अलवर । जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बुधवार को अलवर में पत्रकारों से बातचीत में केन्द्र की मोदी सरकार, भाजपा, कांग्रेस व आप सहित अन्य पार्टियों पर भी खूब बरसे। उन्होंने कहा कि इस बार वाराणसी में गौसेवक आंध्र प्रदेश के पोलीसती के शिवकुमार ने सबसे पहले नामांकन दाखिल किया है। वे गौमाता गठबंधन में शामिल हैं और उनके अधिकत प्रत्याशी हैं। अब वाराणसी के मेयर उनके प्रस्तावकों को डरा उनसे हटने के लिए दवाब डाल रहे हैं। भाजपा का प्रयास है कि प्रस्तावकों को हटाकर गौसेवक शिवकुमार का नामांकन खारिज कराने का है। उन्होंने कहा कि गौमाता की रक्षा के लिए उनकी ओर से देश में कई जगह प्रत्याशी खड़े किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गौहत्या पर रोक लगाने के लिए पांच महीने पहले भाजपा, कांग्रेस, आप सहित अन्य बड़ी पार्टियों से शपथ देने को कहा था, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
–देश में एक लोकसभा चुनाव ही नहीं, हर रोज होते हैं कोई न कोई चुनाव
जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हम लोग गौमाता की रक्षा की बात उठा रहे हैं। यह प्रयास कोई लोकसभा चुनाव के लिए नहीं है, बल्कि हर रोज कोई न कोई चुनाव होते हैं। इस कारण हम देश में 35 करोड़ मतदाताओं को गौमाता की रक्षा के लिए संकल्पित कर रहे हैं।
-खूब धमकियां मिल रही, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे
शंकराचार्य ने कहा कि उन्हें खूब धमकियां मिल रही है, उन्हें बोलने से रोका जा रहा है, मारने की बात कही जा रही है, मठ उजाडऩे, नकली शंकराचार्य खड़े करने की बात हो रही है, लेकिन देश में गोमाता की रक्षा के कार्य से वे पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है। भाजपा के हारने या जीतने से उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। वे केवल गौहत्या का कानून चाहते हैं, राजनीति से उनका कोई सरोकार नहीं है। वे चाहते हैं कि उनके अनुयायियों के माथे पर लग रहा गौहत्या का पाप हटे। कारण है कि उनके वोट से सरकार बनती है और फिर वही सरकार गायों को कटवाने का कार्य करती है।
देश में सच्चे हिंदुत्व की जरूरत
शंकराचार्ज ने कहा कि देश में सच्चे हिंदुत्व की जरूरत है, न कि राजनीतिक हिंदुत्व की। दस साल सरकार में रहकर भी गायों को कटने से रोकने का कानून नहीं बना पाए, वे राजनीतिक हिन्दू हैं। उन्होंने कहा कि सच बोलने वालों का विरोध होता है, हमें भी लाखों लोगों ने गालियां दी हैं।
-राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं, केवल इवेंट हुआ
जगदगुरू शंकराचाय स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है, बल्कि एक इवेंट हुआ है। शास्त्रों में उल्लेखित है कि जब तक मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक भगवान की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो सकती। अयोध्या में अभी राम मंदिर का केवल 30 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ है, इस कारण वहां मंदिर निर्माण पूरा होने पर ही प्राण प्रतिष्ठा कराई जाएगी, अभी तो केवल इवेंट हुआ है।