अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

सरकार  ने अपने कर्तव्य से लगता है  इति श्री कर ली 

Share

 एड आराधना भार्गव 

देश और दुनिया में खेल जगत में भारत को पहचान तथा सम्मान दिलाने वाली महिलाये यौन शोषण का शिकार हो रही है | और सरकार सहित पूरा देश मौन बैठा है क्या कारण है की विनेश फोगाट समेत टोक्यो ओलम्पिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ,रियो ओलम्पिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक , वर्ल्ड चैंपियन मेडलिस्ट सरिता मोर , संगीता फोगाट,  अंशु मलिक , सोनम मलिक ,सत्यव्रत मलिक आदि महिलाओ को धरने पर बैठना पड़ा विनेश फोगाट महिला पहलवान का आरोप है की महिला पहलवानो के साथ बृजभूषण शरण सिंह अध्यक्ष कुश्ती संघ द्वारा महिला पहलवानो के साथ यौन शोषण करता है |  आवाज उठाने पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती जो महिला पहलवान शिकायत करती है ,उसे बृजभूषण शरण सिंह जान से मारने की धमकी देता है पहले देश में ओलम्पिक खेल देखने की मनाही महिलाओ को थी ओलम्पिक खेल में खेलना तो दूर महिलाये ओलम्पिक खेल देख भी नहीं सकती थी इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की पित्रात्मक सत्ता समाज में किस तरीके से अपना वर्चश्व बनाये  हुए है इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है की ओलम्पिक खेल में गोल्ड मेडलिस्ट महिलाओ को कितना संघर्ष करना पड़ा होगा अपना अस्तिव्त तथा योग्यता दिखाने के लिए पर आज की तारीख में भी पित्रात्मक समाज ने महिलाओ का पीछा नहीं छोड़ा महिलाओ ने पूरी दुनिया के सामने  कर दिया की ऐसा कोई काम नहीं है जिसे महिलाये नहीं कर सकती |

कार्य स्थल पर यौन शोषण रोकने के लिए विशाखा गाइड लाइन बनाई गई | अत्यंत दुःख के साथ लिखना पड़  रहा है की  राजस्थान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता  जब नाबालिग का विवाह रोकने के लिए गई तब दबंगो द्वारा उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया आंगनवाड़ी कार्यकर्ता यह काम अपनी ड्यूटी के तहत  कर रही थी  | और आज दिनांक को भी नाबालिक की शादी रोकने का दायित्व  महिला बाल विकास विभाग को  ही है और विभाग आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से इस कार्य को करता है राजस्थान की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बदला हुआ नाम { भवरी देवी  } का कार्य स्थल पर यौन शोषण होने के पश्चात राजस्थान  की एक संस्था जिसका नाम विशाखा है |   भवरी देवी के पक्ष के में न्याय मांगने  के लिए सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर पहुंची तब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दंग  रह गए देश के सम्पूर्ण कानून की पुस्तके छान मारी परन्तु उन्हें इस देश के कानून में कार्य स्थल पर यौन शोषण पर कोई कानून नहीं दिखाई दिया जिसमे वह दोषियों को दण्डित कर सकते थे मुझे गर्व है अपनी न्याय पालिका पर न्यायाधीश महोदय ने यह कहकर याचिका खारिज नहीं की 

की इस सम्बन्ध में कोई कानून नहीं है इस लिए हम भवरी देवी की कोई मदद नहीं कर सकते बल्कि न्यायाधीश महोदय ने भारत के संविधान अनुच्छेद 14 ,15  21 का सहारा लेते हुए कार्य स्थल पर योन शोषण रोकने के लिए गाइड लाइन बनाई और वही गाइड लाइन विशाखा गाइड लाइन के  नाम से देश में चर्चित हुई लोकसभा में उस गाइड लाइन के आधार पर कानून बनाने पर बहुत हंगामा हुआ जैसे तैसे कानून तो बन गया परन्तु इस पित्रात्मक समाज ने उस कानून को आज दिनाक तक ईमानदारी के साथ जमीन पर नहीं उतरने दिया | उतरने भी कैसे देते उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीस पर यौन शोषण के 

