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नीमच से मंदसौर नफरत छोड़ो-संविधान बचाओ पद यात्रा

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नफरत और हिंसा के वातावरण में विकास संभव नहीं***-डॉ सुनीलम*

*देश को नफरत नहीं शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की जरूरत**-कृपाल सिंह मंडलोई*

नीमच । आज दिनांक 16 नवम्बर 2022 को नीमच से  “नफरत छोड़ो-संविधान बचाओ पदयात्रा” मंदसौर में संपन्न हुई,

कल शुरुआत नीमच में डॉ सुनीलम द्वारा कराई  गई थी।

 सामाजिक कार्यकर्ता कृपाल सिंह मंडलोई के नेतृत्व में पदयात्रा का आयोजन किया गया, जो नीमच से 15 की रात मल्हारगढ़ पहुंची। 

 पदयात्रा का उद्देश्य लोगों को संवैधानिक मूल्यों और साम्प्रदायिक वैमनस्यता के विरुद्ध समाज को एकजुट करना है । यात्रा के उद्घाटन करते हुए किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवम पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा कि समाज में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर सत्ता हासिल करने  वाली पार्टियां सरकार चला रही हैं, बेरोजगारी और महंगाई पर रोक लगाने की नीतियां और कार्यक्रम बनाने की जगह वे समाज में नफरत और घृणा फैला रहे हैं जिससे समाज में तनाव और हिंसा बढ़ती जा रही है।

ऐसी स्थिति में विकास संभव नहीं है।उन्होंने कहा देश को नफरत नहीं शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की जरूरत है।

पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे खुदाई खिदमतगार कृपाल सिंह मंडलोई ने कहा कि पिछले कुछ समय से ‘विविधता में एकता’ के खिलाफ, जाति और मजहब के नाम पर सत्ताधीश लगातार जहर फैलाने का काम कर रहे हैं, सत्ता के लोभ में नफरत फैलाकर देश में विभाजन ही नही, हिंसा से अमानवीयता तक अपने वोट बैंक को हासिल करना चाहते हैं। यह संविधान का और मानव अधिकारों का उल्लंघन हमको अमान्य है “फूट डालो, राज करो” की नीति तथा संविधान व संवैधानिक संस्थाओं पर हो रहे हमले के विरूद्ध देश भर में “नफरत छोड़ो- संविधान बचाओ” अभियान चलाया जा रहा है ।

भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 9 अगस्त 1942 में और इमरजेंसी में जेल जाने वाले 98 वर्षीय स्वतंत्र संग्राम सेनानी डॉ जी जी परीख जी के नेतृत्व में इस वर्ष अगस्त क्रांति मैदान मे “भारत छोड़ो आन्दोलन दिवस” पर “नफरत छोड़ो” का आह्वान किया गया था. यह आह्वान सभी जन आंदोलनों, बुद्धिजीवियों व राजनीतिक पार्टियों व देश की आवाम से किया गया था जिसके बाद सिविल सोसायटी की तरफ से “नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ अभियान” की पहल की गई. यह यात्रा देश भर के 300 जिलों में निकाली जा रही है।

डॉ सुनीलम जी ने एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर संयुक्त किसान आंदोलन के 26 नवंबर को भोपाल में राजभवन पर किसान मार्च में किसानों से शामिल होने की अपील की।

 संवैधानिक अधिकारों और संस्थाओं पर हो रहे हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि यह 

लोकतंत्रवादियों के लिए संकट का समय है। हमें मिलकर उन ताकतों से लड़ना होगा जो हमारी संवैधानिक बुनियाद को खोखला कर रहे हैं ।

कृपाल सिंह मंडलोई ने एकता की जरूरत और सबको साथ चलने की बात कही। उनका कहना था कि जब पूरा देश एक जैसे नकारात्मक माहौल की गिरफ्त में हो तो हमें आवाज़ उठाने के लिए निकलना होगा। यह यात्रा किसी एक व्यक्ति या संगठन की नही है, बल्कि अपने देश से प्रेम करने और इस संकट में उसके साथ खड़े होने वाले प्रत्येक नागरिक की है । कृपाल सिंह का कहना है कि स्वतंत्रता के आंदोलन में जिस सपने को हमारे पूर्वजों ने देखा था और उसे पूरा करने में जो परिश्रम लगाया था,उस पर आज संकट आ गया है। यदि हम आज नही निकले तो आने वाली नस्लें हमें अच्छी और सच्ची तरह नही याद करेंगी। उन्होंने नीमच से मंदसौर तक कि यात्रा में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया ।

आज नीमच से शुरू हुई पदयात्रा में बहुत से बुद्धिजीवी, जागरूक नागरिक एवम सम्मानित गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए,  नीमच व्यापारी संघ के अध्यक्ष कमल मित्तल जी, जनवादी लेखक संघ के निरंजन गुप्त राही जी, मुकेश कालरा जी, मनासा के किसान नेता राजेन्द्र जी पुरोहित , मंदसौर के किसान नेता दिलीप पाटीदार जी, रामचंद्र पाटीदार जी और अधिवक्ता गंगाराम जी शामिल हुए। एडवोकेट पवन जी , संजीव पगारिया जी ने यात्रियों का सम्मान किया . नितेश यादव , लकेश यादव, अयान मंसूरी,  मनीष कदम, यश लोहार ,गौरव तिवारी, रहीम खान, सोनूी प्रजापत, नरेंद्र नागदा, राज परिसर, अखिलेश झा, राकेश गुर्जर, विकास यादव, कृपाल सिंह मंडलोई, वसीम खान आदि यात्रा में शामिल रहे।

कृपाल सिंह मंडलोई 

9516829939

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