नीलम ज्योति
आकाश में तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। ग्रह-नक्षत्रों की चाल का विशेष महत्व होता है। ग्रह-नक्षत्रों की चाल का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर जरूर पड़ता है। ग्रहों की चाल से जहां व्यक्ति के जीवन पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता तो वहीं नक्षत्रों की गणना से व्यक्ति के स्वभाव और जीवनशैली पर असर होता है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्रों का विवरण है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इन 27 नक्षत्रों को दक्ष प्रजापति की पुत्रियां माना गया है। वैदिक ज्योतिष में ज्योतिषीय गणना के लिए कुल 12 राशियां होती हैं और आकाश को 27 नक्षत्रों में बांटा गया है। कुल 9 ग्रहों को इन 27 नक्षत्रों में बांटा गया है और हर एक ग्रह 3 नक्षत्रों के स्वामी होते हैं।
नक्षत्रों की गणना के आधार पर ही ज्योतिषीय गणनाएं की जाती हैं और ये नक्षत्र चंद्रमा का पथ से जुडे हुए होते हैं। चंद्रमा लगभग 27 दिनों में पृथ्वी की पूरी परिक्रमा करता है। ऐसे में एक माह में चंद्रमा जिस भी मुख्य सितारों के समूहों के बीच भ्रमण करते हैं। चंद्रमा के द्वारा एक परिक्रमा करने में 27 अलग-अलग तारा समूह का निर्माण करते हैं। जिस प्रकार से सूर्य मेष से लेकर मीन राशि तक हर महीने भ्रमण करते हैं उसी प्रकार चंद्रमा सभी 27 नक्षत्रों में विचरण करते हैं। इस काल को ही नक्षत्रमास कहा जाता है। इस प्रकार 27 दिनों का एक नक्षत्र मास होता है।
1-अश्विन नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अश्विन नक्षत्र सभी 27 नक्षत्रों में पहला नक्षत्र होता है। यह नक्षत्र ज्योतिष शास्त्र में सबसे पहला और अहम माना जाता है। अगर आप अश्विन नक्षत्र वाले हैं तो आप बहुत ऊर्जावान और सक्रिय होंगे। अश्विन नक्षत्र वाले व्यक्ति बेहद महात्वाकांक्षी और बेचैन प्रकृति के होते हैं। हर काम जल्दबाजी में करना चाहते हैं और उसका नतीजा भी जल्दी से जल्दी चाहते हैं। कुछ रहस्यमय प्रकृति के होते हैं पहले काम कर लेते हैं, बाद में उसके बारे में सोचते हैं। इसलिए कई बार उन्हें कामकाज में नाकामयाबी भी मिलती है, लेकिन लगातार कोशिश करते रहने की वजह से ऐसे लोग आगे भी तेजी से बढ़ते हैं। दांपत्य जीवन अच्छा होता है और परिवार में समृद्धि रहती है।
2- भरणी नक्षत्र
यह सभी 27 नक्षत्रों में दूसरा नक्षत्र होता है। इस नक्षत्र के स्वामी शुक्र ग्रह होते हैं। अगर आप भरणी नक्षत्र वाले हैं तो आराम पसंद और आलीशान जीवन जीने का सपना देखने वाले होंगे। इस नक्षत्र के लोग काफी आकर्षक, सुंदर, व्यवहारकुशल और मृदुभाषी होते हैं और इनका मिलनसार स्वभाव लोगों को आकर्षित करता है। धुन के पक्के होते हैं और जो ठान लेते हैं उसे हासिल करके दम लेते हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान को अपना मूल मंत्र मानने वाले ये लोग प्रेम और सद्भाव के साथ काम करना पसंद करते हैं।
3- कृत्तिका नक्षत्र
इस नक्षत्र के लोगों पर सूर्य का प्रभाव होता है और इनमें आत्मसम्मान का भाव बहुत ज्यादा होता है। इन्हें जल्दी किसी पर भरोसा नहीं होता और इनका स्वभाव तुनकमिजाज होता है। इनमें ऊर्जा खूब होती है और कोई भी काम बहुत लगन और मेहनत से करते हैं। प्रेम में इनका भरोसा होता है और रिश्ते बनाने में माहिर होते हैं।
4-रोहिणी नक्षत्र
रोहिणी नक्षत्र के लोग काफी कल्पनाशील और रोमांटिक स्वभाव के होते हैं। इस नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा होता है। इसमें जन्मे लोग काफी चंचल स्वभाव के होते हैं और स्थायित्व इन्हें रास नहीं आता। इनकी सबसे बड़ी कमी यह होती है कि ये कभी एक ही मुद्दे या राय पर कायम नहीं रहते। ये लोग स्वभाव से काफी मिलनसार तो होते ही हैं लेकिन साथ-साथ जीवन की सभी सुख-सुविधाओं को पाने की कोशिश भी करते रहते हैं।
5-मृगशिरा नक्षत्र
इस नक्षत्र के लोगों पर मंगल का प्रभाव होने की वजह से वे काफी साहसी और मजबूत संकल्प वाले होते हैं। ये बेहद मेहनती होते हैं और स्थायी जीवन जीने में भरोसा रखते हैं। आकर्षक व्यक्तित्व के धनी और हमेशा सचेत रहने वाले ये लोग धोखा देने वालों को कभी माफ नहीं करते और बदला जरूर चुकाते हैं। ये लोग बुद्धिमान, मानसिक तौर पर मजबूत और संगीतप्रेमी होते हैं।
6- आर्द्रा नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों पर पूरी जिन्दगी बुध और राहु का प्रभाव रहता है। राहु के प्रभाव की वजह से इनकी दिलचस्पी राजनीति की ओर होती है। ये दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। दूसरों के मनोविज्ञान को समझ कर ही ये अपना व्यवहार बनाते हैं, बातचीत भी उसी लहजे से करते हैं। ऐसे लोगों को बेवकूफ बनाना बेहद मुश्किल होता है। दूसरों से काम निकलवाने में माहिर इस नक्षत्र के लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए नैतिकता को भी छोड़ देते हैं।
7-पुनर्वसु नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्म लोग आध्यात्मिक स्वभाव के होते हैं और इनमें कुछ देवीय प्रतिभाएं भी होती हैं। माना जाता है कि ये जल्दी किसी मुश्किल में नहीं फंसते और इनपर ऊपरवाला अक्सर मेहरबान होता है, उसे हर मुसीबत से बचाता है। आमतौर पर इनके शरीर की बनावट थुलथुली सी होती है। इनकी याद्दाश्त बेहद मज़बूत होती है। काफी मिलनसार होते हैं और प्रेम से सबसे मिलते हैं। इन्हें कभी आर्थिक परेशानी नहीं होती और जीवन समृद्धि से भरपूर होता है।
8- पुष्य नक्षत्र
शनिदेव के प्रभाव वाले पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग दूसरों की भलाई के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इनके भीतर सेवा भावना इतनी होती है कि इसके लिए वे अपना नुकसान भी कर लेते हैं। पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में सबसे शुभ माना गया है। इसमें जन्में लोग बहुत मेहनती होते हैं और अपने दम पर जीने में भरोसा करते हैं। अपनी मेहनत की बदौलत धीरे-धीरे ही सही लेकिन कामयाबी जरूर हासिल करते हैं। कम उम्र में ही कई परेशानियों का सामना करते करते ये जल्दी परिपक्व और भीतर से मजबूत हो जाते हैं। इन्हें संयमित और व्यवस्थित जीवन जीना पसंद होता है।
9-आश्लेषा नक्षत्र
यह एक खतरनाक किस्म का नक्षत्र है और इसमें जन्मे लोगों के भीतर इस नक्षत्र का ज़हर कहीं न कहीं होता है। मतलब यह कि इनपर आप भरोसा नहीं कर सकते। ऊपर से ये ईमानदार तो होते हैं लेकिन माना जाता है कि इनमें से ज्यादातर बेहद मौकापरस्त भी होते हैं। अपना फायदा देखकर दोस्ती करते हैं और मतलब निकल जाने के बाद पहचानते तक नहीं। ऐसे लोग कुशल व्यवसायी साबित होते हैं और अपना काम निकलवाना बखूबी जानते हैं।
10- मघा नक्षत्र
गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी में रखे गए मघा नक्षत्र में जन्में लोगों का स्वामी सूर्य होता है।इस वजह से इनका व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है। स्वाभिमानी होते हैं और अपना दबदबा बनाकर रखना चाहते हैं। ये कर्मठ और मेहनती होते हैं और किसी भी काम को जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करते हैं। ईश्वर में इनकी गहरी आस्था होती है।
11-पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र
अगर आपका जन्म इस नक्षत्र में हुआ है तो आपको संगीत और कला से विशेष लगाव होगा। आप नैतिकता और ईमानदारी के रास्ते पर चलना चाहेंगे और शांति से जीवन जीना चाहेंगे। इस नक्षत्र के लोग कभी लड़ाई-झगड़े या विवाद में नहीं पड़ना चाहते। इनके भीतर थोड़ा अहंकार भी होता है और ये खुद को सबसे अलग मानते हैं। भौतिक सुख सुविधाएं इन्हें प्रभावित करती हैं और आर्थिक रूप से समृद्ध रहते हैं।
12- उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र
आम तौर पर इस नक्षत्र में जन्मे लोग बेहद समझदार और बुद्धिमान होते हैं। इनका मकसद बेहद संयम के साथ अपना लक्ष्य हासिल करना होता है। निजी क्षेत्र में ये इतने कामयाब नहीं हो पाते इसलिए सरकारी क्षेत्र को ही ये अपने कैरियर का लक्ष्य बनाना चाहते हैं। किसी भी काम को करने में इन्हें बहुत वक्त लगता है और कई बार टाल मटोल करके काम न करने की भी इनकी मंशा होती है। ऐसे लोग बातचीत में अपना वक्त ज्यादा बिताते हैं और इससे बने रिश्तों को लंबे समय तक निभाते भी हैं।
13- हस्त नक्षत्र
इस नक्षत्र के लोग बुद्धिमान होते हैं, एक दूसरे की मदद करते हैं लेकिन किसी भी बारे में फैसला लेने में इन्हें मुश्किल होती है। असमंजस के शिकार होते हैं। व्यवसाय में इनकी ज्यादा दिलचस्पी होती है और अपना काम निकालना जानते हैं। इन्हें हर तरह की सुख-सुविधाएं मिलती हैं और जीवन में भौतिक आनंद हासिल कर लेते हैं।
14- चित्रा नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्मे लोगों पर मंगल का प्रभाव होता है। इससे इनके रिश्ते सबसे बेहतर होते हैं। समाज के लिए काम करना इन्हें अच्छा लगता है। विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को काफी संयम के साथ ले चलने में इन्हें महारथ होती है। इनकी मेहनत और हिम्मत ही इनकी ताकत है।
15- स्वाति नक्षत्र
इस नक्षत्र के जातकों में एक खास किस्म की चमक होती है। अपने मधुर स्वभाव और व्यवहार से ये सबका दिल जीत लेते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस नक्षत्र में पानी की बूंद सीप पर गिरती है तो वह मोती बन जाती है। इनकी राशि तुला होती है इसलिए स्वाति नक्षत्र के जातक सात्विक और तामसिक दोनों ही प्रवृत्ति वाले होते हैं। राजनीतिक दांव-पेंचों को समझने में माहिर ये लोग हर हाल में जीतना जानते हैं।
16- विशाखा नक्षत्र
इसके जातक पढ़ने लिखने के काम में सबसे अव्वल रहते हैं। थोड़े आलसी तो होते हैं लेकिन दिमाग से बेहद तेज़ होते हैं। ये लोग बेहद सामाजिक होते हैं जिससे इनका सामाजिक दायरा भी बहुत बड़ा होता है। महत्वाकांक्षी होने की वजह से ये खुद की मंजिल हासिल करने के लिए दिमागी मेहनत बहुत करते हैं और तमाम दांवपेंच करना जानते हैं।
17-अनुराधा नक्षत्र
इस नक्षत्र के लोग अपने सिद्धांतों और आदर्शों पर जीते हैं। गुस्सा इन्हें बहुत आता है और कभी कभार गुस्से में ये बेकाबू भी हो जाते हैं जिससे इन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। ये लोग अपनी भावनाएं दबाकर नहीं रख पाते और दिमाग से ज्यादा दिल से काम लेते हैं। जबान के तेज़ और कड़वे होने की वजह से इन्हें कई लोगों का विरोध भी झेलना पड़ता है। इसलिए इन्हें लोग कम पसंद करते हैं।
18-ज्येष्ठा नक्षत्र
गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी में होने की वजह से ज्येष्ठा भी अशुभ नक्षत्र ही माना जाता है। इसमें जन्म लेने वाले लोग तुनकमिजाज होते हैं और छोटी-छोटी बातों पर लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। खुली मानसिकता वाले ये लोग सीमाओं में बंधकर अपना जीवन नहीं जी पाते। लेकिन व्यावहारिक जीवन में इन्हें काफी मुश्किलें उठानी पड़ती हैं।
19-मूल नक्षत्र
यह नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी का सबसे अशुभ नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को खुद तो परेशानियों का सामना करना ही पड़ता हैस इसका खामियाजा उसके परिवार वाले भी भुगतते हैं। हालांकि ये लोग बेहद बुद्धिमान और धैर्य वाले होते हैं। दोस्तों और रिश्तों के प्रति इनकी वफादारी भी बेमिसाल होती है और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभाने में ये कभी पीछे नहीं रहते।
20-पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
अगर आप इस नक्षत्र में जन्मे हैं तो आपके व्यक्तित्व में ईमानदारी जरूर होगी। आप खुशमिजाज होंगे, कला-संस्कृति और साहित्य में आपकी दिलचस्पी होगी। रंगमंच से आपका लगाव होगा। आपके दोस्त खूब होंगे और आप दोस्ती निभाना जानते होंगे। आपका पारिवारिक और दांपत्य जीवन खुशहाल होगा और बेशक आप मृदुभाषी भी होंगे। ये सभी पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्में लोगों के खासियत होती है।
21- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र
इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोग कभी निराशा के शिकार नहीं होते। बेहद खुशमिजाज और आशावादी होते हैं। नौकरी और व्यवसाय दोनों में ही इन्हें कामयाबी मिलती है। दोस्तों के लिए कुछ भी करने के लिए ये हमेशा तत्पर रहते हैं। अपने सहयोगी स्वभाव की वजह से इनका दायरा बड़ा होता है और इनके जीवन में आर्थिक दिक्कतें नहीं आतीं।
22-श्रवण नक्षत्र
जैसा नाम से ही लगता है कि इसके जातक अपने माता पिता के लिए कुछ भी कर सकते हैं। यानी श्रवण कुमार की तरह होते हैं। बेहद ईमानदार, अपने कर्तव्यों के लिए सचेत और समर्पित और मन से शांत और सौम्य। ये लोग जिस भी काम में हाथ डालते हैं उसमें उन्हें कामयाबी हासिल होती है। फिजूलखर्ची नहीं करते जिससे इन्हें कुछ लोग कंजूस भी समझ लेते हैं। लेकिन सोच समझ कर चलने की इनकी यही आदत इन्हें हर सफलता दिलाती है।
23-घनिष्ठा नक्षत्र
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों को खाली बैठना कभी पसंद नहीं आता। वे हर वक्त कुछ न कुछ नया काम करने को सोचते हैं। बेहद ऊर्जावान होते हैं और अपनी मेहनत और लगन की बदौलत अपनी मंजिल हासिल कर ही लेते हैं। अपने कामकाज और बातों से ये लोग दूसरों पर अपना असर छोड़ते हैं और उन्हें प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। इन्हें शांत जीवन जीना पसंद होता है।
24-शतभिषा नक्षत्र
इस नक्षत्र के लोग बेहद आलसी प्रकृति के होते हैं। ये लोग शारीरिक श्रम में बिल्कुल भरोसा नहीं करते हैं और चाहते हैं कि वो सिर्फ दूसरों को आदेश दें और अपनी बुद्धि से अपना लक्ष्य हासिल कर लें। ये बेहद आजाद खयालों वाले होते हैं और किसी व्यवसाय में मिलकर या साझेदारी करके काम नहीं कर सकते। इन्हें स्वतंत्र रूप से काम करना पसंद होता है। मशीनी जीवन इन्हें पसंद नहीं होता और हमेशा दूसरों पर हावी रहने की कोशिश करते हैं।
25-पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र
इस नक्षत्र का स्वामी गुरु है और इसके जातक सच्चाई और नैतिकता को ज्यादा अहमियत देते हैं। दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले ये लोग बेहद व्यवहार कुशल और मिलनसार होते हैं। ये लोग धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति के तो होते ही हैं, इन्हें ज्योतिष में भी खासी दिलचस्पी होती है।
26-उत्तराभाद्रपद नक्षत्र
इस नक्षत्र के लोग बेहद यथार्थवादी होते हैं और इन्हें जमीनी हकीकत पर भरोसा होता है। सपनों की दुनिया में नहीं जीते। मेहनती बहुत होते हैं और इन्हें अपने कर्म पर भरोसा होता है इसलिए ये जहां भी काम करते हैं कामयाब रहते हैं। त्याग की भावना इनमें खूब होती है और अपना नुकसान उठाकर भी कई बार दूसरों के लिए काफी कुछ कर जाते हैं।
27-रेवती नक्षत्र
रेवती नक्षत्र के जातक भी बहुत ईमानदार होते हैं और किसी को धोखा नहीं दे सकते। परंपराओं और मान्यताओं में इनकी खासी आस्था होती है और उनका पालन करते हैं। हालांकि उनके व्यवहार में ये रूढ़िवादिता नजर नहीं आती और सबसे मिलकर मृदुभाषी अंदाज़ में ये अपना काम करते हैं। इनकी दिलचस्पी पढ़ने लिखने में होती है और सूझबूझ में इनका जवाब नहीं होता।