अग्नि आलोक
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Childmolastation के लिए मूलतः पेरेंट्स जिम्मेदार

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 डॉ. प्रिया मानवी

        _बच्चों का सेक्सुअल ह्ररेस्मेंट बहुत बड़े पैमाने पर हो रहा है. साइकोट्रीटमेंट के लिए मेरे पास आने वालों की केसहिस्ट्री उनकी लाइफहिस्ट्री को जाने बिना पूरी नहीं होती. इलाज़ से पूर्व यह एनालिसिस ज़रूरी होती है. आप यक़ीन नहीं करेंगे, आज तक एक भी फीमेल पेसेंट ऎसी नहीं मिली जिसका यौनशोषण/रेप नहीं किया गया हो. आज तो मेल पर्सन का यौनशोषण भी खूब हो रहा है. समाज हवस के भूखे नर भेड़ियों का जंगल बनता जा रहा है._

          हमारे समाज मे ,हमारी कानून व्यवस्था में इसका कोई इलाज नही है. लड़की को मा बाप ये कहकर दबा देते है कि बदनामी होगी उनके खानदान की. लड़के को न जाने क्या कहकर चुप कराते है।

कुछ लोगों की सलाह है कि स्कूल में सेक्स एजुकेशन दी जानी चाहिए। कुछ कह रहे है कि समाज सुधार कानून होने चाहिए।

     _जब तक कानून और समाज में नियम लागू होंगे तब तक 4 पीढ़ी बर्बाद हो चुकी होंगी। और फिर कानूनों की कोई कमी है क्या?_

अगर हर मा बाप अपने बच्चों में इतना भरोसा और विश्वास पैदा कर दे कि बच्चा दब कुछ मा बाप को बताए तो कोई दिक्कत ही नही होगी ।तुरन्त एक्शन लिया जा सकता है।

      _छोटे बच्चों को डराना आसान है. चॉकलेट टॉफी का बहाना देकर भी घटिया लोग उनको चुप करा देते है।_

         अनगिनत बच्चो के साथ saxual hareshment होता है, पर अमूमन कोई भी इतनी हिम्मत नही करता कि माँ बाप को बता सके।

ये गलती मा बाप की है। ये जिम्मेदारी मा बाप की बनती है की बच्चे उनसे पूरी तरह खुलकर पेश आएं। अगर वो बच्चो को इस दरिंदगी भरे समाज से बचा नही सकते तो बच्चो को पैदा करने का भी कोई हक नही है किसी को।

    _कई छोटे छोटे बच्चे फांसी लगाकर सुसाइड करके मर भी जाते हैं। कितना presure रहता होगा उनपर मानसिक रूप से।_

    अपने बच्चों के भीतर विश्वास और प्रेम पैदा करो कि वो आप पर इतना भरोसा कर सके की सारी बात आपको बता दिया करें। हर छोटी चीज पर उन्हें डांटना या गन्दे शब्द बोलकर उनको सजा देना बिल्कुल गलत है।

       _जब कोई भी शिशु या किशोरवय ये कहता/कहती है कि मैं अपने माँ बाप से डरता/डरती हूँ तो ये वाक्य कोई गौरव पूर्ण नही, शर्मनाक है माँ बाप के लिए।_

      {चेतना विकास मिशन}

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