पटना: बागेश्वर महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 13 मई को बिहार आने वाले हैं. पटना में 13 से 17 मई तक उनकी कथा होनी है. लेकिन उनके आगमन के पहले ही बिहार में महाभारत छिड़ गया है. राज्य में छपरा सीवान से लेकर चंपारण तक पूरा मगध क्षेत्र बागेश्वर महाराज के पक्ष और विपक्ष में बंटा नजर आ रहा है. एक तरफ लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की DSS सेना विरोध में खड़ी है, तो दूसरी तरफ सवर्ण सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है.
जानकारी के मुताबिक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का पटना से सटे नौबतपुर के तरेत पाली मठ में हनुमत कथा का आयोजन हो रहा है. यह कथा 13 मई से शुरू होकर 17 मई तक चलेगी. कथा के बीच 15 मई को उनका दिव्य दरबार भी आयोजित होने वाला है. इसमें वह परंपरा के मुताबिक श्रद्धालुओं की पर्ची निकाल कर समस्याओं का समाधान करेंगे. उनके इस कार्यक्रम की लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. उधर, उन्हें बिहार आने से रोकने के लिए सत्ता पक्ष के लोग एकजुट हो गए हैं.
अभी तक यह महासंग्राम केवल नेताओं और मंत्रियों के बयान में नजर आ रहा था, लेकिन जैसे जैसे कार्यक्रम की तिथि करीब आ रही है, इसका असर सड़कों पर भी देखा जाने लगा है. स्थिति यहां तक आ गई एक तरफ आयोजक मंडली दिन भर बागेश्वर महाराज के स्वागत और कार्यक्रम के संबंध में पोस्टर लगाते हैं तो दूसरी ओर शाम ढलते ही दूसरे पक्ष के लोग पोस्टरों को फाड़ना शुरू कर दे रहे हैं. तेज प्रताप पहले ही दावा कर चुके हैं कि वह बागेश्वर महाराज को बिहार में घुसने नहीं देंगे.
इसके लिए रोज उनके आवास पर धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ के कार्यकर्ता मार्च पास्ट, लेफ्ट राइट परेड कर रहे हैं. दूसरी ओर तेज प्रताप की सेना से निपटने के लिए सवर्ण सेना भी पटना के गांधी मैदान में तैयार हो गई है. भगवा धारण कर इस सेना ने तेज प्रताप की डीएसएस सेना को उसकी भाषा में जवाब देने की शपथ ली है. यहां सनातन धर्म की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने की कसमें खाई जा रही हैं.
इसी के साथ एक दृष्य कथा स्थल से भी आया है. यहां तरेत पाली मठ मैदान में भव्य जर्मन पंडाल तैयार किया जा रहा है. कथा वाचन के लिए विशाल मंच सज रहा है. बाबा के आगमन के एक दिन पहले यहां बड़ी विशाल कलश यात्रा निकलेगी. इसके लिए 20 हजार से भी अधिक कलश तैयार किए जा रहे हैं. इसके लिए कुम्हारों का पूरा मुहल्ला काम पर लग गया है.