रंगों के त्योहार होली में करीब कुछ ही दिन शेष बचे हैं। ऐसे में चौक-चौराहों से लेकर बाजार तक रंगों से गुलजार हो उठे है। जहां परीक्षा के बीच में भी बच्चे होली खेलने के लिए तैयार रहते हैं वहीं, बाजारों में भी अब रंग खरीदने के लिए लोगों की भीड़ पहुंचने लगी है। इसके अलावा छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े व्यापारियों तक को अच्छी कमाई का अनुभव हो रहा है। लोग सबसे अधिक इलेक्ट्रिक पिचकारी खरीदने पहुंच रहे है। यह इलेक्ट्रिक पिचकारी रीयूजेबल बैटरी के साथ मिल रही, जिसकी कीमत भी कम है। इसकी खास बात यह है कि यह स्वदेशी है। 2024 के मुकाबले इस साल कीमतों में भी 10-15 प्रतिशत की कमी आई है। होली तक कीमतों में और भी गिरावट आने का अनुमान है।
चांदनी चौक, सदर बाजार, गफ्फार मार्केट, नजफगढ़, लाजपत नगर, कमला नगर, कृष्णा नगर, लक्ष्मी नगर, समेत अन्य बाजार गुलाल की खुशबू से महकने लगे है। बाजारों में 15-20 तरह की इलेक्ट्रिक पिचकारी मौजूद है। जहां वर्ष 2024 में एक-दो मॉडल ही मार्केट में आए थे, वहीं इस बार 15 से 20 मॉडल लोगों के लिए खरीदने के लिए उपलब्ध है। इनमें रीयूजेबल और चार्जेबल बैटरी लगती है। ये पिचकारी होलसेल रेट में 200 से 900 रुपये तक मिल रही है। रिटेल बाजारों में दुकानदार अपने खर्च और मुनाफे के हिसाब से बेच रहे है। सदर बाजार में पिचकारी बेचने वाले रामलाल ने बताया कि रोजाना 100 से 200 लोग इलेक्ट्रिक पिचकारी खरीदने आ रहे हैं। मांग इतनी है कि स्टॉक को पहले से ही बड़ी मात्रा में जमा किया हुआ है, ताकि खरीदार निराश होकर वापिस घर न जाएं। उन्होंने बताया कि एक इलेक्ट्रिक पिचकारी की कीमत 1000 रुपये तक है।

एके 47, हथौड़ा, पीएम नरेंद्र मोदी व राहुल गांधी की पिचकारी में बढ़ा लोगों का क्रेज
चांदनी चौक की मार्केट में एके 47, हथौड़ा, बेबी शार्क, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व लोकसभा प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी के कार्टुन वाली पिचकारी मौजूद है। युवा ही नहीं बल्कि बुजुर्ग भी न पिचकारी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इन अनोखी पिचकारियों को दूर-दूर से लोग खरीदने आ रहे हैं। चांदनी चौक में पिचकारी बेचने वाले आर्यन ने बताया कि उनके पास एके 47 राइफल जैसी हूबहू पिचकारी मौजूद है। इसके अलावा, हथौड़ा, बेबी शार्क, फरसा व डॉल्फिन समेत अन्य डिजाइन वाली पिचकारी छोटे बच्चों को लुभा रही है। वह बताते है कि हथौड़ा पिचकारी को लोग इतना पसंद कर रहे हैं कि रोज उनका स्टॉक खत्म हो जाता है। उनके पास 20 रुपए से 1000 रुपए से अधिक कीमत की पिचकारी मौजूद है। सबकी कीमत 200 रुपये है।
रंगों के छाप को यादगार बनाने के लिए लोग खरीद रहे सफेद कुर्ते
सफेद कपड़े पहनकर होली खेलने का दौर एक बार फिर लौट आया है। बाजारों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक के लिए सफेद टी शर्ट, महिलाओं के लिए कड़ाई, चिकनकारी व सफेद कुर्ते समेत अन्य डिजाइनर के कपड़े दुकानों में सजे है। होली पर किस तरह की मांग है, इस पर लाजपत नगर के एक दुकानदार किशोर ने बताया कि सफेद रंग में सिर्फ जेंट्स शर्ट ही नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए भी सफेद सूट, कुर्ती, साड़ी के पारंपरिक से लेकर नए डिजाइन में भी उपलब्ध है। बच्चों के टी शर्ट 100 रुपए से डेढ़ सौ रुपए तक में मिल रहीं। पुरुषों के लिए टीशर्ट, शर्ट, कुर्ते 300 से 500 रुपये तक मिल रहे है। वहीं, महिलाओं की कुर्ती 250 से शुरू होकर 600 रुपये तक मिल रही है।
हर्बल गुलाल की मांग अधिक
होली का बाजार इस बार नए रंग में रंगा नजर आ रहा है। इस बार लोग रंगों से ज्यादा गुलाल की मांग कर रहे है। रासायनिक रंग की मांग पिछले सालों की अपेक्षा कम है। हर ओर रंग-बिरंगी पिचकारी, गुलाल, रंग तरह-तरह के मुखौटे, चश्मे, रंग-बिरंगे बाल और टोपी दिखाई दे रही हैं। ऐसे में लोग हर्बल रंग-अबीर की मांग सबसे अधिक कर रहे हैं। सदर बाजार में गुलाल के कारोबारी विनय बताते हैं कि इस बार गुलाल की खरीद को लेकर लोगों में काफी जागरूकता देखी जा रही है। लोग साधारण और केमिकल युक्त गुलाल को खरीदने से परहेज कर रहे हैं। वह कम मात्रा में ही गुलाल खरीद रहे हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकता हर्बल की है। उन्होंने बताया कि हर्बल गुलाल त्वचा के लिए एकदम मुफीद हैं और इससे कोई नुकसान नहीं है। इन गुलाल के कई पैकेट बाजार में खरीदारों के लिए उपलब्ध है। लोग अपनी सुविधा के अनुसार इन पैकेट्स को खरीद सकते हैं। इसके अलावा, बाजार में टोपी में प्लास्टिक और कपड़े के अलावा राजस्थानी पगड़ी भी खूब पसंद की जा रही है। बाजार में जगह-जगह गुलाल के पांच और दस किलो वाले सिलेंडर भी हैं। साथ ही, रंग की स्प्रे बोतल भी उपलब्ध हैं।
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