अनिल जैन
पत्रकार सौरभ शर्मा, जैसा कि उपनाम से ही जाहिर है कि ब्राह्मण हैं। अंबानी के टीवी चैनल News18 यानी सरकार के प्रति समर्पित मीडिया में काम करते हैं। नौ दिन व्रत रखा था। रात को जगराता के शोरशराबे से नींद में खलल पड़ा तो आयोजकों से आवाज धीमी करने को कहा। वे नहीं माने तो पुलिस से कहा कि वह आवाज धीमी करवाए। पुलिस की मौजूदगी में ही भीड़ से आवाज आई, ये पाकिस्तानी है, मार डालो इसे। इसके बाद नोएडा एक्सटेंशन सुपरटेक इकोविलेज- 3 में रहने वाले सौरभ शर्मा पर फिर भीड़ ने हमला बोल दिया। मतलब यह कि मुसलमान तो ठीक, आपका हिन्दू होना भी अब कोई मायने नहीं रखता। गुंडई और लफंगई का विरोध करने पर तालिबान का हिंदू संस्करण आपको भी मार सकता है। ये तालिबानी न शुक्ला को छोड़ेंगे और न ही किसी तिवारी, मिश्रा, दुबे, चौबे या छब्बे को। शर्मा तो सिर्फ झांकी है।
सौरभ शर्मा की पत्नी अंकिता शर्मा का कथन भी पढ़ लीजिए
“मैं नवरात्रि व्रत में नौ दिन तक उपवास पर थी, उसी दिन खत्म किए थे। ऐसे में हर कोई आराम करना चाहता है, अगले दिन बच्चों का स्कूल था। हमारे यहां से 50 मीटर दूरी पर यह जागरण चल रहा था। परेशान होकर हमने 112 नंबर पर फोन करके पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस आई तो जागरण में मौजूद लोगों ने पुलिस के सामने ही मेरे पति के साथ गलत बर्ताव किया। मुझे पाकिस्तानी कहा गया। मेरे पति ने सिर्फ इतना कहा था कि रात 10 से ज्यादा बज गए हैं, इसे बंद कर दीजिए। पुलिस ने कुछ नहीं कहा और खड़ी देखती रही। जब हम वापस अपने घर आ रहे थे तभी लोगों ने हमारा पीछा किया। मेरे कपड़े उतारने और मेरे बच्चे को मारने के लिए कहा। हम यह सब देखकर भागे और हमें घर के सुरक्षाकर्मी ने बचाया। उन्होंने मुझसे कहा कि हम हिंदू नहीं, पाकिस्तानी हैं, हमें काट दिया जाना चाहिए। मैं रो रही थी। क्या आवाज उठाना गलत है? इसका मतलब तो यह हुआ कि अगर जीना है तो दूसरों की शर्तों पर जियो। हम स्वतंत्र नहीं हैं।”