अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

राज्य हमारी मां-बाप नहीं

Share

राज्य हमारी मां नहीं है
और नहीं हम उसके बच्चे है
कि सिर्फ हमारे रो देने भर से वो हमें दुध पिला देगा

राज्य हमारा बाप भी नहीं है
कि जिद्द करने पर वो हमारे लिए
मिठाईयां और खिलौने ला देगा

राज्य तो परजीवी है
जो जोंक की तरह
हमारा खून पी कर जिन्दा है
जिसकी इस दुनिया में कोई जरूरत नहीं है

मनुष्य खुद से ही शासित होनेवाला जीव है
यह कोई जनवार नहीं है
कि इसे नियन्त्रित करने के लिए
बल की जरूरत पड़े

मनुष्य के पास मस्तिक के रूप में
ब्रह्माण्ड का सबसे विकसित पदार्थ है
जिसके रहते उसे किसी और चीज से
नियन्त्रित होने की जरूरत नहीं है

रज्य विहीन समाज की तरफ कदम बढ़ाना ही
मानवता की तरह कदम बढ़ाना है
उसके लिए मजदूरों-किसानों का राज्य लाना है
जो हमें राज्य विहीन,
वर्ग विहीन और
जाति विहीन समाज में ले जाएऐगा.

  • विनोद शंकर
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें