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ये है तिरुपति भगदड़ की असली सच्चाई

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सामने आई तस्वीरों में इलाके में भारी पुलिस बल देखा जा सकता है. वहीं कई लोग एंबुलेंस में ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, काउंटर पर टोकन लेने के दौरान करीब 60 लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े. भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई. कुछ श्रद्धालुओं ने पुलिस की ओर से लापरवाही बरते जाने का आरोप लगाया है.अब तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के अध्यक्ष बीआर नायडू ने इस घटना के पीछे किसी भी साजिश से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि यह एक दुर्घटना थी.मंदिर में हजारों की तादाद में एकादशी दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जुटी थी और दर्शन करने के लिए लोग टोकन ले रहे थे. टोकन की लंबी कतार लगी हुई थी, तब ही कई लोगों को पट्टीका पार्क जाने के लिए कहा गया और भगदड़ मच गई. इस हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 40 घायल हो गए हैं.

रुपति मंदिर में बुधवार देर रात एकादशी दर्शन के लिए भीड़ जुटी थी. जब भी श्रद्धालु मंदिर में जाते हैं तो सबकी तमन्ना दर्शन करने के लिए होती है, इसी के चलते मंदिर में दर्शन करने के लिए लोग लंबी कतार में टोकन लेने के लिए कतार में लगे थे.

कैसे मची भगदड़?

जानकारी के मुताबिक, टोकन लेने के लिए लगभग 4 हजार लोग लंबी कतार में लगे थे और महज 91 काउंटर टोकन देने के लिए लगाए थे. देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई. इस भीड़ में महिलाएं, बुजुर्ग सभी शामिल थे. लोगों को पट्टीडा पार्क जाने के निर्देश दिए गए थे और पट्टीडा जाने में ही भगदड़ मची. लोग एक-दूसरे पर चढ़ गए और 6 लोगों की मौत हो गई.

TTD ने मांगी माफी

इस हादसे के बाद टीटीडी बोर्ड मेंबर भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा, मंदिर में एकादशी दर्शन के लिए टोकन बांटे जा रहे थे, इस के लिए हम ने 91 काउंटर खोले थे. यह बहुत दुखद है की भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए हैं. हम सभी को मेडिकल फेसेलिटी दे रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा, आज तक टीटीडी के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है. मैं सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगता हूं.

टीटीडी के चेयरमेन बी.आर. नायडू ने कहा, भगदड़ भारी भीड़ इकट्ठी होने की वजह से मची. कल सीएम साहब सब कुछ बताएंगे, आज पूरी रिपोर्ट सामने आएगी. कुल 6 लोगों की इस हादसे में मौत हुई है, जिनमें से कुछ तमिलनाडु से हैं और कुछ आंध्र प्रदेश से हैं. फिलहाल, एक शव की पहचान हो चुकी है और 5 की पहचान होनी बाकी है.

तिरुपति नगर आयुक्त, मौर्य ने भी कहा, “एमजीएम स्कूल में एक को छोड़कर (दर्शन के लिए टोकन लेने के लिए) हर काउंटर पर बहुत शांति के साथ टोकन लिए जा रहे थे. एमजीएम स्कूल में लगे काउंटर में ही भगदड़ मची. वहां एक साथ 4000 से 5000 लोग इकट्ठा थे.

कई सवाल हुए खड़े

तिरुपति हादसे के बाद जहां टीटीडी ने दुख व्यक्त किया है और लोगों से माफी मांगी है, वहीं इस हादसे के बाद कई सवाल उठते हैं. जिनके जवाब अभी सामने नहीं आए हैं.

  1. तिरुपति हादसे का जिम्मेदार कौन ?
  2. टिकट के लिए सिर्फ 91 काउंटर क्यों?
  3. टोकन देने में बदइंतजामी क्यों?
  4. पट्टीडा पार्क में कतार लगाने का फैसला क्यों?
  5. 4000 लोगों को शिफ्ट करने का फैसला किसका?
  6. श्रद्धालुओं की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा?

हादसे पर सीएम ने क्या कहा?

तिरुपति हादसे के बाद सामने आए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि हर तरफ लोग भाग रहे हैं, कुछ लोग एक-दूसरे को CPR दे रहे हैं. साथ ही 4 हजार लोगों को जब एक साथ पट्टीडा पार्क में जाने के लिए कहा गया तब ही भगदड़ मची.

इस हादसे के बाद सीएम चंद्रबाबू नायडू ने दुख जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, इस हादसे से वो हैरान हो गए हैं. उनमें से कुछ की हालत गंभीर होने की सूचना के मद्देनजर, मैंने उच्च अधिकारियों को मौके पर जाने के निर्देश दिए हैं ताकि घायलों को बेहतर मेडिकल फेसिलिटी दी जा सके. मैं समय-समय पर जिला और टीटीडी अधिकारियों से बात कर रहा हूं और स्थिति का जायजा ले रहा हूं.

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