इस वक्त यूपी की राजनीति में पीयूष जैन सियासी पहेली बन गए हैं?
वे किस राजनीतिक दल से जुड़े हैं? यह सवाल तो दिलचस्प है ही, वे इत्र के कारोबारी भी हैं या नहीं? यह भी यक्ष-प्रश्न है!
पीयूष जैन को लेकर विभिन्न मीडिया रिपोर्टस मजेदार हैं….
नवभारत टाइम्स की खबर है- तो पीयूष जैन है किसका? मोदी और शाह कह रहे एसपी का और अखिलेश कह रहे बीजेपी का!
इत्र कारोबारी पीयूष जैन किसका आदमी है? यह सवाल अभी यूपी की सियासत में सबसे अधिक गरमाया हुआ है!
पीयूष जैन के घर पर छापेमारी मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर में समाजवादी पार्टी पर करारा हमला बोला. अखिलेश यादव के हर मामले में क्रेडिट लेने पर तंज कसते पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों बक्से भर-भर के जो नोट मिली है, उसके बाद भी वे यही कहेंगे, ये भी हमने किया है. उन्होंने कहा कि कानपुर के लोग बिजनेस, व्यापार कारोबार को अच्छे से समझते हैं. वर्ष 2017 से पहले भ्रष्टाचार का जो इत्र यूपी में छिड़क रखा था, वह सबके सामने आ गया है.
पीएम मोदी ने बिना अखिलेश यादव का नाम लिए कहा कि भ्रष्टाचार का इत्र अब सबके सामने आ गया है, लेकिन वे मुंह पर ताला लगाकर बैठे हैं. क्रेडिट लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. नोटों का जो पहाड़, जो पूरे देश ने देखा, यही उनकी उपलब्धि है. यही उनकी सच्चाई है. यूपी के लोग सब देख रहे हैं पीएम मोदी का हमला समाजवादी इत्र बनाने वाले इत्र कारोबारी पर था!
लेकिन, नवभारत टाइम्स की दूसरी खबर कुछ ओर ही राजनीतिक रंग दिखा रही है….
पीयूष जैन का सपा से संबंध नहीं, बीजेपी ने गलती से अपने ही कारोबारी पर छापा मार दिया… उन्नाव में अखिलेश का तंज!
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कानपुर के इत्र व्यापारी पीयूष जैन के उनकी पार्टी से किसी तरह के संबंध से इनकार किया और मजाक में कहा कि भाजपा ने गलती से अपने ही व्यवसायी पर छापा मारा है. यहां समाजवादी रथ यात्रा शुरू होने से पहले मीडिया से बातचीत में सपा प्रमुख ने कहा कि व्यापारी के सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) से कई भाजपा नेताओं के नाम सामने आएंगे जो उनके संपर्क में थे.
अखिलेश ने कहा- गलती से भाजपा ने अपने ही कारोबारी पर छापा मारा है. उन्होंने दावा किया कि समाजवादी इत्र (इत्र) सपा एमएलसी पुष्पराज जैन ने लांच किया था, न कि पीयूष जैन ने. भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ भाजपा ने डिजिटल भूल से अपने ही व्यवसायी (पीयूष जैन) के यहां छापा मारा!
आज तक की खबर तो और भी दिलचस्प है कि पीयूष जैन न तो इत्र कारोबारी है और न ही किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध है?
खबर यह है कि- जीएसटी इंटेलिजेंस की ओर से की गई छापेमारी के दिन से ही पीयूष जैन के इत्र कारोबारी होने के दावे सामने आ रहे थे. पीयूष की समाजवादी पार्टी (सपा) से नजदीक की बातें भी सामने आ रही थीं. इन सबके बीच अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. इत्र और परफ्यूमर्स एसोसिएशन ने पीयूष को लेकर दावा किया है कि वह इत्र कारोबार से नहीं जुड़ा है.
इत्र एंड परफ्यूमर्स एसोसिएशन ने पीयूष के इत्र कारोबारी होने से इनकार किया है तो कन्नौज के मोहल्ला छीपट्टी में रहने वालों ने किसी राजनीतिक दल के साथ नजदीकी से. छीपट्टी मुहल्ले के लोगों के मुताबिक पीयूष जैन एक जमीनी और नेकदिल इंसान है. इस मोहल्ले के लोगों की मानें तो पीयूष का किसी भी राजनीतिक दल से कभी कोई नाता नहीं रहा.
Aashish Yadav @aashishsy कानपुर में पड़े कारोबारी के यहां इनकम टैक्स के छापे का सपा से कोई लेना देना नहीं है, और ना हीं समाजवादी इत्र बनाने वालों से इनका कोई नाता है.
आप झूठ भ्रम और नफरत की दुर्गंध ना फैलाएं इस लिए आप को असली समाजवादी इत्र भेज रहे हैं.
सप्रेम सुगंध भेंट!
Navneet Mishra* @navneetmishra99 इत्र एवं परफ्यूम एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री से कहा है कि पीयूष जैन के पास कन्नौज या कहीं पर भी इत्र का कोई कारखाना नहीं है इसलिए इनकी कमाई को इत्र व्यापार से जोड़कर देखा जाना ठीक नहीं। बरामद रुपए किस कारोबार से हैं इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए….M