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मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क:255 एकड़ जमीन का कब्जा हासिल कर गाड़े खम्भे

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अधिक मुआवजे की मांग कर रहे किसानों को खदेड़ा, थाने में भी बैठाया

इंदौर। मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क का विकास कार्य अब इंदौर एमएमएलपी प्रा.लि द्वारा शुरू कर दिए जाएंगे, जिसके लिए एमओयू (MoU) साइन हो चुका है, जिसमें नेशनल हाईवे की संस्था की 50.72 प्रतिशत, एमपीआईडीसी की 26.74 और रेल विकास निगम की 22.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पिछले दिनों तीनों गांवों के किसानों की अधिग्रहित की जा रही जमीनों का बढ़ा हुआ मुआवजा भी शासन ने मंजूर कर कोर्ट में जमा करा दिया। बावजूद इसके रोजाना विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसके चलते अब सख्ती से पुलिस प्रशासन की सहायता से पूरी 255 एकड़ जमीन का कब्जा हासिल कर सीमांकन के साथ खम्भे गाडऩा भी शुरू कर दिए। दूसरी तरफ किसानों ने जबरिया कब्जे के आरोप भी लगाए। उनका कहना है कि महिलाओं-बच्चों सहित कई लोगों को थाने में भी घंटों बंद रखा और मौके से भी खदेडऩे के प्रयास किए गए।

पीथमपुर का यह मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें रेलवे टर्मिनल, कंटेनर यार्ड, कोल्ड स्टोरेज, एग्री साइलो, वेयर हाउस, कमर्शियल झोन सहित तमाम गतिविधियां रहेंगी और रेल विकास निगम द्वारा जो रेल कनेक्टीविटी यहां से दी जाएगी उससे कम माल भाड़े में प्रदेश से बड़ी मात्रा में निर्यात संभव होगा, जो कि बंदरगाहों पर भेजना आसान भी रहेगा। एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक राजेश राठौर के मुताबिक पिछले दिनों ग्राम जामोदी के किसानों का भी मुआवजा शासन ने बढ़ा दिया और 56 लाख प्रति हेक्टेयर की जगह 80 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की राशि अब सभी तीनों गांवों खेड़ा, अकोलिया और सागोर की भूमि के समान दिया जा रहा है, जिसके लिए शासन ने 30.52 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज मंजूर किया। बावजूद इसके जमीन मालिकों, किसानों को लगातार समझाइश भी दी गई।

मगर जमीनों का कब्जा नहीं सौंपा गया। लिहाजा कलेक्टर धार के निर्देश पर प्रशासन ने भूमि का मुआवजा कोर्ट में जमा करवाकर कब्जा लेना शुरू किया और कल सभी बची जमीनों का भी कब्जा हासिल कर लिया गया। पूर्व में खेड़ा, अकोलिया और सागोर की निजी 26.587 हेक्टेयर जमीन के साथ सरकारी 22.432 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध हो गई थी। शेष जामोदी की जमीन भी कल प्रशासन की मदद से हासिल की गई, जो कि 63.581 हेक्टेयर है। इस तरह कुल 112.60 हेक्टेयर यानी 255 एकड़ जमीन का कब्जा मिल गया है, जिस पर अब योजना का क्रियान्वयन शुरू होगा। एमएमएलपी को विकसित करने के लिए जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट को मास्टर डवलपर के रूप में नियुक्त किया गया है। इस कम्पनी ने अपने स्टाफ और कैम्प ऑफिस का भी सेटअप कर लिया है। इस पूरी परियोजना की लागत 1110 करोड़ रुपए से अधिक है और मास्टर डवलपर ने कल से ही जमीन के सीमांकन शुरू करने के साथ खम्भे का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया है। पिछले दिनों ही योजना के क्रियान्वयन के लिए एसपीवी का गठन किया गया, जिसका नाम इंदौर एमएमएलपी प्रा.लि. है, जिसमें तीन विभागों की हिस्सेदारी शामिल है। दूसरी तरफ लगातार भू-अर्जन का विरोध कर रहे किसान नेता हंसराज मंडलोई का आरोप है कि पुलिस प्रशासन ने डंडे के बल पर किसानों की जमीनों पर बलपूर्वक कब्जा किया और महिलाओं-छोटे बच्चियों की भी पिटाई की और पुलिस ने पकडक़र घंटों थानों में भी बंद रखा। वहीं कई किसान घर-बार छोडक़र फरारी भी काट रहे हैं।

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