मुंबई/रोहिणी स्वामी. महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए, विश्वास मत जीतना एक छोटी-सी बात हो सकता है क्योंकि उन्हें अपने संख्या बल पर भरोसा था, लेकिन विधानसभा में सोमवार को हुई यह प्रक्रिया किसी नाटक से कम नहीं थी, जैसा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के दिन से होता आ रहा है. 288 सदस्यीय सदन में 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 99 विधायकों ने इसके खिलाफ मतदान किया. तीन विधायक मतदान से दूर रहे, जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण और विजय वडेट्टीवार समेत 21 विधायक विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहे.
नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुबह 11 बजे तक विधानसभा के दरवाजे बंद करने को कहा था और सभी विधायकों को निर्धारित समय से पहले उपस्थित होना था. विधानसभा के दरवाजे बंद होने से कुछ ही सेकंड पहले शिवसेना के आदित्य ठाकरे सदन में पहुंचे. उन्होंने शिंदे सरकार के खिलाफ मतदान किया और जैसे ही सीएम के संबोधन ने विधायकों को उनके विश्वास मत के लिए धन्यवाद देना शुरू किया, ठाकरे बाहर चले गए.
आदित्य ठाकरे को करना पड़ सकता है अयोग्यता कार्यवाही का सामना
यह दूसरी बार था जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सदन को संबोधित कर रहे थे और आदित्य ठाकरे सदन से निकलते हुए देखे गए. इससे पहले, रविवार को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद जब शिंदे सदन का शुक्रिया अदा करने के लिए खड़े हुए, तो उस वक्त भी आदित्य अपनी सीट से उठे और विधानसभा से निकल गए. शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले द्वारा जारी किए गए व्हिप का उल्लंघन करने वाले विधायकों के साथ अब उन्हें भी अयोग्यता कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है.
कांग्रेस के 11 विधायक अनुपस्थित
विश्वास मत के दौरान कांग्रेस के 11 विधायक- अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार, धीरज देशमुख, प्रणीति शिंदे, जितेश अंतापुरकर, जीशान सिद्दीकी, राजू आवले, मोहन हम्बर्दे, कुणाल पाटिल, माधवराव जवलगांवकर और शिरीष चौधरी अनुपस्थित रहे. चव्हाण और वडेट्टीवार देर से आए और मतदान के समय तक सदन में प्रवेश नहीं कर पाए. कांग्रेस विधायक प्रणीति शिंदे न्यूयॉर्क में यात्रा कर रही हैं और पिछले दो दिनों से महाराष्ट्र में नहीं हैं, जबकि एक अन्य विधायक जितेश अंतापुरकर की रविवार को शादी हुई है और वे भी कार्यवाही में शामिल नहीं हो सके.
एनसीपी के 6 विधायक रहे विश्वास मत से दूर
दिलचस्प बात यह है कि न तो कांग्रेस और न ही राकांपा ने विश्वास प्रस्ताव के लिए व्हिप जारी किया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की बात करें, तो अनिल देशमुख, नवाब मलिक, दत्तात्रेय भरणे, अन्ना बंसोडे, बाबनदादा शिंदे और संग्राम जगताप मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे. धनशोधन के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी के बाद से देशमुख और मलिक फिलहाल जेल में हैं. एआईएमआईएम के नेता एवं विधायक मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल भी सत्र में शामिल नहीं हुए.