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निवेदिता बनर्जी:मध्य प्रदेश की आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली  

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19-20 साल की निवेदिता बनर्जी और उनके दोस्तों के समूह ने वर्ष 1990 में समाज प्रगति सहयोग नाम की संस्था की शुरुआत की। यह संस्था मध्य प्रदेश के ग्रामीण में शुरू की गई, जो कि भारत की सबसे बड़ी जमीनी स्तर की पहल में से एक है।

महिला सशक्तिकरण केवल खुद को आत्मनिर्भर बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि अपने कार्यों या प्रयासों के जरिए दूसरी महिलाओं या समाज को प्रेरित करना भी है। ऐसी ही कुछ सहेलियों का एक समूह है, जिसने अपनी युवा अवस्था में समाज के सहयोग के लिए कार्य करना शुरू किया। उन्होंने इसके लिए एक संस्था भी बनाई। बाद में इस संस्था से ग्रामीण क्षेत्र की और आदिवासी महिलाएं जुड़ीं। इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई-कढ़ाई सिखाई गई और कुंभया की शुरुआत हुई। आइए जानते हैं समाज प्रगति सहयोग की स्थापना और कुंभया की नींव रखने वाली महिलाओं के बारे में।

सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आमटे के मार्गदर्शन में करीब 19-20 साल की निवेदिता बनर्जी और उनके दोस्तों के समूह ने वर्ष 1990 में समाज प्रगति सहयोग नाम की संस्था की शुरुआत की। यह संस्था मध्य प्रदेश के ग्रामीण में शुरू की गई, जो कि भारत की सबसे बड़ी जमीनी स्तर की पहल में से एक है।  

क्या है समाज प्रगति सहयोग 
 

एसपीएस पिछले तीन दशकों से महिला सशक्तिकरण, जल और आजीविका सुरक्षा के लिए भारत की सबसे बड़ी जमीनी स्तर की पहल में से एक है।

कहां से हुई शुरुआत


इसकी शुरुआत निवेदिता और उनके दोस्तों ने मध्य प्रदेश के देवास जिले की बागली तहसील के एक छोटे से गांव नीमखेड़ा से की। बागली में आदिवासी समुदाय के साथ काम करने के दौरान निवेदिता ने देखा कि महिलाएं स्थानीय प्रशासन में अदृश्य रहती हैं। उन्हें समाज और प्रशासन से जोड़ने की पहल करते हुए एसपीएस के साथ जोड़ा गया। संस्था से जुड़ने के बाद वही महिलाएं अपने जीवन को लेकर उत्सुक हो गईं।

कुंभया की नींव


इसी दौरान आदिवासी महिलाओं ने बनर्जी के घर पर उनके द्वारा किए गए पैचवर्क को देखा, जो उन्होंने चादर, तकिया कवर और कुशन कवर पर बनाए थे। उन्हें पता चला कि मैने ये पैचवर्क है। उनकी उत्सुकता सिलाई में बढ़ी और उन्होंने निवेदिता और उनकी सहेली सुभा से सिलाई के बारे में जानना शुरू किया। यहां से कुंभया की नींव रखी गई और जिले की सैकड़ों महिलाएं सिलाई के माध्यम से सशक्त और आत्मनिर्भर बनीं।

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