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दौर

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एक दौर आएगा मेरा
एक शोर आएगा मेरा।

समझते थे जो मुझे
औरों से भी कमजोर
इतिहास-ऐ-पन्नों पर
अब नाम आएगा मेरा।

एक वक्त था
कि लोग ना जानते थे
ना ही पहचानाते थे
पर वक़्त के हर पनें पर
अब नाम आएगा मेरा।

कमजोरों से भी कमजोर
समझते थे लोग मुझे
परायों से भी पराया
समझते थे मुझे अपने
बदलते वक्त के साथ
हर दिल पर
अब नाम आएगा मेरा।

डॉ.राजीव डोगरा
(युवा कवि व लेखक)
पता-गांव जनयानकड़

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