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पैरा’सायिकालॉजिकल स्टोरी : उसकी पत्नी का भूत

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आरती शर्मा

 _उस की पत्नी अचानक से बहुत बीमार पड़ गयी . मरने से पहले उसने अपने पति से कहा , “ मैं तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ …. तुम्हे छोड़ कर नहीं जाना चाहती… मैं नहीं चाहती की मेरे जाने के बाद तुम मुझे भुला दो और किसी दूसरी औरत से शादी करो … वादा करो कि मेरे मरने के बाद तुम किसी और से प्रेम नहीं करोगे …वर्ना मेरी आत्मा तुम्हे चैन से जीने नहीं देगी.”_
 इतना कह कर वो अपना शरीर छोड़कर चल बसी .

उसके जाने के कुछ महीनो तक उस आदमी ने किसी दूसरी औरत की तरफ देखा तक नहीं पर एक दिन उसकी मुलाक़ात एक ऐसी लड़की से हुई जिसे वह चाहने लगा . बात बढ़ते -बढ़ते शादी तक आ गयी और उनकी शादी हो गयी.
शादी के ठीक बाद आदमी को लगा कि कोई उससे कुछ कह रहा है , मुड़ कर देखा तो वो उसकी पहली पत्नी की आत्मा थी.
आत्मा बोली , “ तुमने अपना वादा तोड़ा है , अब मैं हर रोज तुम्हे सबक सिखाने आउंगी .”
इतना कह कर वो गायब हो गयी .

आदमी घबरा गया , उसे रात भर नींद नहीं आई . अगले दिन भी रात को उसे वही आवाज़ सुनाई दी .
“मैं तुम्हे चैन से नहीं जीने दूंगी…. मैं जानती हूँ कि आज तुमने अपनी नयी पत्नी से क्या-क्या बातें की ,..” और उसने आदमी को अक्षरश: एक -एक बात बता दी .
आदमी डर कर कांपने लगा . अगले दिन वह शहर से बहुत दूर एक जेन मास्टर [मनोचिकित्सक] के पास गया और सारी बात बता दी .

मास्टर बोले , “ ये प्रेत बहुत चालाक है ! ”
“बिलकुल है , तभी तो मेरी एक-एक बात उसे पता होती है …”, आदमी घबराते हुए बोला .
मास्टर बोले , “ कोई बात नहीं मेरे पास इसका इलाज़ है . इस बार जब तुम्हारी पत्नी का भूत आये तो मैं जैसा कहता हूँ तुम ठीक वैसा ही करना .”

उस रात जब आत्मा वापस आई तो आदमी बोला , “ तुम इतनी चालाक हो …मैं तुमसे कुछ भी नहीं छिपा सकता . और जैसा कि तुम चाहती हो मैं अपनी पत्नी को छोड़ने के लिए भी तैयार हूँ पर उसके लिए तुम्हे एक प्रश्न का उत्तर देना होगा …और अगर तुम उत्तर न दे पायी तो तुम्हे हमेशा -हमेशा के लिए मेरा पीछा छोड़ना होगा …”

पत्नी का भूत बोला ,” मंजूर है …पूछो अपना प्रश्न ”
आदमी ने फ़ौरन ज़मीन पर पड़े बहुत सारे छोटे -छोटे कंकड़ अपनी मुट्ठी में भर लिए और बोला , “बताओ मेरी मुट्ठी में कितने कंकड़ हैं ?”
ठीक उसी समय भूत गायब हो गया .

कुछ हफ़्तों बाद वो जेन मास्टर के पास उनका शुक्रिया अदा करने पहुंचा .
“मास्टर , उस भूत से मेरा पीछा छुड़ाने के लिए मैं जीवन भर आपका आभारी रहूँगा .”, आदमी बोला , “ पर मैं ये नहीं समझ पाया की आखिर उस प्रश्न में ऐसा क्या था कि एक झटके में ही भूत गायब हो गया ?”

मास्टर बोले , “ बेटा , दरअसल कोई भूत था ही नहीं ! ”
“मतलब !”, आदमी आश्चर्य से बोला .
“ हाँ , कोई भूत था ही नही , दरअसल दूसरी शादी करने की वजह से तुम्हे एक अपराधबोध महसूस हो रहा था और उसी वजह से तुम्हारा दिमाग एक भ्रम की स्थिति पैदा कर तुम्हे भूत का अनुभव करा रहा था .”

“ पर ऐसा था तो वो भूत मेरी हर एक बात कैसे जान जाता था ?”, आदमी ने पुछा .
मास्टर मुस्कुराये , “ क्योंकि वो तुम्हारा बनाया हुआ ही भूत था ,इसलिए जो कुछ तुम जानते थे वही वो भी जानता था . यही कारण था कि मैंने तुम्हे वो कंकड़ वाला प्रश्न पूछने को कहा , क्योंकि मैं जानता था कि इसका उत्तर तुम्हे भी नहीं पता होगा और इसलिए भूत भी इसका उत्तर नहीं दे पायेगा और तुम्हे तुम्हारे दिमाग की ही उपज से छुटकारा मिल जायेगा. ”
आदमी अब पूरी बात समझ चुका था . उसने एक बार फिर मास्टर को धन्यवाद किया और अपने घर लौट गया .
[चेतना विकास मिशन)

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