अभिषेक मिश्रा
सचिव,इंदौर प्रेस क्लब
इंदौर शहर के नेता और अधिकारी महामारी की रोकथाम के प्रति कितने गंभीर है…इसका उदहारण ऑक्सीजन टैंकर के इंदौर पहुंचने पर दिखाई दिया…जवाबदारों में मिलकर टैंकर आगमन को भी मीडिया इवेंट बना लिया…पहले तो शहर में आने के बाद भी टैंकर सिर्फ इसलिए खड़ा रहा,क्योंकि अधिकारी और नेता फोटो खिंचवाने नहीं पहुंचे थे…जब पहुंचे तो वाहन को गुब्बारों से सजा कर पूजा पाठ के नाम पर फोटो शूट जारी रहा… सदमे में डूबे शहर में क्या हालातों के मद्देनजर गुब्बारे सजाकर टैंकर को रोके रखना समझदारी थी…क्या यह समय हमें इसकी इजाजत दे रहा है..लेकिन यह सब भी देखना बाकी था..**आधे से पौन घन्टे तक टैंकर का इस्तेमाल खुद की दुकान सजाने के लिए किया गया…जबकि इस 45 मिनिट के नाटक के दौरान कितने मरीजों की सांस ऑक्सीजन के नाम पर अटकी हुई होगी…वाकई में शहर के जनप्रतिनिधि निष्ठुर हो चुके है…उनका मकसद सिर्फ खुद की राजनीति चमकाने तक सीमित है..प्रजा भले ही श्मशानों में टोकन लेकर अपनों के शव का अंतिम संस्कार करवाने के लिए भी लाइन लगाकर ही क्यों न खड़ी दिखाई दे*