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रहने दो

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कुछ ख्वाब कुछ यादें
मुझ में रहने दो
न मिल सको तो न मिलो
खुद को मुझ में ही रहने दो।
बीता हुआ वक्त और
बीती हुई बातें
कभी लौट कर नहीं आती,
मगर फिर भी
उन यादों को
मुझ में सिमटे रहने दो।
जो भूल चुका है
उसे भूलाने दो
फिर भी तुम
अतीत में बिखरी हुई
भूली हुई यादों को
मुझ ही में रहने दो।

राजीव डोगरा
(भाषा अध्यापक)
राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय
गाहलिया
पता-गांव जनयानकड़
पिन कोड -176038
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
9876777233
rajivdogra1@gmail.com

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