बुली बाई’ ऐप मामले पर महाराष्ट्र पुलिस ने आज तीसरी गिरफ्तारी की है। पुलिस ने उत्तराखंड स्थित कोटद्वार से बुधवार तड़के मयंक रावत (21) नाम के युवक को गिरफ्तार किया है। इससे पहले मंगलवार को पुलिस की टीम ने उत्तराखंड से स्वाति सिंह (19) और बेंगलुरू से इंजीनियरिंग के छात्र विशाल झा (21) को गिरफ्तार किया था। श्वेता सिंह को मामले में मुख्य अपराधी बताया जा रहा है। पुलिस ने उसे उत्तराखंड की एक अदालत में पेश किया और वहां से उसे पांच दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लिया है।पुलिस के मुताबिक़ मयंक रावत, श्वेता सिंह और विशाल कुमार झा के साथ संपर्क में था। तीनों मिलकर ही मुस्लिम महिलाओं की फोटो को एडिट करते थे और उसे बुली बाई ऐप पर डालते थे। बता दें कि श्वेता सिंह को इस केस का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
मुंबई के पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि – “बुली बाई’ ऐप मामले में हमने बेंगलुरु से कुमार विशाल झा, उत्तराखंड से 18 वर्षीय श्वेता सिंह को गिरफ़्तार किया। हमने उत्तराखंड से आज एक और आरोपी मयंक रावत को गिरफ़्तार किया है।”
महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक -” यह मामला, इस ऐप पर नीलामी के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट किए जाने से जुड़ा है। यह कोई वास्तविक नीलामी या बिक्री नहीं थी। ऐप का उद्देश्य लक्षित महिलाओं को अपमानित करना और डराना था। इनमें से कई महिलाएं सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। पीड़िताओं ने इस तरह के कृत्य में संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी की मांग की थी और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी मुंबई पुलिस की साइबर शाखा में एक शिकायत दी थी।
महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारी ने बताया- संदिग्धों के बारे में सीमित जानकारी होने के बावजूद लगातार तीन रात की गई कार्रवाई से बड़ी सफलता मिली है। वहीं, उत्तराखंड एवं बेंगलुरू जाने की त्वरित पहल ने संवेदनशील मामले को तेजी से सुलझाने में मुंबई साइबर पुलिस की मदद की।
वहीं आज मुंबई पुलिस ने श्वेता और विशाल का सामना कराया। दोनों एक दूसरे को सोशल मीडिया साइट्स के जरिए जानते थे।अब मयंक रावल का भी सामना श्वेता और विशाल से कराया जायेगा। अभी इस मामले में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
Bulli Bai ऐप क्या है
बुली बाई एप पर मुस्लिम महिलाओं के सोशल मीडिया हैंडल से फोटो को डाउनलोड करके उस मॉर्फ करके अश्लील रूप देकर प्लेटफॉर् पर नीलामी के लिए पोस्ट की जा रही थीं। बुली बाई एक एप्लिकेशन है जिसे Bullibai.github.io पर होस्ट किया गया था। इसके जरिये मुस्लिम महिलाओं की कथित तौर पर सौदेबाजी हो रही थी।
बता दें कि बुली बाई एप पर टारगेट करके 100 से अधिक प्रभावशाली महिलाओं की तस्वीर अपलोड की गयी और उन्हें अपमानित करने के लिए उनकी बोली लगायी गयी। पिछले साल ऐसा ही एक मामला सुल्ली डील्स पर पर सामने आया था।
बुली बाई ऐप के काम करने का तरीका बिल्कुल सुल्ली डील्स की तरह है। ऐप को खोलने पर एक मुस्लिम महिला की तस्वीर बुली बाई के तौर पर सामने आती है। ट्विटर पर ज्यादा फॉलोअर्स वाली मुस्लिम महिलाएं जिनमें पत्रकार भी शामिल हैं, उन्हें चुन कर उनकी तस्वीरें अपलोड की गई हैं। पिछले साल सुल्ली डील्स में मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों के दुरुपयोग के मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कुछ शिकायतें दर्ज की गई थीं। बुली बाई की ही तरह सुल्ली डील्स को भी गिटहब प्लैटफाॅर्म पर पेश किया गया था।