नई दिल्ली: मकर संक्रांति के बाद हाल ही में बुधवार को कांग्रेस के नए हेडक्वार्टर का उद्घाटन हुआ। अब नए ऑफिस से कांग्रेस ने संगठन की मजबूती की शुरुआत करने की योजना बनाई है। इसे लेकर पार्टी आगामी 28 जनवरी को दिल्ली में एक अहम बैठक करने जा रही है, जिसमें संगठन की मजबूती को लेकर आगामी रोडमैप के चर्चा के साथ-साथ देश भर में निकलने वाली संविधान यात्रा को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी।
रअसल, यह संगठन की मजबूती लिए संगठन सृजन व संविधान यात्रा निकाले जाने का फैसला पिछले महीने बेलगावी में हुई कांग्रेस वर्किंग कमिटि की बैठक में लिया गया था। जिसमें तय किया गया था कि पार्टी जहां एक ओर संगठन की मजबूती के लिए जुटेगी तो वहीं देश भर में संविधान को लेकर यात्रा निकालेगी, जिसमें वह जमीन पर संविधान की रक्षा की अलख जगाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, यह अहम बैठक आगामी 28 जनवरी को कोटला रोड स्थित इंदिरा गांधी भवन में होगी, जो सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक चलेगी। इसमें कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ पूरे देश से कांग्रेस प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री जुटेंगे। कांग्रेस ने तय किया है कि वह अपने संगठन की मजबूती के लिए बूथ स्तर से लेकर प्रदेश इकाई संगठन में फेरबदल करेगी और खाली पदों को भरेगी।
हरियाणा और महाराष्ट्र पर खास फोकस
दरअसल, हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों और इंडिया गठबंधन में घटक दलों के बदले तेवर और सुरों के बाद कांग्रेस समझ रही है कि जीतने के लिए जमीनी पकड़ बनाना जरूरी है और बिना मजबूत संगठन के यह काम नहीं हो सकता। इसलिए कांग्रेस का अब खासा जोर संगठन की मजबूती पर है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में जहां एक ओर अलग-अलग राज्यों में संगठन सृजन की कवायद तेज होगी तो वहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी फेरबदल होगा। दूसरी ओर कांग्रेस जातिगत जनगणना की बात कर एससी, एसटी, ओबीसी व माइनॉरिटी की ओर देख रही है। वहीं इन तबकों को लक्षित कर वह संविधान की बात भी कर रही है। कांग्रेस लगातार मोदी सरकार व बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि आज देश में संवैधानिक संस्थाओं पर सत्तारूढ़ दल का नियंत्रण है। हाल ही राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तक इसका जिक्र कर चुके हैं।
‘…कांग्रेस संविधान की रक्षा करेगी’
कांग्रेस का कहना है कि देश के लोकतंत्र व संविधान पर हमला हो रहा है और कांग्रेस संविधान की रक्षा करेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस देशभर में संविधान यात्राएं निकालने जा रही है, जिसकी योजना बेलगावी में बनी थी। इन संवैधानिक यात्राओं के जरिए कांग्रेस देशभर में लोगों को उनके संवैधानिक मूल्यों के बारे में बताने के साथ यह भी बताएगी कि कैसे बीजेपी की सरकार देश के संविधान और उसके मूल्यों पर हमला कर रहे हैं। संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस की नजर आने वाले असेंबली चुनावों पर भी है। दिल्ली के बाद इस साल के आखिर में बिहार में चुनाव होने हैं, जबकि अगले साल वेस्ट बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल व पुदुचेरी में चुनाव होने हैं, जिसके असम, केरल व पुडुचेरी कांग्रेस के लिए खासे अहम हैं।