निर्मल कुमार शर्मा,
ब्रिटिशसाम्राज्यवादियों की गुलामी के जुए में सैकड़ों साल पिसने वाले इस देश को स्वतंत्र कराने में शहीद-ए-आजम भगतसिंह,अशफाक उल्ला,बिस्मिल,चन्द्र शेखर आजाद जैसे हजारों रणबांकुरों ने अपनी जान को हँसते-हँसते न्योछावर कर दिए,लेकिन इन सपूतों से इतर सुभाष चंद्र बोस,महात्मा गाँधी,जवाहर लाल नेहरू,बल्लभ भाई पटेल,अबुल कलाम आजाद,सरहदी गांधी आदि ऐसे स्वातंत्र्य वीर भी थे,जो इस देश को स्वतंत्र कराने में अपना अप्रतिम योगदान दिए,देश के स्वतंत्र होने के बाद सत्तासीन होनेवाले नेताओं में डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद,भीमराव अंबेडकर, कृपलानी आदि लोग इस देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए सतत अपनी कर्मठता,ईमानदारी,प्रतिबद्धता, सचरित्रता व अपनी मधुर वाणी में,अपनी भाषा की मर्यादा व गरिमा बनाकर रखते हुए भारतीय आम जनता,किसानों, मजदूरों आदि को संबोधित करते हुए अपने देशहित के कार्यों को संपादित करते रहे,लेकिन वर्तमान समय में केंद्र व तमाम राज्यों में एक ऐसी विचारधारा की पार्टी सत्तारूढ़ हो गई है जिसका इस देश को ब्रिटिशसाम्राज्यवादियों से मुक्त कराने में अंशमात्र का भी योगदान नहीं है,न इनकी अपनी भाषा की मर्यादा है,न इनके व्यवहार में शालीनता है,न इनका कोई चरित्र है,
आज भारतीय राजनैतिक सत्ता के शीर्ष पर ऐसे ही असामाजिक,अशिष्ट, मवाली,गुँडे,मॉफिया,दंगाई,हत्यारे,बलात्कारी आदि तत्व कब्जा कर लिए हैं। उदाहरणार्थ लखीमपुर खीरी में कुछ गुँडों और असामाजिक तत्वों द्वारा अपनी बड़ी गाड़ियों से कुचलकर मार दिए गए कुछ भारतीय किसानों की अतिदुःखद घटना से पूर्व मोदीसरकार के मंत्रीमंडल में गृहराज्यमंत्री जैसे पद पर बैठा एक असामाजिक पृष्ठभूमि का व्यक्ति अपनी न्यायोचित माँग पर इस देश के प्रदर्शनकारी अन्नदाताओं को बिल्कुल गली-मुहल्लों के गुँडों की भाषा का प्रयोग करते हुए,धमकाते हुए कहा था ‘तुम लोग सुधर जाओ,नहीं तो तुम लोगों को ठीक करने में सिर्फ दो मिनट लगेंगे ‘,बाकायदा वह सांसद या मंत्री बनने से पूर्व वह क्या था,इसका परिचय भी देता है ! इसके अलावे वह अपनी कार से अपना अंगूठा नीचे करके इस राष्ट्र राज्य को अपना ठेंगा दिखाने की अभद्रता पूर्ण नीच हरकत करने से भी नहीं चूकता ! इसी अशिष्टता को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा का मुख्यमंत्री सरेआम प्रदर्शकारी किसानों को ठोकने के लिए एक सशत्रधारी संगठन बनाने के लिए शठे शाठे समाचरेत का सार्वजनिक रूप से उपदेश दे देता है,कुछ समय पूर्व उत्तर प्रदेश का अपराधिक पृष्ठभूमि का मुख्य मंत्री अपनी पुलिस को अपने विरोधियों को ठोकने की सलाह दिया था। पिछले साल दिल्ली दंगों को कराने में अपनी अहम भूमिका अदा करनेवाले कपिल मिश्रा जैसे गुँडे ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में ‘दो दिन में रास्ता साफ करा देने की ‘धमकी देता है,उससे दो कदम आगे बढ़ते हुए अनुराग ठाकुर जैसा अशिष्ट ‘गोली मारो….को ‘जैसा बयान दे देता है ! वास्तव में आज भारतीय लोकतंत्र और यहाँ की गरीब जनता की भलाई का जिम्मा ऐसे भ्रष्ट,असामाजिक,फॉसिस्ट प्रकृति के कथित नेताओं के हाथ सत्ता चली गई है,जो किसी भी दृष्टिकोण से इस देश की सत्ता की बागडोर संभालने लायक ही नहीं हैं ! भारतीय जनमानस में एक कहावत बहुत मशहूर है कि
‘वे भेड़ें कैसे सुरक्षित रह सकतीं हैं,जिनके रखवाले भेड़िए हों । ‘
–निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद, उप्र.