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बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की आंखों में आंसू तथा सिर पर चिंता की लकीरें

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फसल बर्बादी के लिए तत्काल राज्य सरकार ₹40000 प्रति हेक्टेयर के मान से मुआवजा राशि वितरित करें

*किसानों पर सोसाइटी के कर्ज भरने की तारीख भी 31 मई तक की जाए, रंग-विहिन गेहूं की खरीदी भी समर्थन मूल्य पर किए जाने की मांग*

*इंदौर।मौसम की ऐसी मार पड़ी कि फसलें खेतों में ही तबाह हो गईं। किसान रो दिए। गेहूं, चना, सरसों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। संतरा, लहसुन, धनिया, मसूर, इसबगोल, अलसी की फसल भी प्रभावित हुई है।  इंदौर सहित मालवा-निमाड में हो रही हल्की बारिश के बाद हाल ही में हो रही बारिश  व ओला वृष्टि से सांवेर, देपालपुर, गौतमपुरा व आसपास की गेहूं की फसलें खराब हुई हैं। यहां बीते एक-दो दिन में दाने बराबर ओले गिरे तथा बारिश हुई जिसके चलते गेहूं का रंग फीका होने के साथ उसकी गुणवत्ता में भी गिरावट आई है।

संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने कहा है कि पिछले 8 दिनों से लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से 20 से लेकर 80% तक फसलें बर्बाद हो गई है। जहां उपज को नुकसान हुआ है वहां गेहूं का रंग भी फीका पड़ जाएगा । मुख्यमंत्री ने सर्वे की घोषणा जरूर की है, लेकिन जो हालात है उसमें सर्वे की कोई जरूरत नहीं है। बल्कि तत्काल मुआवजा राशि किसानों के खातों में डाली जाना चाहिए ।

संयुक्त किसान मोर्चा ने फसलों की बर्बादी को देखते हुए सोसाइटी के ऋण भरने की तारीख 31 मई तक बढ़ाए जाने और राजस्व अधिनियम की धारा आरबीसी 6-4 के तहत किसानों के खाते में तत्काल मुआवजा राशि वितरित किए जाने की मांग की है । मोर्चे ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि सभी किसानों को ₹40000 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा राशि वितरित की जाए । साथ दागी और फीके रंग के हुए गेहूं की खरीदी भी समर्थन मूल्य पर किए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री को करना चाहिए ।

 संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने बताया कि इंदौर के आसपास देपालपुर, बैंगनदा, चांदेड, बडोली, आगरा, सुमठा, नांद्रा, अटाहेडा, सुनाला, कटकोदा में फसलें काफी प्रभावित हुई।  देपालपुर के   आसपास के दो किमी के गांवों में ओला वृष्टि व बारिश से गेहूं की फसलें खराब हो गई है। किसानों को अब चिंता है कि अब इनके ऊंचे दाम नहीं मिल सकेंगे, सांवेर मेंभी दाने बराबर ओले गिरे जिससे गेहूं खराब हो गया। मौैसम प्रभाव से वजन में हल्का होने के साथ क्वालिटी भी खराब हो गई है। फसल कटने के दौरान गेहूं में जो चमक रहती है वह अब नहीं रही। दूसरी ओर गौतमपुरा व आसपास की फसलों पर भी इसका असर पड़ा है। बेटमा के पास लाहोली, लेपड आदि गांवों की फसलें भी खराब हुई है। 

संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव, किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव दिनेश सिंह कुशवाह मध्य प्रदेश किसान मजदूर सेना के लाखन सिंह डाबी तथा शैलेंद्र पटेल  ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि मालवा निमाड़ सहित पूरे मध्यप्रदेश में प्राकृतिक आपदा के रूप में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। किसान हितेषी मुख्यमंत्री और सरकार को तत्काल बगैर किसी सर्वे के किसानों के लिए राहत की घोषणा करना चाहिए। किसानों के आंसू पोछने का एकमात्र तरीका है कि राजस्व की धारा आरबीसी 6/4 के तहत प्रत्येक किसान को ₹40000 प्रति हेक्टेयर  के मान से तत्काल मुआवजा दिया जाए।

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