अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

हाई कोर्ट से मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों को राहत

Share

सत्र 2024 25 के लिए स्वयं के 100 बिस्तरीय अस्पताल वाली शर्त को लागू नहीं

भोपाल । जबलपुर हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेज में स्वयं के 100 बिस्तरीय वाला अस्पताल अनिवार्य होने संबंधी प्रावधान फिलहाल इस वर्ष नहीं रखा जाएगा। हाई कोर्ट का मानना है कि सत्र 2024 25 के लिए इस शर्त को लागू नहीं किया जा सकता बल्कि इसके लिए कॉलेजों को कुछ समय देना उचित होगा ताकि वह स्वयं के 100 बिस्तरीय अस्पताल की व्यवस्था कर सकें। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद उन नर्सिंग कॉलेज को राहत मिल सकती है जो सीबीआई के इंस्पेक्शन में संचालन के अयोग्य अथवा डिफिशिएंट पाए गए हैं।

हाई कोर्ट का मानना है कि नर्सिंग कॉलेज को अस्पताल की व्यवस्था करने के लिए मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज मान्यता नियम 2018 के तहत मान्यता चाहने वाले कॉलेज का अपना स्वतंत्र कॉलेज होना चाहिए, क्योंकि प्रावधान अर्थात मध्य प्रदेश नर्सिंग संस्थानमान्यता नियम, 2018 (संक्षिप्त रूप में नियम, 2018) ऐसी आवश्यकता निर्धारित करते हैं। नियम, 2018 के संबंधित प्रावधानों अर्थात नियम 4(iii) का अवलोकन के पश्चात और उक्त प्रावधानों के अनुसार, अनुसूची-III में अस्पताल की संबद्धता की आवश्यकता निर्धारित की गई है तथा इसके अनुसार, सरकारी अस्पताल और निजी अस्पताल के साथ संबद्धता उक्त अनुसूची अर्थात अनुसूची-III में दर्शाई गई अपेक्षित क्षमता होनी चाहिए।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने याचिका प्रस्तुत कर कहा कि इन कॉलेजों को मौजूदा नियम की उक्त आवश्यकता को पूरा किया है और इसलिए इसके अलावा, उन्हें अपना स्वतंत्र अस्पताल खोलने के लिए बाध्य करने वाली कोई भी नई शर्त लागू नहीं हो सकती है। यदि किसी कॉलेज को शासकीय अस्पताल से संबद्धता प्राप्त है तो उन्हें सत्र 2024-25 के लिए मान्यता देने से इनकार नहीं किया जा सकता। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज में फर्जी बाड़ा उजागर हुआ था जिसके चलते पहली बार 700 नर्सिंग कॉलेज की जांच के बाद 500 नर्सिंग कॉलेजों पर ताले लगने की नौबत आ चुकी थी। सीबीआई ने जांच के बाद इन नर्सिंग कॉलेज को 3 अलग-अलग श्रेणी में बांट दिया है जिनमें से कुछ नर्सिंग कॉलेज का फिर से चालू होना मुश्किल है। हालांकि कुछ कॉलेजों में सुधार करके उन्हें चालू किया जा सकता है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद डिफिशिएंट कैटेगरी के कॉलेजों को राहत मिलने की उम्मीद है।

Add comment

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें