खंडवा
मध्यप्रदेश में ठीक एक साल बाद विधानसभा चुनाव है, इस बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से सियासत गर्मा गई है। रही बात मध्यप्रदेश में प्रवेश के बाद टंट्या भील जन्मस्थली पर राहुल गांधी की जनसभा है। ऐसे में आदिवासी वोटर्स कहीं कांग्रेस के लिए फायदेमंद न हो जाए इसलिए शिवराज सरकार ने जनजाति गौरव यात्रा को हरी झंडी दे दी है। टंट्या भील जन्मस्थली पर राहुल की जनसभा के ठीक एक दिन पहले शिवराज की जनजाति गौरव यात्रा वहां से निकलेगी। बता दें कि, 2021 में गौरव यात्रा 27 नवंबर को निकली थी, दूसरे साल यह 10 दिन पूर्व निकली रही है। राजनीतिक जानकार इस गौरव यात्रा को भारत जोड़ो यात्रा की काट बता रहे है। जो आदिवासी सियासत पर टिकी है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का जवाब भाजपा टंट्या मामा पर आधारित जनजातीय गौरव यात्रा निकालकर देगी। दोनों दलों को अब टंट्या मामा से आस है। टंट्या मामा की जन्मस्थली बड़ौदा अहीर में राहुल गांधी की यात्रा आने के एक दिन पहले भाजपा यहीं से जनजातीय गौरव यात्रा की शुरूआत करेगी। टंट्या मामा की जन्मस्थली बड़ौदा अहीर से जनजातीय गौरव यात्रा 23 नंवबर को शुरू होगी। जबकि इसी दिन बुरहानपुर जिले से राहुल गांधी प्रदेश में प्रवेश करेंगे। गांधी की यात्रा 23 से 27 नवंबर तक निमाड़ के बुरहानपुर, खंडवा और खरगोन तथा 28 से 5 दिसंबर तक मालवा इंदौर-उज्जैन में रहकर राजस्थान में प्रवेश करेगी।
कुक्षी के डही में मुख्यमंत्री ने की गौरव यात्रा की शुरुआत
भाजपा की जनजातीय गौरव यात्रा का शुभारंभ रविवार को कुक्षी के डही में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किया। यह यात्रा मालवा-निमाड़ के साथ ही प्रदेश में आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित लोकसभा क्षेत्रों की विधानसभाओं सहित उन क्षेत्राें से भी निकलेगी। जिनमें आदिवासी समाज के लिए विधानसभा की सीटें आरक्षित हैं या चुनाव में आदिवासी वोटर्स निर्णायक की भूमिका में रहता है। यात्रा का समापन 3 दिसंबर को टंट्या मामा की कर्मस्थली पातालपानी में होगा। वहीं 4 दिसंबर को इंदौर के भंवरकुआं चौराहा पर टंट्या मामा की प्रतिमा का मुख्यमंत्री चौहान अनावरण करेंगे। मुख्य का कार्यक्रम में इंदौर के नेहरू स्टेडियम में होगा।