आरोप लगे सजा देना तो दूर उन्हें राज्यसभा में पहुंचा कर सम्मानित किया गया यौन शोषण का आरोप लगाने वही महिला को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पदस्थ तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजा बाबू सिंह ने अपनी अधीनस्थ सब इसंपेक्टर चेतना शर्मा का यौन शोषण कर उसकी हत्या कर दी राजा बाबू सिंह  पर कोई कार्रवाई नहीं हुई न्यायाधीश , राजनेता, अधिकारी तथा कर्मचारी याने की कार्यपालिका , विधायिका , न्यायपालिका तथा पत्रकारिता से जुड़े अनेक उदाहरण देश और दुनिया के सामने है जिसमे महिलाओ को सिर्फ और सिर्फ उपभोग की वस्तु समझा है | 

अगर महिला पहलवानो के साथ खुदा न खास्ता यौन शोषण करने वाला कोई अल्पसंख्यक समुदाय से होता तो अभी टी वी चैनल के एंकर कूद कूद कर चीख चिल्लाकर उसे फांसी के तख्ते पर टांगने की बात करते और हमारे शिवराज सिंह मामा भांजी के पक्ष में खड़े होकर कहते आरोपी के 36 टुकड़े कर देंगे इससे स्पष्ट होता है की हिन्दू महिलाओ के साथ कितना भी बड़ा अपराध कर दे वह क्ष्यम्य है और यही कारण है की महिला हिंसा रोकने में सरकार पूर्णतः असमर्थ है कभी कभी तो मुझे लगता है की सरकार स्वम् महिला हिंसा रोकने में उसकी कोई  रूचि नहीं है ,रूचि होगी भी क्यों हिन्दू राष्ट्र जो उन्हें बनाना है हिन्दू राष्ट्र में  महिलाओ की दशा की दशा क्या होगी यह सोचकर मेरी देह कांप उठती है क्या हम फिर सती प्रथा के युग की तरफ तो नहीं बढ़ रहे है ?

देश की बेटियो ने अपनी योग्यता के आधार पर देश और दुनिया को यह बनता दिया की हम दुनिया का ऐसा कोई काम नहीं  है जो हम नहीं कर सकते खुले आसमान पर हम अपने पंख फैलाते हुए उड़ रहे है उनके पर को कतरने का एक हथियार है यौन शोषण ताकि समाज डरकर अपनी बेटियों को घर की चार दीवारी के अंदर कैद रखे किन्तु घर की चार दीवारी के अबदार भी तो बेटी सुरक्षित नहीं है बेटी तो अपने माँ की कोख में भी सुरक्षित नहीं है | पठान फिल्म का विरोध करने वाले हिन्दू धर्म का ठेका लेने वाले बजरंगी भाई जान करणी सेना , पदमावती सेना , नरोत्तम मिश्रा जैसे मंत्री कहींदिखै ही दे रहे है महिला पहलवान महिला पहलवान क्या इस देश की बेटिया नहीं है क्या इनका यौन शोषण करने की पूरी छूट कोच बृजभूषण शरण सिंह को है देश में महिला खिलाड़ियों ने यौन शोषण की शिकायत अनेक बार की है पर शिकायत करने वाले कोच के खिलाफ अभी तक कोई सख्त सजा सुनाई नहीं दी क्या खेल के मैदान तथा प्रक्षिक्षण स्थल पर विशाखा गाइड लाइन लागू नहीं होती | 

आइये हम सब मिलकर दरिंदे बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से तत्काल हटाने तथा उस पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग करे तथा अन्य पुरुष कोच उन पर अपनी गिद्ध निगाने लगाकर रखे ताकि कसीस भी खिलाड़ी के साथ कोच या अन्य पुरुष यौन शोषण करने हिम्मत न जुटा  पाए 

देश की बेटियों तुम अपने सफलता के पंख लगाकर खुले आसमान में उडो किसान संघर्ष समिति तुम्हारे साथ है | 

 एड आराधना भार्गव 

100 बी वर्धमान सिटी छिंदवाड़ा 

9425146991 ,  7999176985 

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें