अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

विधायक पटेरिया की दबाव की राजनीति आखिर सफल हो गई, एक्शन में आई मोहन सरकार

Share

मप्र में भाजपा विधायक बृजबिहारी पटेरिया द्वारा गुस्से में इस्तीफे और दबाव की राजनीति के बाद शासन—प्रशासन हरकत में आया। विधायक की नाफरमानी करने वाले केसली थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है, वहीं जिस डॉक्टर के खिलाफ विधायक धरने पर बैठे थे उस पर भी एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

मध्य प्रदेश की राजनीति में इस्तीफा कांड से सुर्खियों में आए सागर जिले के देवरी विधायक बृजबिहारी पटेरिया की दबाव की राजनीति आखिर सफल हो गई। आधी रात को इस्तीफा की खबर ने प्रशासन की नींद उड़ा दी। हालांकि विधायक इस्तीफा से पलट गए, लेकिन केसली थाने के टीआई लाइन हाजिर हो गए और केसली अस्पताल के डॉक्टर पर रिश्वत मांगने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली गई। उन्हें सीएमएचओ ने नोटिस जारी किया है और केसली से हटाकर बीना अटैच किया गया है।

सागर जिले के केसली थाना प्रभारी अजय कुमार बैगा को एसपी सागर ने लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं केसली सरकारी अस्पताल में पदस्थ डॉ. दीपक दुबे के खिलाफ पीएम रिपोर्ट में सर्पदंश से मौत का उल्लेख करने के एवज में रिश्वत मांगने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। बता दें कि इन दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई स्थानीय भाजपा विधायक बृजबिहारी पटेरिया की नाराजगी के बाद की गई है। केसली थाना में बीती राज जमकर राजनीतिक घटनाक्रम चलता रहा था। विधायक बृजबिहारी पटेरिया के कहने के बाद भी जब टीआई अजय कुमार बैगा ने डॉ. दीपक दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की थी तो विधायक ने इसे अपने मान-सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। वे समर्थकों और पीड़ित पक्ष के साथ थाने में धरने पर बैठ गए थे। उन्होंने वहीं से इस्तीफा लिखकर विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया था।

केसली थाना क्षेत्र में रहने वाले 70 वर्षीय धनसिंह की कुछ दिनों पहले मृत्यु हो गई थी। परिजनों ने डॉक्टर को बताया था कि उनको सर्प ने डसा है, जिस कारण उनकी मृत्यु हुई है। इस मामले में डॉ. दीपक दुबे ने मृतक के पीएम के दौरान गले सहित शरीर में अन्य जगह से बिसरा सैंपल लिए थे। मामले में मृतक के पोते ने आरोप लगाए थे कि डॉ. दुबे पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण सर्पदंश से लिखने के एवज में 40 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहे हैं। पीड़ित रोहित यादव ने विधायक बृजबिहारी पटेरिया से शिकायत की थी। विधायक ने टीआई से मामले में डॉक्टर पर रिश्वत मांगने के आरोप में एफआईआर करने की बात कही थी, लेकिन टीआई अजय बैगा ने इसमें नियमों व एक्ट का हवाला देकर एफआईआर करने से इंकार कर दिया था।

विधायक का रात में इस्तीफा, सुबह यू-टर्न

बृजबिहारी पटेरिया ने रात में लेटरहेड पर इस्तीफा लिखकर विधानसभा अध्यक्ष को भेजा था। इसमें महज सवा चार लाइनों में उन्होंने अपना दर्द भी बयां किया था, जिसमें कहा था कि विधायक की सुनवाई नहीं हो रही है, इसलिए आहत हूं और मुझे ऐसी विधायकी नहीं करनी हैं। सोशल मीडिया पर इस्तीफा वायरल होने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से लेकर तमाम आला नेता सक्रिय हुए और बृजबिहारी पटेरिया व प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से चर्चा की थी। रात में ही मामले को सुलझा लिया गया था। इधर विधायक ने अपनी मांग पूरी होने के बाद कहा कि गुस्से में इस्तीफा लिख दिया था, मुख्यमंत्री, सरकार और भाजपा संगठन हमारे साथ है। इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है।

Add comment

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें