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ध्यान-शक्ति और फिजिक्स के नियम

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          डॉ. विकास मानव 

  विश्व के हर रहस्य का निचोड़ यजुर्वेद की सिर्फ एक लाइन में लिखा है : यथा पिंडे यथा ब्रह्मांडे।  

    हर चीज की संरचना और व्यवहार एक समान होता है चाहे भौतिक विज्ञान की दुनिया में चाहे मानसिक अध्यात्म के दुनिया में।

  फिजिक्स में एक नियम है जीमैन प्रभाव। इसके अनुसार जब कोई भी परमाणु किसी चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में होता है तो उसका स्पेक्ट्रम कई बारीक स्पेक्ट्रम में अलग अलग हो जाता है। 

     इसको आप साधारण भाषा में ऐसे समझ सकते हैं जैसे कोई तत्व सिर्फ एक विशेष रंग की रोशनी छोड़ता है गर्म होने पर। जैसे अगर आप नमक को आग पर फेंके तो वह सिर्फ पीले रंग की रोशनी देगा। 

    इसी प्रकार आप अगर तांबे को आग पर रखेंगे तो तांबे के आस पास की अग्नि का रंग नीला हो जायेगा। अर्थात हर तत्व या पदार्थ गर्म होने पर अलग रंग की रोशनी छोड़ता है। इस रंग की पहचान से आप उस पदार्थ के गुणों का पता लगा सकते है और उसे बिना छुए बहुत दूर से उस पदार्थ का नाम पता कर सकते हैं। 

    इस चीज को हम उस पदार्थ का स्पेक्ट्रम या औरा कह सकते हैं।

     अगर आप यही काम किसी पदार्थ को चुंबकीय क्षेत्र में रख कर करें तो उसके द्वारा छोड़े जाने वाली रोशनी का रंग बदल जाता है।

    इसी प्रकार हर मनुष्य का उसके जन्म नक्षत्र और ग्रह स्थिति के अनुसार अलग अलग समय पर अलग अलग औरा या स्पेक्ट्रम होता है। यह उसके समय के अनुसार चेंज होता रहता है। 

    कोई अच्छा भविष्यदृष्टा आप के इस औरा को पहचान लेता है और उसी के अनुसार आपके भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में बता देता है।

   जब कोई मनुष्य किसी ध्यान योगी के संपर्क में आता है या कोई ध्यान योगी व्यक्ति उस व्यक्ति पर अपनी ध्यान शक्ति का प्रयोग करता है तब ध्यान शक्ति एक चुंबकीय क्षेत्र की तरह काम करती है। इससे उस व्यक्ति के स्पेक्ट्रम या औरा में परिवर्तन आ जाता है। 

 अर्थात उसका स्पेक्ट्रम कई बारीक स्पेक्ट्रम में टूट जाता है। उस समय उस व्यक्ति को अपने अच्छे बुरे पक्षों का ज्ञान होने लग जाता है। अगर वह व्यक्ति अपने अच्छे बुरे कारणों को समझ कर कर्म करने लग जाता है तो उसे सफलता मिलना निश्चित हो जाता है।

      ध्यान योगी सिर्फ उसको उसकी कमियों और अच्छाइयों का अहसास करवा देता है अपनी ध्यान शक्ति से। कर्म उसे खुद ही करना होता है। जिस प्रकार चुंबकीय क्षेत्र दूर से ही काम कर देता है वैसे ही ध्यान योगी की ध्यान शक्ति भी दूर से ही काम कर देती है। 

   अगर कोई ध्यान योगी किसी का अच्छा सोचना शुरू कर देता है तो उस व्यक्ति में एक पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होता है और वह अपना कर्म अच्छी प्रकार से कर के सफलता प्राप्त कर लेता है।

  इस प्रोसेस में ध्यान योगी की बहुत ऊर्जा खर्च होती है जिसको पूरा करने के लिए उसे खुद पर बहुत मेहनत करनी पड़ती है ध्यान लगाना पड़ता है कई कई दिन।

     यह काम मैने खुद कई बार किया है जैसे कई लोग मुझसे अपने किसी काम के लिए ध्यान लगाने को कहते हैं और मैने देखा है कि अगर जिस व्यक्ति के लिए ध्यान शक्ति का प्रयोग किया हो अगर वह थोड़ा सब्र के साथ अपना काम कर ले तो लगभग 90 प्रतिशत चांस होता है की उस व्यक्ति को सफलता मिल जाती है।

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