मुंबई
शिवसेना सांसद संजय राउत ने UPA चेयरपर्सन को लेकर कुछ दिन पहले जो बयान दिया था, अब उससे पलट गए हैं। राउत गुरुवार को एक टीवी इंटरव्यू में बोले कि उन्होंने ये बात कभी नहीं कही कि सोनिया गांधी की बजाय NCP के अध्यक्ष शरद पवार को UPA का चेयरपर्सन होना चाहिए।
राउत की ये सफाई इसलिए आई, क्योंकि महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता उनके पिछले बयान को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे थे। दरअसल राउत ने हफ्ते भर पहले कहा था कि UPA का नेतृत्व सोनिया गांधी लंबे समय से कर रही हैं। आज UPA बहुत कमजोर है। इतनी कमजोर है कि BJP के सामने टिक नहीं पा रही। UPA की कमान अनुभवी नेता के पास होनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति केवल शरद पवार ही हैं।
सोनिया, राहुल को लेकर डिंफेसिव हुए राउत
राउत ने अब कहा है कि उन्होंने सिर्फ विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया था। राउत ने ये भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत गठबंधन बनाने के लिए सभी दलों को साथ आने की जरूरत है। उन्होंने डिफेंसिव होते हुए कहा, ‘मैंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की निंदा कभी नहीं की, बल्कि जब भी राजनीतिक दलों ने उन्हें टारगेट किया, तो मैं उनके साथ खड़ा रहा।’
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को एक्सीडेंटल होम मिनिस्टर कहने के बारे में सवाल पूछने पर राउत ने कहा कि यह एक मुहावरा है। कोई हादसे में भी हमेशा मौका तलाशता है। राउत ने डिप्टी CM अजित पवार के उस बयान को लेकर भी जवाब दिया, जिसमें पवार ने कहा था कि गठबंधन की सरकार में किसी को भी माहौल बिगाड़ने वाले बयान नहीं देने चाहिए। राउत ने तंज कसते हुए कहा कि लोग सुबह-सुबह शपथ लेकर माहौल बिगाड़ देते हैं।
ऐसा कहकर राउत ने अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस की 80 घंटे की सरकार पर निशाना साधा। क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सुबह-सुबह शपथ ले ली थी।