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ओबीसी 27% आरक्षण : दायर  अवमानना याचिका रू.25 हजार के भारी जुर्माने के साथ ख़ारिज !

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हाईकोर्ट में 4.5 लाख प्रकरणों की पेंडेंसी के चलते  कोर्ट ऑर्डर  के  बाबजूद  भी प्रकरणों का सूचिवद्ध  नहीं  होना नहीं  है अवमानना : हाईकोर्ट

👉🏻प्रकरणों के सूचीवद्ध होने  पर  अधिवक्ताओ  का  कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं होना भी  नहीं है अवमानना : हाईकोर्ट

👉🏻जुर्माने की राशि  जमा करना  होंगी  हाईकोर्ट  अधिवक्ता संघ में  तभी हो सकेगी प्रकरणों  की  आगामी  सुनवाई :हाईकोर्ट

👉🏻प्रदेश के प्रत्येक ओबीसी परिवार  से  एक – एक रू  चंदा जोड़कर  जमा की जाएगी जुर्माने की राशि : ओबीसी एडवोकेटस वेलफेयर एसोसिएशन !

👉🏻हाईकोर्ट ने उक्त अवमानना प्रकरण 5594/23  में दिनांक 15/12/23 को सुनवाई करके 12/01/24 को किया है आदेश प्रसारित! 

👉🏻जबलपुर – मध्य प्रदेश  हाईकोर्ट जबलपुर में ओबीसी के 27% आरक्षण को चुनौती  देने  वाली  सैकड़ो  याचिकाए  लंबित रहने  के कारण  मध्य प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता के अभिमत के आधार पर शासन द्वारा  की जा रही  भर्तियों  में केवल 14% आरक्षण  ही लागू  किया जा रहा है,  तथा ओबीसी के 13%  पदों को होल्ड किया जा रहा है, जिसके  कारण  ओबीसी के लाखो  अभ्यर्थीयों  का भविष्य अन्धकार में  है! प्रकरणों की डे -टू -डे हीयरिंग  किए जाने के कारण  सरकार  आगामी विधान सभा चुनाव  के कारण सख्ते में आ गई थी तथा  महाधिवक्ता के अथक प्रयास से,   सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिकाए दाखिल की गई  ताकि हाईकोर्ट में सुनवाई को रोका  जा सके ! वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में 10 ट्रांसफर याचिकाए लंबित  है जो TP(c)1120/23 से लिंक है, जिसके चलते हाईकोर्ट  में बिचाराधीन  ओबीसी के प्रकरणों  की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रत्याशा में रोक दी गई  !

👉🏻हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण के प्रकरणों की आखिरी बार दिनांक 04/8/23 को सुनवाई हुई थी  तत समय हाईकोर्ट को बताया गया था की सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकरणों  की  सुनवाई  न किए जाने का कोई अंतरिम  आदेश  नहीं  है तथा  हाईकोर्ट  आपने  रिट क्षेत्राधिकार के तहत आगामी  सुनवाई नियमित  कर सकती  है! तब हाईकोर्ट ने उक्त प्रकरणो की फाइनल  सुनवाई  दिनांक 4/9/23 को नियत  की गई थी, लेकिन रजिस्ट्री  द्वारा  उक्त  प्रकरण  सूचिवद्ध  नहीं  किए  गए  तब ओबीसी अभ्यर्थी बृजेश कुमार शहवाल  ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल श्री रामकुमार चौबे, श्री संदीप कुमार शर्मा था श्री हेमंत कुमार जोशी  के विरूध  अवमानना  याचिका  क्रमांक  5594/23 की गई  जिसकी प्रारंभिक  सुनवाई दिनांक 15/12/23 को चीफ जस्टिस श्री रवि मालिमठ तथा श्री विशाल मिश्रा  की खंडपीठ  द्वारा  की  गई ! दिनांक 12/01/24 विस्तृत आदेश पारित किया  गया तथा 25 हजार  रू. का भारी  जुर्माना लगाकर  अवमानना याचिका  ख़ारिज  कर दी गई  है  तथा  उक्त  जुर्माने  की राशि  जमा  किए  जाने  के उपरांत  ही  याचिकाओं  के  सूचिवद्ध  किए  जाने  की  प्रक्रिया  की जाएगी !

ओबीसी युवाओं के भविष्य  को  दृष्टिगत  रखते  हुए तथा प्रकरणों  की त्वरित सुनवाई कराए  जाने के उद्देश्य से ओबीसी एडवोकेटस वेलफेयर एसोसिएशन ने तय किया  गया  है  की, मध्य प्रदेश के समस्त ओबीसी परिवारों से एक एक रूपये की सहयोग राशि एकत्रित करके 15 दिवस के अंदर अदा कर दी  जाऐगी !

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