~ डॉ. श्रेया पाण्डेय
बहुत से कपल्स इंटरकोर्स के दौरान योनि को गीली बनाने के लिए सलाइवा का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करना सुरक्षित नहीं है. सलाइवा का इस्तेमाल आपको नुकसान पहुंचाता है।
ओरल सेक्स करवाना आपके अलावा, पार्टनर को भी हानि पहुंचाता है. मुंह और गले के कैंसर तक का यह कारण बनता है. यदि आप योनि को गीली करने के लिए सलाइवा का इस्तेमाल करवाती हैं, या अपने क्षणिक सुख के लिए योनि को चटवाती हैं तो हमारे शीर्षस्थ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. विकास मानवश्री से हुए संवाद पर आधारित इस लेख को पढ़कर संभल जाएं.
*सलाइवा बढ़ाता है सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन का खतरा :*
सेक्सुअल गतिविधियों को करते हुए खासकर इंटरकोर्स के लिए सलाइवा का इस्तेमाल करना बेहद खतरनाक हो सकता है। इससे सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शंस का खतरा बढ़ जाता है।
इस स्थिति में आपके गले और मुंह का संक्रमण सीधा आपके इंटिमेट पार्ट्स तक पहुंचता है. यह इंटिमेट एरिया के लिए खतरनाक होने के साथ-साथ ब्लैडर, किडनी तथा शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है।
यदि कोई व्यक्ति हर्पिज से पीड़ित है, तो इस स्थिति में सलाइवा का इस्तेमाल करने से पार्टनर में हर्पिज और अन्य सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन के ट्रांसफर होने की संभावना बढ़ जाती है।
*संभव है वेजाइनल इंफेक्शन :*
सलाइवा में मौजूद बैक्टीरिया वेजाइनल बैक्टीरिया से बिल्कुल अलग होते हैं। सलाइवा में डाइजेस्टिव एंजाइम पाए जाते हैं, जो खाद्य पदार्थों को तोड़ने के काम आते हैं।
जब सलाइवा के बैक्टीरिया और एंजाइम वेजाइना के कांटेक्ट में आते हैं, तो परिणामस्वरूप वेजाइनल माइक्रोबायोम प्रभावित हो जाती है। इस स्थिति में ईस्ट इंफेक्शन और बैक्टीरियल वैजिनोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
हालांकि, इस इन्फेक्शन और बैक्टीरियल वैजिनोसिस दोनों को ट्रीट किया जा सकता है, परंतु जब यह आपको अपना शिकार बनाते हैं, तो आपके लिए तमाम परेशानियां खड़ी कर देते हैं।
आपको अपनी नियमित गतिविधियों को पूरा करने में भी परेशानी होती है। इसके अलावा सलाइवा कई बार इन्फ्लेमेशन को ट्रिगर कर देती है, जिसकी वजह से इचिंग और बर्निंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
*सलाइवा में नहीं होती लुब्रिकेंट की क्वालिटी :*
यदि आप STI और वेजाइनल इन्फेक्शन के खतरे को नजरअंदाज कर दें, तब भी सेक्सुअल इंटरकोर्स के लिए इसकी कंसिस्टेंसी बिल्कुल भी स्लिपरी नहीं होती और यह आसानी से एवोपोरेट और ड्राई हो जाते हैं।
इसकी वजह से बाद में इंटरकोर्स काफी इरिटेटिंग हो जाता है। इतना ही नहीं सलाइवा के इस्तेमाल से इंटरकोर्स के दौरान फ्रिक्शन भी आपकी वेजाइना को इरिटेट कर सकता है।
सलाइवा के इस्तेमाल से इंटरकोर्स के दौरान फ्रिक्शन आपकी वेजाइना एवं एनस को अधिक प्रभावित करता है। इस दौरान वेजाइनल कट लगने का खतरा बना रहता है।
सलाइवा के इस्तेमाल से सेक्स काफी पेनफुल हो सकता है। बाद में यह छोटी-छोटी चीजें, संक्रमण का रूप ले लेती है, इसलिए इन चीजों से बचाना जरूरी है.
योनि खुश्क तो उस को गीली करने के लिए वीर्य से बेहतर कुछ नहीं है। अन्यथा की स्थिति में कोकोनट ऑयल या एलोवेरा जेल इस्तेमाल किया सकता है. (चेतना विकास मिशन).
ReplyForward |