मनीषा कुमारी तीन दोस्त मुम्बई यूनिवर्सिटी से एम.ए. की डिग्री लेकर दो वर्षों से बेकारी और मुफ़लिसी के दिन काट रहे थे I दो इकोनॉमिक्स से एम.ए. थे और तीसरा हिन्दी साहित्य से. बहुत भटकने के बाद एक पाँच-सितारा होटल...
पुष्पा गुप्ता सुदेश जी का अपना बसा बसाया कारोबार हो चुका है जिंदगी एक प्रकार से सेटल हो गई इसके लिए उन्होंने बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी । जिंदगी के चार दशक कैसे बीत गए पता ही नहीं चला । अपने व्यवसाय को ऊंचाइयों...