लक्ष्मीकांत पांडेय
और कितने दिन लगेंगे वकील साब….सालभर होने को आया अब तो ….
कुछ गुस्साए लहजे मे राजेश अपने वकील से बोला ..
वकील -अब ऐसे कामो मे वक्त तो लगता ही है मिस्टर राजेश और वैसे भी आप मेरे कहे पर चलने को तैयार भी नही होते वरना यूं चुटकियों मे आपका और पूनम मैडम का तलाक हो जाए…
राजेश-मतलब आप ये चाहते है मे पूनम को कोर्ट मे चरित्रहीन साबित करूँ ….
उसपर गलत और गंदे आरोप लगाऊं…..जबकि वो एक चरित्रवान लडकी है….
मानता हूं उसमें कुछ बुराइयां है मगर मे उसकी अच्छाइयों को कैसे नजरअंदाज कर दूं …
वकील-अब ये सब कोशिशें तो करनी ही होती है वरना छोटी मोटी घरेलू कलहों मे भला तलाक होते है कया..
राजेश-ऐसी कोशिशें करूं …जिससे उसके स्वाभिमान को ठेस पहुंचे वो भी अपने वकील के जरिए मुझपर ऐसे घटिया इल्जाम लगाए ताकि आप लोगों की दक्षिणा बनती रहे …छी ..घृणा आती है मुझे खुदपर ….
आप लोगों को इल्जाम भी कैसे दूं ये तो आपका काम है अपने केस को जीतने का …मगर रूसांवा तो दो परिवार और वो दोनों होते है जो कभी साथ जीने मरने सुख दुख के साथी होते है …मेरी ही बुद्धि मारी गई थी जो मे आपकी और अपने परिवार के लोगों की बातों मे आ गया ….
वैसे जितनी कोशिश मैंने तलाक लेने मे की काश…
उतनी घर बचाने मे की होती तो आज मुझे यूं आपके चक्कर नही लगाने पडते …वकील साब आप मेरे केस को वापस लेने की कार्यवाही शुरू कीजिए मुझे तलाक नही चाहिए …
वकील-अरे….अरे राजेश बाबू आप तो नाराज हो गए ….
मेरा मतलब तो थोड़ी कोशिश करने से था जिससे आपको आसानी से तलाक मिल जाएगा…
राजेश-वकील साब …आज मुझे समझ मे आ चुका है की कोशिशें कामयाब होती है अगर उनकी दिशा सही हो तो….दिशा से दशा बदल सकती है….
और आज से बल्कि अभी से मे अपने घर को बचाने की कोशिशें करूंगा आप मेरा केस वापस लेने की कार्यवाही शुरू कर दीजिए …कहकर केबिन से बाहर निकला ही था की पूनम से भेंट हो गई जोकि अपने वकील के साथ थी उसने भी बाहर खडे होकर राजेश और उसके वकील साब की तमाम बातें जोकि केबिन मे हुई थी सुन ली थी …
भरी आँखों से उसने राजेश को देखा और कहा -राजेश तुम्हारी तरह मे भी घर बचाने की कोशिश करना चाहती हूं उसमें सहयोगी बनना चाहती हूं…..
कहकर राजेश से लिपट गई ….
जहां दोनों वकील अब एकदूसरे को देख रहे थे वहीं राजेश और पूनम के परिवार के लोग भी वहां आकर एकदू
रिपोस्ट सरे की गलतियों को कम बताकर अपने अपने किए पर माफी मांग रहे थे …
“दोस्तो साजिशे वो रचते है जिन्हे कोई जंग जितनी हो मेरी कोशिश तो दिल जितने की होती, ताकि रिश्ता कायम रहे जब तक जिन्दगी हो..”