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35 साल पुरानी जिस वीडियोकॉन कंपनी के टीवी पर आपने रामायण देखी, फ्रिज का पानी पिया, उसे यह अरबपति खरीदेंगे

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नई दिल्ली. अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल  के वेदांता समूह एसी, फ्रिज, टीवी जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल बनाने वाले वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड का अधिग्रहण करेगा. इसके लिए वह कंपनी को 292 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान करेगा.वेदांता समूह ने बुधवार को यह जानकारी दी है. इस अधिग्रहण के बाद समूह कृष्णा गोदावरी तेल क्षेत्र में रावा तेल और गैस क्षेत्र का सबसे बड़ा हिस्सेदार बन जाएगा. रावा तेल क्षेत्र में प्रतिदिन 22,000 बैरल तेल और तेल के बराबर गैस का उत्पादन होता है.

पेपर ट्यूब बेचने से हुई थी कारोबार की शुरूआत
साल 1986, औरंगाबाद के तीन भाइयों ने अधिगम ट्रेडिंग नाम से एक कंपनी शुरू की. यह पेपर ट्यूब बेचने का काम करती थी. फिर, नंदलाल माधवलाल धूत ने कलर टीवी के व्यापार में उतरे अैर प्रति वर्ष 1 लाख टीवी सेट बनाने के लक्ष्य के साथ वीडियोकॉन इंटरनेशनल की स्थापना की. साल 1990 आते-आते कंपनी ने एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर और होम एंटरटेनमेंट सिस्टम जैसे उत्पादों को भी अपने पोर्टफोलियो में जोड़ लिया. अगले ही साल 1991 में धूत ब्रदर्स ने वीडियोकॉन को रीब्रांड किया. इसके बाद वीडियोकॉन देश में सबसे प्रतिष्ठित उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांडों में से एक सूची में शामिल हो गया।

एनसीएलटी ने दिवालिया वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के अधिग्रहण को दी मंजूरी

राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण की मुंबई बेंच ने मंगलवार को वेदांता समूह की कंपनी ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज द्वारा दिवालिया वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी. अनिल अग्रवाल की वॉलकन इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड ने लंदन स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि उसकी ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीस इण्डिया लिमिटेड ने भारत के दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता कानून के तहत वीडियोकॉन समूह की कंपनियों के लिए एक समाधान योजना पेश की है.

रावा क्षेत्र में हिस्सेदारी बढ़कर 47.5 प्रतिशत हो जाएगी

कंपनी ने कहा, ‘‘वीडियोकॉन संपत्ति के अधिग्रहण प्रस्ताव में 292 करोड़ का अग्रिम भुगतान शामिल है. जो कुल बोली मूल्य के दस प्रतिशत से भी कम है. शेष राशि का भुगतान अधिग्रहण की तारीख से दो साल पूरे होने के बाद किया जाएगा.’’वॉलकन इंवेस्टमेंट्स ने कहा, ‘‘वीडियोकॉन के अधिग्रहण को लेकर हम उत्साहित हैं और विशेष कर रावा तेल क्षेत्र में उसकी 25 प्रतिशत हिस्सेदारी को लेकर. इस अधिग्रहण से रावा क्षेत्र में हमारी हिस्सेदारी बढ़कर 47.5 प्रतिशत हो जाएगी.’’

दिवालिया होने वाली पहली 12 कंपनियों में से एक

वीडियोकॉन एक कंज्यूमर ड्यूरेबल्स कंपनी है जो वाशिंग मशीन से लेकर एयर-कंडीशनर बनाती है. वीडियोकॉन 2017 में भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश के बाद दिवालिया होने वाली पहली 12 कंपनियों में से एक थी. कंपनी पर 12 नवम्बर 2018 तक 59,451.87 करोड़ रुपए का बकाया कर्ज है जिसमें से 57,443.62 करोड़ रुपये तीन दर्जन से अधिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों का है. इसके अलावा 25,553 करोड़ रुपए का दावा अन्य परिचालन रिणदाताओं का है.

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