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बात देश के एक ऐसे लुटरे की जो पिछले 30 साल से लूट रहा है देश के अलग-अलग बैंकों को

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कभी एक चेहरे से तो कभी दूसरे चेहरे से… कभी महाराष्ट्र में तो कभी राजस्थान में, वो बैंकों को लूटता रहा और अपना घर भरता रहा, लेकिन पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाई। एक दो साल नहीं, एक दो चोरी नहीं, 30 साल तक वो बैंक रॉबरी को अंजाम देता रहा। ये कहानी है महाराष्ट्र के सबसे शातिर चोर की जिसने 1991 में बैंक रॉबरी शुरू की थी।

बैंक लूटने वाला सबसे बड़ा गैंग

नाम सुरेश देशमुख। महाराष्ट्र के अमरावती का रहने वाला। 1991 में इसने अपने अलावा 2 और लोगों को मिलाकर एक गैंग तैयार किया। इस गैंग में सुरेश के अलावा प्रतापगढ़ के दो और साथी तुषार और हरीप्रसाद शामिल थे। इनका मकसद होता था ग्रामीण सहकारी बैंको को लूटना। दरअसल इन बैंकों में दूसरे वित्तिय संस्थानों के मुकाबले सिक्योरिटी कम होती है और इसलिए इनके लिए इन्हें निशाना बनाना आसान था।

अलग-अलग राज्यों में की बैंक लूट

इस गैंग ने अपने पास कोई हथियार नहीं रखा था। ये बस मौके का इंतजार करते थे। बैंको के आसपास रेकी करते और जब इन्हें लगता कि इस बैंक में चोरी करना आसान है तो रात में उस बैंक में पहुंच जाते। इनके पास एक गैस कटर था जिसकी मदद से ये लॉकर को काटते। गैस कटर की वजह से कई बार लॉकर में रखे नोट जल भी जाते। बैंक लूटने के बाद ये चुपचाप उस राज्य को ही छोड़ देते और अगले कुछ समय तक अंडरग्राउंड हो जाते, ताकी पुलिस इनको न पकड़ पाए।

सहकारी बैंकों को बनाया निशाना

अगली बार जब इनके पैसे खत्म हो जाते और पुलिस का ध्यान उस केस से हट जाता तो ये किसी और राज्य के सहकारी बैंक को अपना निशाना बनाते। सुरेश देशमुख के खिलाफ कई थानों में मामले दर्ज थे, लेकिन पुलिस कभी भी इस तक पहुंच ही नहीं पाई। एक बार पुलिस सुरेश देशमुख को पकड़ने के काफी करीब थी। ये बात है साल 2011 की, लेकिन इसी साल इसने अपने चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी करवा ली। अब ये शातिर चोर नए चेहरे के साथ बैंक लूट को अंजाम दे रहा था। नए चेहरे के साथ भी इसने कई बैंकों के लॉकर काटकर लाखों रुपये लूटे।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने किया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश तकरीबन सभी राज्यों में इसके खिलाफ मामले दर्ज हो चुके थे। इसी साल जनवरी में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 16 जनवरी को इस लुटेरे ने जि‍ला सहकारी बैंक, मंडी ब्रांच का लॉकर काटा और बैंक से 32 लाख रुपए चुरा लिए। इसके बाद फिर पुलिस ने इसकी तलाश शुरु की और इस बार पुलिस को कामयाबी भी मिली। उत्तर प्रदेश पुलिस ने देश के इस सबसे बड़े बैंक रॉबर को पकड़ने में सफलता हासिल की।

अलग-अलग नामों से करता था चोरी

इनके पास से पुलिस को करीब 5 लाख रुपये, एक गैस कटर, एक देसी रिवाल्वर और साथ ही बैंक का ताला तोड़ने के कुछ और उपकरण बरामद हुए हैं। इनके पास से एक चोरी की कार भी मिली है। सुरेश देशमुख से जब पूछताछ हुई तो उसे सारे राज उगले। सुरेश ने बताया कि कैसे वो अलग-अलग नाम बदलकर अलग-अलग राज्यों में रह रहा था।

इस गैंग ने कई नोटों को जला भी दिया

बैंक में गैस कटर से लॉकर काटते समय इस गैंग से कई नोट जल भी गए थे, जिन्हें ये लोग अपने साथ उठाकर ले गए थे, ताकि इनपर करंसी को बर्बाद करने के आरोप न लगे। पुलिस इनसे लगातार पूछताछ कर रही ताकि सारी सच्चाई सामने आए। ये भी जानने की कोशिश हो रही है कि क्या देश में कोई और लोग भी इनके गैंग में इनका साथ दे रहे थे।

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