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दाने-दाने को था मोहताज शमर जोसेफ, IPL से बदली किस्मत और रातों रात बन गया करोड़पति

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तेंद्र कुमार

‘कहते हैं अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उससे मिलाने में लग जाती है।’ ऐसी ही कुछ कहानी है वेस्टइंडीज के क्रिकेटर शमर जोसेफ की। कुछ महीने पहले तक इस खिलाड़ी का शायद ही किसी ने नाम सुना होगा, लेकिन कहते हैं ना ईमानदारी की हुई मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती है। देर से ही सही लेकिन उसका फल जरूर मिलता है। ऐसा ही हुआ शमर जोसेफ के साथ। शमर जोसेफ की क्रिकेटर बनने की कहानी बहुत संघर्षपूर्ण रही है। शमर एक बेहद ही गरीब परिवार से आते हैं। क्रिकेटर बनने से पहले से शमर मजदूरी कर अपना गुजारा करते थे। यहां तक की वह दाने-दाने के के लिए मोहताज रहते थे, लेकिन किस्मत ने ऐसी पलटी मारी की वह रातों रात करोड़पति बन गए हैं।

गाबा में ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ने वाले शमर जोसेफ की जैसे ही इंडियन प्रीमियर लीग हुई उनके लिए सब कुछ बदल गया। आईपीएल में उन्हें लखनऊ सुपरजाइंट्स की टीम ने खरीदा है। हालांकि शुरुआती ऑक्शन में उन्हें किसी भी टीम ने नहीं खरीदा था, लेकिन मार्क वुड के चोटिल होने के बाद उनके लिए आईपीएल का दरवाजा खुला और उन्हें लखनऊ ने तीन करोड़ की बड़ी रकम के साथ अपने साथ जोड़ लिया। ऐसे में आइए जानते हैं शमर जोसेफ की संघर्षपूर्ण कहानी के बारे में।

शमर जोसेफ का जन्म 31 अगस्त 1999 में गुयाना के एक छोटे से गांव बराकारा में हुआ था। शमर का बचपन बहुत ही गरीबी में बीता था। शुरुआती दौर में शमर जंगल में लकड़ी काटने का काम किया करते थे। लकड़ी काटते हुए एक बार उनके जान पर बन आई थी और वह बाल-बाल बच थे। ऐसे में उन्होंने इस काम को छोड़ दिया, लेकिन घर परिवार का गुजारा कैसे होता। इसके लिए वह नाव से 121 किलोमीटर की यात्रा कर न्यू एम्स्टर्डम पहुंचे, जहां उन्हें एक कंस्ट्रक्शन साइट पर काम मिला, लेकिन यहां भी उन्हें दिक्कत आ गई।

दरअसल शमर को ऊंचाई से डर लगता था। ऐसे में वह मजदूर बनकर सामान उठाने का काम करने लगे। शमर की दिक्कतें कम नहीं हुई। मजदूरी छोड़कर उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर ली। गार्ड की नौकरी करते हुए उन्हें 12 घंटे की शिफ्ट में काम करने पड़ती। इन तमाम परेशानियों के कारण क्रिकेट से वह दूर होने लगे थे।

गर्लफ्रेंड और रोमारियो शेफर्ड से मिला था

सभी तरह की परेशानियों को झेलते हुए शमर के मन में क्रिकेटर बनने का सपना जिंदा था, लेकिन हालत ऐसे थे कि वह अपने दूर जाने लगे, लेकिन तभी उनकी गर्लफ्रेंड जिनसे उन्होंने सगाई की और वेस्टइंडीज के क्रिकेटर रोमारियो शेफर्ड का साथ मिला। रोमारियो शमर के घर के पास ही रहते थे। शेफर्ड ने शमर को गुयाना क्रिकेट टीम के कोच और कर्तान मिलवाया। यहीं पर पहली बार उन्हें क्लब क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। क्लब क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन करने के बाद उन्हें फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खेलने का अवसर मिला, जिसके बाद शमर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वह अपने बुरे दौर को पीछे छोड़ते हुए सफलता की सीढ़ी चढ़ रह रहे हैं।

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