अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

20 अप्रैल को संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय परिषद में भावी किसान आंदोलन की रूपरेखा घोषित होगी

Share

किसान संघर्ष समिति की 328वीं किसान पंचायत संपन्न

किसान नेताओं ने किया 20 मई को मजदूरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन

पंजाब सरकार के दमन का करारा जवाब देंगे किसान संगठन

   किसान संघर्ष समिति द्वारा  आयोजित 328वीं किसान पंचायत, किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई । किसान पंचायत को हैदराबाद से फार्मासिटी विरोध कमेटी की संयोजिका सुश्री सरस्वती, हरियाणा से अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, पंजाब से पंजाब किसान यूनियन के महासचिव गुरनामसिंह भिक्की, बिहार से तेज प्रताप यादव, रीवा से किसान संघर्ष  समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता एड शिवसिंह, छिंदवाड़ा से किसंस की प्रदेश अध्यक्ष एड आराधना भार्गव,   सागर से भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप ठाकुर, इंदौर से किसान संघर्ष समिति के मालवा निमाड़ क्षेत्र संयोजक रामस्वरूप मंत्री, ग्वालियर से किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव शत्रुघन यादव, सिंगरौली से जिलाध्यक्ष एड.अशोक सिंह पैगाम आदि ने संबोधित किया।

किसान पंचायत में शामिल किसान नेताओं ने श्रमिक संगठनों द्वारा 4 लेबर कोड रद्द करने, निजीकरण रोकने की मांग को लेकर 20 मई को की जा रही राष्ट्रव्यापी हड़ताल को किसानों से सफल बनाने की अपील करते हुए प्रस्ताव पारित किया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में इंद्रजीत सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा को एमएसपी और कर्ज मुक्ति की मांग के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण के मुद्दे को एजेंडा में लेने की जरूरत है क्योंकि भूमि ही नही बचेगी तो किसान और किसानी खत्म हो जाएगी। तब एमएसपी और कर्ज मुक्ति की मांग बेमानी हो जाएगी।
सुश्री सरस्वती ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। तेलंगाना के किसानों का फार्मा सिटी और फ्यूचर सिटी के खिलाफ संघर्ष जारी है।
गुरनाम सिंह भिक्की ने बताया कि पंजाब सरकार किसानों के दमन पर उतारू है जिसके खिलाफ किसान, मजदूर, शिक्षक मिलकर संघर्ष कर रहे हैं।
का. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि हरियाणा की भाजपा सरकार भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को आगे बढ़ा रही है। फसल नष्ट होने के बावजूद भी किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
एड शिव सिंह ने कहा कि समूचे मध्य प्रदेश में जिन आदिवासी गरीबों को सरकार ने कृषि भूमि एवं आवास के पट्टे दे रखे हैं वह जमीनें आज तक राजस्व खसरे में दर्ज नहीं है। उन सभी को शासकीय योजनाओं से वंचित किया जा रहा है, उन्हें बेदखल करने की तैयारी चल रही है। पूरे देश में जल, जंगल, जमीन का दोहन पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है ।
एड आराधना भार्गव ने कहा कि किसान संघर्ष समिति छिंदवाड़ा में अडानी पेंच पावर प्रोजेक्ट से लेकर सिंगरौली में अडानी के विभिन्न प्रोजेक्टों के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीनों को बचाने के लिए आदिवासियों और किसानों के साथ संघर्ष कर रही है।
उन्होंने बताया कि पेंच व्यपवर्तन परियोजना की 35 गांव की जमीन अधिग्रहित की गई थी। उन्हें आदर्श पुनर्वास नीति का लाभ नहीं दिया गया। सर्वोच्च न्यायालय पूरे तथ्यों की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाने की बात कह रही है।
रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की समस्या पूरे देश के साथ मध्य प्रदेश की भी बड़ी समस्या है। सरकारें कॉर्पोरेट घरानों की गुलाम बनी हुई है। चाहे छत्तीसगढ़ के हसदेव का मुद्दा हो या मध्यप्रदेश के बक्सवाहा जंगल का, सरकारें बेशकीमती जमीनें अडानी को देने के लिए उतावली है। मध्य प्रदेश सरकार नया भूमि अधिग्रहण कानून लाकर केंद्रीय कानून के मुताबिक किसानों को चार गुना मुआवजे से भी वंचित कर रही है।
संदीप ठाकुर ने कहा कि गेहूं के साथ साथ चना, मसूर, सरसों की भी एमएसपी पर खरीद की जानी चाहिए। सरकार एमएसपी से अधिक पर खरीद करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रही है जिसके परिणामस्वरूप मंडियों में गेहूं का दाम नही मिल पा रहा है।
शत्रुघन यादव ने कहा कि जिस तरह से किसानों की जमीनें छीनने के लिए तीन कृषि कानून लाए गए थे उसी तरह मुसलमानों की जमीन छीनने के लिए वक्फ बिल लाया गया है, जिसका विरोध करना जरूरी है।
तेज प्रताप यादव ने कहा कि बिहार में मंडी व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है। जिससे किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
एड अशोक सिंह पैगाम ने कहा कि देश की हर ऊर्जा कंपनी सिंगरौली में भूमि अधिग्रहण कर रही है। किसी भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। राजनीतिक दल सिंगरौली के कॉर्पोरेट टेक ओवर को नहीं रोक पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में सिंगरौली के किसानों आदिवासीयों को किसान संघर्ष समिति से काफी उम्मीदें हैं।
किसान पंचायत का संचालन किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुनीलम ने किया।
डॉ सुनीलम ने संचालन करते हुए कहा कि केवल ज्ञापन देने से किसानों को न्याय नहीं मिलेगा। इसके लिए अनिश्चितकालीन संघर्ष करना होगा।
उन्होंने देश के सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से 20 अप्रैल को दिल्ली में हो रही संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने की अपील की ।
उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय प्रक्रिया में राष्ट्रीय परिषद सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखती है। उन्होंने सभी किसान संगठनों से एकजुट होकर राष्ट्रव्यापी संघर्ष की रणनीति बनाने की अपील की।
किसान पंचायत का लाइव प्रसारण बहुजन संवाद यूट्यूब चैनल के माध्यम से किया गया।

भागवत परिहार
कार्यालय सचिव, किसंस मुलतापी
975292232

ramswaroop mantri

Add comment

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें