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मोहन यादव कैबिनेट की बैठक में जनता को दी ये सौगातें,नामांतरण पर बड़ा फैसला

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भोपाल। डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई निर्णय लिए गए. कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने पार्वती काली सिंध परियोजना और प्रदेश में सड़कों के विकास के लिए केन्द्र सरकार का आभार जताया है. मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में स्टार्टअप शुरू कर रहे युवाओं को और राहत दी गई है. प्रदेश के स्टार्टअप के लिए युवा प्रजेंटेशन के लिए कहीं जाते हैं तो उसके लिए राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा लेने पर सरकार प्रतिपूर्ति राहत देगी.

 अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में ही सीएम ने खुले में मांस बेचने पर बैन लगा दिया तो लाउड स्पीकर की तेज आवाज को लेकर सख्ती दिखाई है. इन दोनों फैसलों के अलावा एक और अहम फैसला लिया गया है. पहली कैबिनेट बैठक में ही भूखंड या भवन की रजिस्ट्री के नामांतरण किए जाने की प्रक्रिया को सरकार ने हरी झंडी दे दी. ये फैसला 1 जनवरी से लागू होगा. इसका लाभ ये होगा कि नामांतरण के लिए लोगों को अफसरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. साथ ही रिश्वतखोरी से निजात मिलेगी.

प्रजेंटेशन के लिए डेढ़ लाख रुपए

इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रजेंटेशन के लिए 50 हजार रुपए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रजेंटेशन के लिए डेढ़ लाख रुपए दिए जाएंगे. यह प्रतिपूर्ति एक वित्तीय वर्ष में एक बार और एक स्टार्टअप को सिर्फ 2 बार ही दी जाएगा. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में रीवा के सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के विस्तार के लिए 164 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. इससे रीवा क्षेत्र को काफी लाभ मिलेगा. यह रीवा और शहडोल क्षेत्र का सबसे बड़ा हॉस्पिटल होगा.

सड़कों के लिए केंद्र सरकार का आभार

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि पार्वती काली सिंध परियोजना 2003 से लंबित थी. इस परियोजना से मध्यप्रदेश के ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड क्षेत्र के 12 जिलों को लाभ मिलेगा. इस परियोजना से प्रदेश के 6.17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का रकबा बढ़ेगा. साल 2003 में मध्यप्रदेश की सिंचाई की कुल क्षमता ही 6 लाख हेक्टेयर थी. इस परियोजना का 90 फीसदी भार केन्द्र सरकार द्वारा उठाया जा रहा है. प्रदेश सरकार सिर्फ 10 फीसदी ही खर्च करेगी. मोहन यादव कैबिनेट ने प्रदेश में 10 हजार करोड़ की सड़कों की सौगात के लिए भी केन्द्र सरकार का आभार जताया. सरकार का कहना है कि ये सड़कें मध्यप्रदेश की भाग्यरेखा बनेंगी.

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