान की है। फिर भी कांग्रेस दक्षिण को हल्के में नहीं ले सकती। अब उसे कई नई और चतुर क्षेत्रीय पार्टियों से जूझना होगा। भाजपा ने भी मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश नहीं छोड़ी है। भाजपा उत्तरी और पश्चिमी भारत में अपने चरम पर पहुंच चुकी है, इसलिए प्रधानमंत्री दक्षिण में दृढ़तापूर्वक प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पिछले दो महीने में दक्षिण भारत की चार विस्तृत यात्राएं की हैं। चुनाव की घोषणा होने पर वह दक्षिण में और ज्यादा प्रचार करेंगे। विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद कर्नाटक में अब भी भाजपा के लिए काफी संभावनाएं हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 28 में से 25 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस मात्र एक सीट जीत पाई थी। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव की अपनी जीत (135 सीटों और 42.88 फीसदी वोट) और भाजपा के विधानसभा प्रदर्शन (66 सीट एवं 36 फीसदी वोट) का लोकसभा में कैसे उपयोग कर पाती हैं। देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (एस) के साथ गठबंधन करके भाजपा ने पारंपरिक रूप से त्रिकोणीय मुकाबले को सीधी लड़ाई में बदल दिया है और उसे वोक्कालिगा और लिंगायत वोटरों के एकसाथ आने की उम्मीद है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य पार्टी का नेतृत्व येदियुरप्पा खेमे को सौंपकर एक सुधार किया है। माना जाता है कि ‘मोदी फैक्टर’ लोकसभा चुनावों में भाजपा को बढ़त दिला सकता है, क्योंकि प्रधानमंत्री राज्य के मतदाताओं के बीच लोकप्रिय बने हुए हैं।
तमिलनाडु में द्रमुक और कांग्रेस समेत उसके अन्य सहयोगियों के लिए एक परीक्षा होगी कि क्या वह पिछले लोकसभा चुनाव (39 में से 38 सीटें) और विधानसभा चुनाव (234 में से 159 सीटें) की तरह शानदार प्रदर्शन कर पाएगी। इस बार स्टालिन सरकार के खिलाफ भाई-भतीजावाद एवं भ्रष्टाचार के आरोप हैं। सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के खिलाफ ड्रग तस्करों से मिलीभगत के कथित आरोप भी हैं। शीर्ष द्रमुक मंत्रियों के भ्रष्टाचार को दबाने के लिए सनातन धर्म के खिलाफ उदयनिधि का बयान भी द्रमुक के पक्ष में काम नहीं कर सका। मुख्य विपक्षी पार्टी अन्नाद्रमुक के. अन्नामलाई के नेतृत्व वाली भाजपा से पिछड़ गई है। अन्नामलाई के नेतृत्व में भाजपा को द्रमुक से लड़ाई करने के लिए नया जोश मिला है। अन्नाद्रमुक ने हाल ही में भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया है, जो अनुमानित रूप से 13 फीसदी अल्पसंख्यक मतों को द्रमुक से अलग करने के लिए था। इसके विपरीत मोदी ने काशी तमिल संगमम के जरिये भाजपा के हिंदुत्व और तमिल परंपरा के बीच एक भावनात्मक एवं सांस्कृतिक संबंध जोड़ने का प्रयास किया है।
तेलंगाना में कांग्रेस की रणनीतिक बढ़त और आत्मविश्वास से मोदी निश्चिंत हैं। भाजपा का दावा है कि तेलंगाना में ज्यादा बदलाव नहीं दिखेगा, क्योंकि कांग्रेस बीआरएस से अलग नहीं है, जो अब भी हार के सदमे से उबर नहीं पाई है। भाजपा के लिए सकारात्मक बात यह है कि वह विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रही, जो कि उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने वहां 17 में से चार सीटें जीती थीं। भाजपा-आरएसएस के आख्यान को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए तेलंगाना का सामाजिक चरित्र अनुकूल है। वहां मुस्लिम आबादी 15 फीसदी के करीब है, जो निजामाबाद जैसे जिलों में केंद्रित है, जहां भाजपा ने 2019 में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को हराया था। वहां मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी करती है।
आंध्र प्रदेश में भाजपा ने चंद्रबाबू नायडु की तेदेपा और पवन कल्याण की पार्टी के साथ गठबंधन किया है। वहां मुख्य लड़ाई जगमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस और तेदेपा के बीच है। कांग्रेस को उम्मीद है कि कर्नाटक और तेलंगाना की जीत का उसे फायदा मिलेगा। वाईएसआर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए कांग्रेस ने वहां जगन मोहन की बहन वाईएस शर्मिला को पार्टी में शामिल किया है। ऐसी भी अटकलें हैं कि राज्य कांग्रेस अपने नए दुश्मन वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ तेदेपा से गठबंधन करेगी या अकेले चुनाव लड़ेगी। आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें हैं और भाजपा आठ से दस सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।
कांग्रेस को केरल से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि पिछली बार उसने 20 में से 15 सीटें जीती थीं। उसे उम्मीद है कि इस बार वह वामपंथियों को न्यूनतम स्तर पर ला देगी। 44 फीसदी मुस्लिम-ईसाई वोट बैंक कांग्रेस का पारंपरिक जनाधार है। इसी वजह से राज्य कांग्रेस की इकाई ने कांग्रेस कार्यसमिति के नेताओं को अयोध्या के राम मंदिर उद्घाटन में नहीं जाने के लिए कहा था।
मोदी के मार्गदर्शन में भाजपा ने भी हिंदू-ईसाई वोटों को लुभाने की भरपूर कोशिश की है। भाजपा की नजर 18 फीसदी ईसाई वोटों पर है और वह अपनी चुनावी संभावनाओं को बेहतर करने के लिए चर्च को नेताओं से संबंध बढ़ा रही है। तो क्या उत्तर-दक्षिण का जो अंतर पैदा किया जा रहा है, वह भाजपा को रोक पाएगा?
मुझे विश्वास है कि इस बार भाजपा सरकार खोने जा रही है- शशि थरूर
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने पर कांग्रेस नेता शशि थरुर ने कहा कि भाजपा के लिए पिछली 303 सीटों को दोहराना भी बहुत मुश्किल हो रहा है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भाजपा सरकार खोने जा रही है।
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी, वायनाड से चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी
लोकसभा चुनाव से पहले आज कांग्रेस दिल्ली में प्रेस कॉन्फेंस कर रही है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पार्टी की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 39 उम्मीदवारों का नाम है। इस लिस्ट के अनुसार राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ने वाले हैं।
पीएम मोदी ने सुधा मूर्ति के लिए किया ट्वीट
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मुझे बहुत खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामित किया है। समाज सेवा, दान और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान बहुत बड़ा और प्रेरक रहा है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी ‘नारी शक्ति’ का एक मजबूत प्रमाण है, जो राष्ट्र की नियति को गढ़ने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके संसदीय कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं।
राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ गुजरात के पंचमहल जिले के लिए रवाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के गुजरात चरण के दूसरे दिन दाहोद शहर से अपनी यात्रा फिर से शुरू की और यह यात्रा पड़ोसी पंचमहल जिले में गोधरा की ओर बढ़ी। राहुल गांधी की यात्रा ने बृहस्पतिवार को राजस्थान से गुजरात में प्रवेश किया था। दाहोद जिले के झालोड शहर में लोगों को संबाधित करने के बाद उन्होंने इलाके के एक गांव में रात्रि विश्राम किया था। उन्होंने शुक्रवार सुबह झालोड के समीप कम्बोई धाम में आदिवासियों के पूज्य गुरु गोविंद गुरु के दर्शन किए।